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फूल नहीं लकड़ी की माला, दिवंगत संग जाएगी आपकी संवेदना, अंतिम संस्कार में नए माला का ट्रेंड - Wooden Garland Used Pay Tribute - WOODEN GARLAND USED PAY TRIBUTE

इंदौर की करुणा सागर संस्था ने एक नई पहल की है. अंतिम संस्कार से पहले श्रद्धांजलि देने के लिए इस्तेमाल होने वाली फूलों की मालाओं का विकल्प निकाला है. दाह संस्कार के समय इन मालाओं को शव से उतार कर फेंक दिया जाता है. इससे बचने के लिए संस्था लकड़ी की माला उपलब्ध कराएगी. इसको शव के साथ जलाया भी जा सकता है.

WOODEN GARLAND USED PAY TRIBUTE
फूलों की माला की जगह इस्तेमाल होगी लकड़ी की माला (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Sep 28, 2024, 10:26 PM IST

Updated : Sep 29, 2024, 7:43 AM IST

इंदौर: अंतिम संस्कार के दौरान मृतक को फूलों की माला पहना कर करीबी लोग अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. लेकिन दाह संस्कार के समय इन मालाओं को शव से उतार कर फेंक दिया जाता है. जो एक तरह से लोगों द्वारा व्यक्त की गई संवेदना का अपमान की तरह लगता है. अब इससे बचने के लिए शहर के मुक्तिधामों के बाहर लकड़ी की बनी माला उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए करुणा सागर नामक सामाजिक संस्था ने यह जिम्मा उठाया है. इसकी शुरुआत पंचकुइयां मुक्तिधाम से होगी.

फूल की माला की जगह लकड़ी की माला

प्रदेश में यह पहला प्रयास होगा, जब अंतिम संवेदना प्रकट करने के लिए इस्तेमाल माला को पूरा सम्मान दिया जाएगा. इसके लिए करुणा सागर संस्था ने एक शानदार पहल की है. संस्था प्रमुख राजू सागर ने बताया कि, दिवंगत के प्रति आखिरी समय में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए तरह-तरह की मालाएं पार्थिव शरीर पर चढ़ाई जाती हैं. लेकिन दाह संस्कार के समय उन मालाओं को शव से उतारकर मुक्तिधाम में ही इधर-उधर फेंक दिया जाता है. इससे श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले की संवेदनाओं को ठेस पहुंचती है.''

श्रद्धांजलि देने के लिए इस्तेमाल होगी लकड़ी की माला (ETV Bharat)

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पंचकुइयां मुक्तिधाम से होगी शुरूआत

राजू सागर ने आगे बताया, ''इस स्थिति से निपटने के लिए हमारी संस्था ने मैसूर से 40, 50 और 60 रुपये की माला की खरीद की है. यह माला लकड़ी की बनी है. इसको शहर के सभी मुक्तिधाम के बाहर शव यात्रा में आने वाले लोगों के लिए इसके खरीद मूल्य पर ही उपलब्ध कराया जाएगा.'' सागर के मुताबिक, श्राद्ध पक्ष में सोमवार को शहर के पंचकुइयां मुक्तिधाम स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर के पास सुबह 9 बजे इन मालाओं की दुकान का शुभारंभ किया जाएगा. पहले एक दुकान खोली जाएगी, फिर शहर के सभी मुक्तिधाम के आस-पास दर्जनों दुकानें खुल जाएंगी. उन्होंने कहा लकड़ी की बनी होने के कारण इनको शव के साथ जलाया भी जा सकता है.

इंदौर: अंतिम संस्कार के दौरान मृतक को फूलों की माला पहना कर करीबी लोग अपनी संवेदना व्यक्त करते हैं. लेकिन दाह संस्कार के समय इन मालाओं को शव से उतार कर फेंक दिया जाता है. जो एक तरह से लोगों द्वारा व्यक्त की गई संवेदना का अपमान की तरह लगता है. अब इससे बचने के लिए शहर के मुक्तिधामों के बाहर लकड़ी की बनी माला उपलब्ध कराई जाएगी. इसके लिए करुणा सागर नामक सामाजिक संस्था ने यह जिम्मा उठाया है. इसकी शुरुआत पंचकुइयां मुक्तिधाम से होगी.

फूल की माला की जगह लकड़ी की माला

प्रदेश में यह पहला प्रयास होगा, जब अंतिम संवेदना प्रकट करने के लिए इस्तेमाल माला को पूरा सम्मान दिया जाएगा. इसके लिए करुणा सागर संस्था ने एक शानदार पहल की है. संस्था प्रमुख राजू सागर ने बताया कि, दिवंगत के प्रति आखिरी समय में अपने श्रद्धा सुमन अर्पित करने के लिए तरह-तरह की मालाएं पार्थिव शरीर पर चढ़ाई जाती हैं. लेकिन दाह संस्कार के समय उन मालाओं को शव से उतारकर मुक्तिधाम में ही इधर-उधर फेंक दिया जाता है. इससे श्रद्धांजलि अर्पित करने वाले की संवेदनाओं को ठेस पहुंचती है.''

श्रद्धांजलि देने के लिए इस्तेमाल होगी लकड़ी की माला (ETV Bharat)

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पंचकुइयां मुक्तिधाम से होगी शुरूआत

राजू सागर ने आगे बताया, ''इस स्थिति से निपटने के लिए हमारी संस्था ने मैसूर से 40, 50 और 60 रुपये की माला की खरीद की है. यह माला लकड़ी की बनी है. इसको शहर के सभी मुक्तिधाम के बाहर शव यात्रा में आने वाले लोगों के लिए इसके खरीद मूल्य पर ही उपलब्ध कराया जाएगा.'' सागर के मुताबिक, श्राद्ध पक्ष में सोमवार को शहर के पंचकुइयां मुक्तिधाम स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर के पास सुबह 9 बजे इन मालाओं की दुकान का शुभारंभ किया जाएगा. पहले एक दुकान खोली जाएगी, फिर शहर के सभी मुक्तिधाम के आस-पास दर्जनों दुकानें खुल जाएंगी. उन्होंने कहा लकड़ी की बनी होने के कारण इनको शव के साथ जलाया भी जा सकता है.

Last Updated : Sep 29, 2024, 7:43 AM IST
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