इंदौर। देश के चुनिंदा शहरों में बनाए गए प्रधानमंत्री लाइट हाउस प्रोजेक्ट से रहवासियों का 3 महीने में ही मोहभंग होने लगा है. स्थिति यह है कि हाल ही में तैयार किए गए इन घरों में रहवासी लीकेज और जर्जर निर्माण से परेशान हैं. लाखों के फ्लैट खरीदने वाले लोगों ने इनमें आ रही समस्याओं को लेकर कंस्ट्रक्शन कंपनी पर घटिया निर्माण के आरोप लगाए हैं.
1024 फ्लैट बनकर तैयार
इंदौर की कनाड़िया स्थित गुलमर्ग परिसर में पीएम लाइट हाउस प्रोजेक्ट के तहत 1024 फ्लैट तैयार किए गए हैं. प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत लोगों को सब्सिडी के तौर पर फ्लैट आवंटित किए गए थे. इन फ्लैटों में फिलहाल लगभग 300 परिवार यहां रह रहे हैं. इन फ्लैटों के कंस्ट्रक्शन की 3 माह में ही पोल खुलती नजर आ रही है.
लीकेज,दरारें,पीने का पानी नहीं होने का आरोप
पीएम लाइट हाउस प्रोजेक्ट के फ्लैटों में रहने वाले लोग परेशान हैं. लोगों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह ड्रीम प्रोजेक्ट है लेकिन इस ड्रीम प्रोजेक्ट की कंस्ट्रक्शन कंपनियों ने धज्जियां उड़ा दी हैं. यहां रहने वाली पूजा रजक का आरोप है कि यहां पर नई बिल्डिंग में अभी से दरारें आ रही हैं. जगह-जगह से बिल्डिंग में लीकेज हो रहा है. दरवाजे टूट रहे हैं, वॉशरूम में पानी नहीं आ रहा है.
दूसरे रहवासी विनोट पाटीदार का आरोप है कि यहां पीने के पानी की समुचित व्यवस्था ही नहीं की गई है. कंस्ट्रक्शन अधिकारी उनकी समस्या को सुनने के बजाय समस्या कहने वालों पर ही दबाव बना रहे हैं. रहवासियों का कहना है कि इस मामले की कलेक्टर से शिकायत की जाएगी और जरुरत पड़ी तो कोर्ट भी जाएंगे. यहां के अधिकांश रहवासियों का यही कहना है कि सभी फ्लैटों में एक जैसी ही समस्या आ रही है.
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नगर निगम ने जारी किया नोटिस
रहवासियों की शिकायत के बाद नगर निगम ने कंस्ट्रक्शन कंपनी को नोटिस जारी कर दिया है. नोटिस में नगर निगम ने निर्माण कंपनी को चेतावनी देते हुए लिखा है कि "लाइट हाउस प्रोजेक्ट के फ्लैट के वॉल पैनल में क्रैक आ रहे हैं, बाथरूम में लीकेज और दरवाजे भी खराब हो चुके हैं, लिहाजा लीकेज और अन्य परेशानी को सभी फ्लैटों में जल्द से जल्द दुरुस्त किया जाए." सवाल यही है कि नोटिस के बावजूद समस्या जस की तस बनी हुई है.