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25 मई से शुरू हो रहे हैं नौतपा, जानिए ज्योतिष के अनुसार क्यों पड़ती है नौतपा में भीषण गर्मी - Nautapa 2024

25 मई से शुरू होने वाले नौतपा 2 जून को समाप्त होंगे. इन दिनों भीषण गर्मी पड़ने के आसार रहते हैं. ऐसा कहा जाता है कि इन 9 दिनों तक सूर्य पृथ्वी के काफी करीब आ जाता है, इसीलिए सूर्य की किरणें सीधे धरती पर पड़ती हैं. वैसे भी इन दिनों कई राज्यों में पारा 42 डिग्री के पार पहुंच चुका है. इसलिए इस बार नौतपा में अच्छी तपन होगी.

NAUTAPA 2024
25 मई से शुरू हो रहे हैं नौतपा (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 24, 2024, 8:08 AM IST

Updated : May 24, 2024, 11:15 AM IST

इंदौर। देश के विभिन्न राज्यों में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. कई राज्यों में पारा 42 डिग्री के पार पहुंच चुका है. इसी भीषण गर्मी के बीच अब 25 मई से 2 जून तक नौतपा शुरू होने वाला है. माना जाता है कि इस दौरान पूरे मौसम की सर्वाधिक गर्मी पड़ने वाली है. आइए इस ऑर्टिकल के माध्यम से जानते हैं कि नौतपा का ज्योतिषीय महत्व क्या है और इस दौरान आखिरकार इतनी गर्मी क्यों पड़ती है.

25 मई से शुरू हो रहे हैं नौतपा (Etv Bharat)

आसमान से होगी आग की बारिश

इंदौर के ज्योतिषी पंकज पाटनवाला कहते हैं कि पंचांगों के अनुसार सूर्य इस दिन रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा. 26 मई से मंगल शनि का सम सप्तक योग बनने से धरती जमकर तपेगी और उमस के साथ तपन लोगों को महसूस होगी. पुराणों के अनुसार नौतपा ज्यादा तपता है तो बारिश के आसार भी अधिक बनते हैं. वहीं इस नौतपा में कई योग भी बन रहे हैं जो भीषण गर्मी बढ़ाएंगे. यह भी दिलचस्प तथ्य है कि पिछले 5 वर्षों से नौतपा 25 मई को ही आ रहा है.

9 दिनों तक पृथ्वी के काफी करीब रहता है सूर्य

ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होकर वृष राशि के 10 से 20 अंश तक रहता है, तब नौतपा होता है. इन 9 दिनों तक सूर्य पृथ्वी के काफी करीब आ जाता है, इसीलिए ज्यादा गर्मी पड़ती है. वैसे तो रोहिणी नक्षत्र में सूर्य 15 दिनों तक रहता है, लेकिन शुरुआत के 9 दिनों तक भीषण गर्मी पड़ती है. इंदौर के ज्योतिषी पंकज पाटनवाला के मुताबिक, नौतपा के दौरान सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में होते हैं. रोहिणी नक्षत्र शुक्रदेव का नक्षत्र होता है और शुक्र देव सूर्य देव के शत्रु नक्षत्र होता है इसलिए सूर्य और शुक्र जब मिलते हैं तो इसी वजह से भीषण गर्मी पड़ती है. जिस तरह से हम संतान उत्पत्ति करते हैं, ठीक वैसे ही पेड़ पौधे भी हमारी संतान हैं, इसलिए नौतपा में पेड़ पौधे लगाना चाहिए. इसके अलावा पानी के प्याऊ ओर पानी के मटके दान करना चाहिए. साथ ही फलों का वितरण करना चाहिए.

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ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस समय में जो संतान उत्पन्न होती है, वह अति बलवान और मजबूत होती है. भगवान कृष्ण का जन्म भी इसी रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इधर ग्रामीण मौसम विशेषज्ञ एचएल खपेडिया की मानें तो 25 मई से शुरू होने वाले नौतपा के दौरान मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में तापमान 44-45 डिग्री के बीच होने की संभावना है.

इंदौर। देश के विभिन्न राज्यों में इन दिनों भीषण गर्मी पड़ रही है. कई राज्यों में पारा 42 डिग्री के पार पहुंच चुका है. इसी भीषण गर्मी के बीच अब 25 मई से 2 जून तक नौतपा शुरू होने वाला है. माना जाता है कि इस दौरान पूरे मौसम की सर्वाधिक गर्मी पड़ने वाली है. आइए इस ऑर्टिकल के माध्यम से जानते हैं कि नौतपा का ज्योतिषीय महत्व क्या है और इस दौरान आखिरकार इतनी गर्मी क्यों पड़ती है.

25 मई से शुरू हो रहे हैं नौतपा (Etv Bharat)

आसमान से होगी आग की बारिश

इंदौर के ज्योतिषी पंकज पाटनवाला कहते हैं कि पंचांगों के अनुसार सूर्य इस दिन रोहिणी नक्षत्र में प्रवेश करेगा. 26 मई से मंगल शनि का सम सप्तक योग बनने से धरती जमकर तपेगी और उमस के साथ तपन लोगों को महसूस होगी. पुराणों के अनुसार नौतपा ज्यादा तपता है तो बारिश के आसार भी अधिक बनते हैं. वहीं इस नौतपा में कई योग भी बन रहे हैं जो भीषण गर्मी बढ़ाएंगे. यह भी दिलचस्प तथ्य है कि पिछले 5 वर्षों से नौतपा 25 मई को ही आ रहा है.

9 दिनों तक पृथ्वी के काफी करीब रहता है सूर्य

ज्योतिष मान्यताओं के अनुसार जब सूर्य रोहिणी नक्षत्र में होकर वृष राशि के 10 से 20 अंश तक रहता है, तब नौतपा होता है. इन 9 दिनों तक सूर्य पृथ्वी के काफी करीब आ जाता है, इसीलिए ज्यादा गर्मी पड़ती है. वैसे तो रोहिणी नक्षत्र में सूर्य 15 दिनों तक रहता है, लेकिन शुरुआत के 9 दिनों तक भीषण गर्मी पड़ती है. इंदौर के ज्योतिषी पंकज पाटनवाला के मुताबिक, नौतपा के दौरान सूर्यदेव रोहिणी नक्षत्र में होते हैं. रोहिणी नक्षत्र शुक्रदेव का नक्षत्र होता है और शुक्र देव सूर्य देव के शत्रु नक्षत्र होता है इसलिए सूर्य और शुक्र जब मिलते हैं तो इसी वजह से भीषण गर्मी पड़ती है. जिस तरह से हम संतान उत्पत्ति करते हैं, ठीक वैसे ही पेड़ पौधे भी हमारी संतान हैं, इसलिए नौतपा में पेड़ पौधे लगाना चाहिए. इसके अलावा पानी के प्याऊ ओर पानी के मटके दान करना चाहिए. साथ ही फलों का वितरण करना चाहिए.

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ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस समय में जो संतान उत्पन्न होती है, वह अति बलवान और मजबूत होती है. भगवान कृष्ण का जन्म भी इसी रोहिणी नक्षत्र में हुआ था. इधर ग्रामीण मौसम विशेषज्ञ एचएल खपेडिया की मानें तो 25 मई से शुरू होने वाले नौतपा के दौरान मध्य प्रदेश के विभिन्न जिलों में तापमान 44-45 डिग्री के बीच होने की संभावना है.

Last Updated : May 24, 2024, 11:15 AM IST
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