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रिमूवल गैंग के जिस्म से उतरी आर्मी की वर्दी, विरोध के बाद बैकफुट पर इंदौर नगर निगम - indore removal gang dress change

इंदौर नगर निगम ने अपने उस फैसले को वापस ले लिया है, जिसमें उसने रिमूवल कर्मचारियों को सेना की जैसी वर्दी पहनने के आदेश दिये थे. यह फैसला कांग्रेस और पूर्व सैनिकों की आपत्ति के बाद लिया गया. महापौर पुष्यमित्र भार्गव का कहना है कि वर्दी की डिजाइन में संशोधन किया जाएगा, उसके बाद ही रिमूवल कर्मचारी और अधिकारी इसे पहन सकेंगे.

INDORE REMOVAL GANG DRESS CHANGE
आर्मी की वर्दी पर नगर निगम का यू टर्न (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : May 17, 2024, 8:41 AM IST

Updated : May 17, 2024, 9:26 AM IST

इंदौर नगर निगम ने लिया फैसला वापस (Etv Bharat)

इंदौर। शहर में अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के दौरान नगर निगम के कर्मचारी अपना रौब दिखा सके इसके लिए आर्मी जैसी जर्सी लांच की थी. लेकिन वर्दी पर उठे स्वर के बाद आखिरकार नगर निगम ने यू टर्न लेते हुए वर्दी की डिजाइन में फेरबदल करने का फैसला किया है. दरअसल महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने वर्दी को लेकर लगातार हो रहे विरोध और पूर्व सैनिकों की आपत्ति के बाद यह फैसला किया है. नगर निगम की वर्दी में परिवर्तन किया जाएगा उसके बाद ही निगम के रिमूवल कर्मचारी इसे पहन सकेंगे.

रिमूवल गैंग को दी थी आर्मी जैसी वर्दी

दरअसल नगर निगम ने अपने रिमूवल विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए आर्मी जैसी दिखने वाली वर्दी उपलब्ध कराई थी. नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने आर्मी जैसी वर्दी रिमूवल कर्मचारियों और अधिकारियों को पहनने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने नई वर्दी पहने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किये थे. इसके बाद से ही वर्दी को लेकर कांग्रेस ने विरोध शुरु कर दिया और नगर निगम द्वारा सेना का अपमान करना बताया था. इतना ही नहीं नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने अचानक वर्दी बदलने के फैसले पर आपत्ति जताई थी.

विरोध में आए पूर्व सैनिक, कांग्रेस ने बताया अपमान

नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे का कहना था कि ''नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी दस्ते को आर्मी की वर्दी पहनकर रिमूवल करना अनुचित है.'' इसके बाद से ही यह मामला गरमाया हुआ था. इस बीच पूर्व सैनिकों ने भी नगर निगम की नई वर्दी को लेकर आपत्ति जताई थी. विरोध के चलते नगर निगम प्रशासन को आखिरकार वर्दी मे संशोधन करने का फैसला लेना पड़ा. महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जानकारी देते हुए कहा कि, ''पूर्व सैनिकों ने नगर निगम की नई वर्दी को लेकर आपत्ति जताई थी, इसलिए वर्दी के संबंधित डिजाइन में बदलाव किया जाएगा, ताकि वर्दी सेना की न दिखे.''

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इसलिए पहनी थी सेना की वर्दी

दरअसल पुलिस और आर्मी की वर्दी को लेकर नगर निगम प्रशासन का मानना है कि, ''इस तरह की वर्दी पहनने से आम जनता में अधिकारियों-कर्मचारियों का अलग प्रभाव पड़ता है. कई बार अतिक्रमण विरोधी मुहिम में भी विवाद और हाथापाई की स्थिति में भी लोग वर्दी पहने अधिकारियों से विवाद और उनका विरोध नहीं कर पाएंगे. यही वजह है कि नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने अपने अधीन नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी दस्ते के अधिकारियों कर्मचारियों को यह वर्दी प्रदान की थी.

इंदौर नगर निगम ने लिया फैसला वापस (Etv Bharat)

इंदौर। शहर में अतिक्रमण विरोधी कार्रवाई के दौरान नगर निगम के कर्मचारी अपना रौब दिखा सके इसके लिए आर्मी जैसी जर्सी लांच की थी. लेकिन वर्दी पर उठे स्वर के बाद आखिरकार नगर निगम ने यू टर्न लेते हुए वर्दी की डिजाइन में फेरबदल करने का फैसला किया है. दरअसल महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने वर्दी को लेकर लगातार हो रहे विरोध और पूर्व सैनिकों की आपत्ति के बाद यह फैसला किया है. नगर निगम की वर्दी में परिवर्तन किया जाएगा उसके बाद ही निगम के रिमूवल कर्मचारी इसे पहन सकेंगे.

रिमूवल गैंग को दी थी आर्मी जैसी वर्दी

दरअसल नगर निगम ने अपने रिमूवल विभाग के अधिकारियों-कर्मचारियों के लिए आर्मी जैसी दिखने वाली वर्दी उपलब्ध कराई थी. नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने आर्मी जैसी वर्दी रिमूवल कर्मचारियों और अधिकारियों को पहनने के निर्देश दिए थे. जिसके बाद कुछ अधिकारियों और कर्मचारियों ने नई वर्दी पहने वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल किये थे. इसके बाद से ही वर्दी को लेकर कांग्रेस ने विरोध शुरु कर दिया और नगर निगम द्वारा सेना का अपमान करना बताया था. इतना ही नहीं नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे ने अचानक वर्दी बदलने के फैसले पर आपत्ति जताई थी.

विरोध में आए पूर्व सैनिक, कांग्रेस ने बताया अपमान

नगर निगम के नेता प्रतिपक्ष चिंटू चौकसे का कहना था कि ''नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी दस्ते को आर्मी की वर्दी पहनकर रिमूवल करना अनुचित है.'' इसके बाद से ही यह मामला गरमाया हुआ था. इस बीच पूर्व सैनिकों ने भी नगर निगम की नई वर्दी को लेकर आपत्ति जताई थी. विरोध के चलते नगर निगम प्रशासन को आखिरकार वर्दी मे संशोधन करने का फैसला लेना पड़ा. महापौर पुष्यमित्र भार्गव ने जानकारी देते हुए कहा कि, ''पूर्व सैनिकों ने नगर निगम की नई वर्दी को लेकर आपत्ति जताई थी, इसलिए वर्दी के संबंधित डिजाइन में बदलाव किया जाएगा, ताकि वर्दी सेना की न दिखे.''

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इसलिए पहनी थी सेना की वर्दी

दरअसल पुलिस और आर्मी की वर्दी को लेकर नगर निगम प्रशासन का मानना है कि, ''इस तरह की वर्दी पहनने से आम जनता में अधिकारियों-कर्मचारियों का अलग प्रभाव पड़ता है. कई बार अतिक्रमण विरोधी मुहिम में भी विवाद और हाथापाई की स्थिति में भी लोग वर्दी पहने अधिकारियों से विवाद और उनका विरोध नहीं कर पाएंगे. यही वजह है कि नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने अपने अधीन नगर निगम के अतिक्रमण विरोधी दस्ते के अधिकारियों कर्मचारियों को यह वर्दी प्रदान की थी.

Last Updated : May 17, 2024, 9:26 AM IST
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