इंदौर। इंदौर में 'एक पेड़ मां के नाम' अभियान के तहत पौधरोपण का रिकॉर्ड बने अभी दो दिन ही गुजरे हैं कि कैबिनेट मंत्री कैलाश विजयवर्गीय के बाद उनकी विरोधी माने जाने वाली पूर्व लोकसभा अध्यक्ष व बीजेपी की वरिष्ठ नेत्री सुमिित्रा महाजन ने भी अहिल्या उत्सव के तहत शहर भर में पौधरोपण अभियान चलाने का ऐलान कर दिया है. सुमित्रा महाजन ने शहर के तमाम मंदिरों में विधायकों और पार्षदों के साथ इस अभियान की रणनीति तैयार की है. इसके तहत शहर के सभी वार्ड के मंदिरों के प्रांगण में पौधे लगाए जाएंगे.
मुख्यमंत्री क्यों पहुंचे सुमित्रा महाजन से मिलने
दरअसल कैलाश विजयवर्गीय के आयोजन में सुमित्रा महाजन की सक्रिय भागीदारी नहीं होने के कारण नए सिरे से इस अभियान की रूपरेखा तैयार की गई है. हालांकि रिकॉर्ड वाले दिन ही इस स्थिति को भांपकर मुख्यमंत्री मोहन यादव सुमित्रा महाजन के घर सौजन्य भेंट करने पहुंचे थे. बताया जा रहा है कि तब भी यह मामला उठा था. अब सक्रिय राजनीति से दूर रहने और एक कार्यकर्ता की तरह ही काम करने का दावा करने वाली सुमित्रा महाजन ने अहिल्या उत्सव के कार्यक्रमों के रूप में एक बार फिर शहर में राजनीतिक सक्रियता दिखाने का फैसला किया है. शहर में करीब 2 इंच बारिश होने के बावजूद वह शहर के प्राचीन इंद्रेश्वर महादेव मंदिर में उत्तम बारिश के लिए बाकायदा अभिषेक करने पहुंची.
अहिल्या बाई होल्कर की पुण्यतिथि के बाद चलेगी मुहिम
अभिषेक करने के बाद मंदिर प्रांगण में ही सुमित्रा महाजन ने ऐलान किया "1 सितंबर को अहिल्या बाई होल्कर की पुण्यतिथि पर बाकायदा रुद्राभिषेक होगा और इसके बाद शहर के सभी मंदिरों में पौधरोपण अभियान की शुरुआत की जाएगी. अभियान में लोगों को विधानसभा वार शामिल किया जाएगा. अभियान के तहत संबंधित विधानसभाओं के वार्डों के मंदिरों में पौधे लगाए जाएंगे. पौधारोपण का मुख्य कार्यक्रम 28 जुलाई को होगा." माना जाता है कि प्रधानमंत्री के एक पेड़ मां के नाम अभियान के इंदौर में क्रियान्वयन को लेकर कैलाश विजयवर्गीय ने जिस तरह से 10 साल बाद राजनीतिक एंट्री की है, उससे कहीं ना कहीं सुमित्रा महाजन और विजयवर्गीय कैंप से दूर रहने वाले विधायक भी अपना राजनीतिक अस्तित्व बनाए रखना चाहते हैं.
विजयवर्गीय के विरोधी विधायक सुमित्रा महाजन के साथ
इंदौर में बीजेपी विधायकों में मालिनी लक्ष्मण सिंह गौड, उषा ठाकुर और मनोज पटेल ऐसे हैं, जिनकी सुमित्रा महाजन की तरह ही पौधारोपण अभियान में कोई भागीदारी नहीं रही. वहीं कांग्रेस से आए पूर्व विधायक संजय शुक्ला, विशाल पटेल के अलावा रमेश मेंदोला, मधु वर्मा और महापौर पुष्यमित्र भार्गव पौधरोपण के दौरान सक्रिय भूमिका में नजर आए. इंदौर के इन राजनीतिक हालातों के बीच पौधरोपण के पूरे अभियान में सुमित्रा महाजन इसलिए भी नदारद रही, क्योंकि बीते दिनों सुमित्रा महाजन द्वारा आयोजित अहिल्या उत्सव कार्यक्रम में कैलाश विजयवर्गीय को मंच पर जगह नहीं मिल पाई थी. संभवत: अमित शाह के आगमन के दौरान उन्हें रेवती रेंज के कार्यक्रम का आमंत्रण भी नहीं मिला, जिसके फलस्वरूप मुख्यमंत्री मोहन यादव रेवती रेंज पर आयोजित गृह मंत्री अमित शाह के कार्यक्रम के बाद सुमित्रा महाजन से मिलने उनके निवास पर पहुंचे थे.
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दोनों खेमों से अब तक कोई बयानबाजी नहीं
मुख्यमंत्री से सुमित्रा महाजन ने पौधरोपण अभियान में अपनी भागीदारी नहीं होने का जिक्र भी किया था. अब सुमित्रा महाजन एक बार फिर शहर में अपनी राजनीतिक मौजूदगी दर्शाने के लिए मैदान संभालने जा रही हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि भाई के खेमे के सामने एक बार फिर ताई का खेमा राजनीतिक रूप से एक दूसरे की कितनी मोर्चाबंदी कर पाता है. हालांकि दोनों ही पक्षों की ओर से किसी भी तरह के राजनीतिक विरोध अथवा खेमेबाजी को लेकर कभी कोई स्वीकृति या बयानबाजी नहीं हुई, लेकिन इंदौर की राजनीति में ताई और भाई के दोनों खेमों के बीच तनातनी जगजाहिर रही है.