इंदौर। एरोड्रम थाना पुलिस ने एक युवती की शिकायत पर युवक के खिलाफ दुष्कर्म सहित विभिन्न धाराओं में प्रकरण दर्ज कर गिरफ्तार किया था. पुलिस की प्रारंभिक जांच में ये बात सामने आई कि युवक ने युवती को पहले एरोड्रम थाना क्षेत्र से गाड़ी में बिठाया और उसके बाद किशनगंज थाना क्षेत्र में ले जाकर उसके साथ दुष्कर्म किया. इसके बाद किशनगंज पुलिस ने दुष्कर्म का प्रकरण दर्ज कर एरोड्रम पुलिस को जानकारी दी. एरोड्रम थाने पर पदस्थ पुलिसकर्मी भागीरथ जाट ने भी बिना कोई जांच के आरोपी को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश कर दिया.
कोर्ट में युवती ने बताई हकीकत
कोर्ट में युवती ने जानकारी दी कि उसका ऑटो चालक से किसी बात को लेकर विवाद हुआ था. एरोड्रम पुलिस से उसने प्रकरण दर्ज करवा दिया. लेकिन किशनगंज पुलिस ने एरोड्रम पुलिस को दुष्कर्म के मामले में प्रकरण दर्ज किया हुआ दिया. एरोड्रम पुलिस ने भी कोई जांच नहीं की और दुष्कर्म के मामले में ही प्रकरण दर्ज कर आरोपी को पकड़कर कोर्ट के समक्ष पेश कर दिया. कोर्ट के समक्ष फरियादी ने पूरे मामले में पुलिस के कार्यप्रणाली पर सवाल खड़े कर दिए. कोर्ट ने युवती के बयानों के आधार पर आरोपी को बरी किया.
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इंदौर पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल
इसके साथ ही कोर्ट ने जिन पुलिसकर्मियों ने गलत कार्रवाई की, उन पर सवाल खड़े किए. बरी हुए आरोपी के वकील ने फर्जी केस लगाने वाले पुलिसकर्मी भागीरथ जाट और किशनगंज थाने पर पदस्थ महिला पुलिसकर्मी के खिलाफ मानहानि के रूप में एक करोड़ रुपए का परिवाद दायर करने की बात कही है. अधिवक्ता कृष्णकुमार कुन्हरेन ने इस पूरे मामले की जानकारी दी.