इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर इंदौर में प्रदूषण फैलाने वाली पॉलिथीन ग्लास बनाने को लेकर कार्रवाई की गई. डिस्पोजेबल पॉलिथीन ग्लास बनाने की अनुमति किसी भी उद्योग को नहीं है. लेकिन इंदौर के एक उद्योग में इसे चोरी छुपे बनाते पकड़ा गया है. इस उद्योग को कुछ डिस्पोजेबल आइटम तैयार करने का लाइसेंस मिला हुआ था लेकिन पॉलिथीन ग्लास पर पूरी तरह बैन लगा है. उद्योग पर कार्रवाई करते हुए लाइसेंस रद्द कर पूरी तरह से इसे बंद करने की बात कही गई है.
प्रतिबंधित प्रोडक्ट का निर्माण
सवेरा डिस्पोजल नामक उद्योग में प्रतिबंधित प्लास्टिक ग्लास का निर्माण और अमानत पॉलिथीन बनाने काम चल रहा था. उद्योग के पास केवल प्लास्टिक कंटेनर और डिस्पोजेबल ट्रे बनाने का लाइसेंस था. रूटिंग स्वच्छता अभियान की कार्रवाई के लिए नगर निगम की टीम पलड़ा क्षेत्र पहुंची थी. जब टीम इस उद्योग के सामने से गुजर रही थी तो उद्योग के कर्मचारियों ने अचानक गेट बंद करने का प्रयास किया. ऐसे में नगर निगम की टीम को यहां पर कुछ गड़बड़ होने की आशंका हुई और अधिकारियों ने उद्योग में जाकर उसकी जांच- पड़ताल करने लगे तो पाया कि प्रतिबंधित प्रोडक्ट का निर्माण किया जा रहा है.
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प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने की कार्रवाई
नगर निगम ने उद्योग में चल रहे प्रतिबंधित प्रोडक्ट निर्माण की सूचना प्रदूषण नियंत्रण मंडल को दी. प्रदूषण नियंत्रण मंडल ने जांच की तो भारी मात्रा में प्रतिबंधित प्रोडक्ट पाया गया. उद्योग के खिलाफ पॉलिथीन बनाने और उसका संग्रहण करने पर 1 लाख रुपए का स्पॉट फाइन कर राशि वसूल की गई. बताया जा रहा है कि उद्योग को जो प्लास्टिक कंटेनर इत्यादि बनाने का लाइसेंस प्राप्त था वह भी 3 साल पहले ही निरस्त हो चुका है. स्वास्थ्य अधिकारी सुनील जायसवाल और म.प्र. प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सुनील जैन ने बताया संबंधित उद्योग में 122 कार्टून जब्त किए गए. वहीं अब उद्योग पर कड़ी कार्रवाई की जा रही है और इसे पूरी तरह बंद कराने की तैयारी है.