इंदौर। इंदौर हाई कोर्ट में पिछले दिनों नाबालिग बेटी ने अपने पिता को लिवर ट्रांसप्लांट को लेकर याचिका लगाई थी. इस मामले में गुरुवार को सुनवाई हुई. कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड की रिपोर्ट को ध्यान से देखा और नाबालिग बेटी को अपने पिता को लिवर डोनेट करने की अनुमति दे दी. बता दें कि मध्यप्रदेश के इंदौर में यह पहला मामला सामने आया, जब एक नाबालिग ने अपने पिता को लिवर डोनेट करने को लेकर याचिका हाई कोर्ट में लगाई.
नाबालिग के पिता की हालत गंभीर
इंदौर के एक हॉस्पिटल में नाबालिग का पिता जिंदगी और मौत के बीच जंग लड़ रहे. शिवनारायण बाथम द्वारा याचिका हाई कोर्ट में दायर की गई थी. जिसमें उनकी नाबालिग बेटी द्वारा उन्हें अपना लिवर डोनेट करने को लेकर अनुमति देने की मांग की थी. नाबालिग को अंगदान अनुमति देने का यह मध्यप्रदेश का पहला मामला है. इसके लिए मेडिकल बोर्ड द्वारा भी अनुमति दी जा चुकी है. न्यायालय के इस फैसले के बाद अब नाबालिग बेटी अपने पिता को अंगदान कर सकेगी.
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एमपी हाईकोर्ट में दो बार हुई सुनवाई
बता दें कि इंदौर हाई कोर्ट में इस पूरे मामले को लेकर दो बार सुनवाई हुई. एक बार कोर्ट ने मेडिकल बोर्ड को लेकर नाराजगी जताई थी. इसके बाद मेडिकल बोर्ड ने नाबालिग की मेडिकल रिपोर्ट तैयार की और उसके बाद उसे कोर्ट के समक्ष पेश किया. कोर्ट ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद यह अनुमति दी है. अधिवक्ता निलेश मनोरे ने बताया "कोर्ट ने सारी दलीलें सुनने के बाद ये फैसला दिया है."