इंदौर: भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी (IIT) इंदौर की तरफ से लगातार कई तरह के रिसर्च किए जा रहे हैं. साथ ही शैक्षणिक और प्रायोगिक तौर पर भी विभिन्न बदलाव किए जा रहे हैं. वहीं, एआरटीआरएसी भारतीय सेना (ARTRAC) और भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान आईआईटी इंदौर की ओर से एमसीटीई ने शैक्षणिक और अनुसंधान क्षेत्रों में आपसी सहयोग को बढ़ावा देने के लिए एक एमओयू किया है.
साइबर सुरक्षा और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस पर जोड़
इस समझौते (एमओयू) का मकसद महत्वपूर्ण सैन्य समस्याओं का समाधान करना और संसाधन के अदला बदली को बढ़ावा देना है, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI), साइबर सुरक्षा और सिग्नल प्रोसेसिंग समेत वीएलएसआई प्रौद्योगिकी सहित उभरते विज्ञान में दोनों के प्रयासों के जरिए बदलाव और नई तकनीक को बढ़ावा देना है.
रक्षा तकनीक में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देगा एमओयू
भारतीय सेना के साथ किए गए एमओयू को लेकर आईआईटी इंदौर के निदेशक प्रो. सुहास एस. जोशी ने कहा, " शैक्षणिक समुदाय के लिए वास्तविक दुनिया की सैन्य चुनौतियों से जुड़ने और अनुसंधान परिणामों को समृद्ध करना जरूरी है. राष्ट्रीय रक्षा के लिए प्रभावशाली समाधान सुनिश्चित करने का अवसर है. एमसीटीई के कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल केएच गवास ने युद्ध की आधुनिक व्यावहारिक मांगों के साथ अकादमिक नवाचारों को संरेखित करने में इस सहयोग के महत्व पर जोर दिया. यह पहल प्रौद्योगिकी-संचालित युद्ध क्षेत्रों के लिए भारतीय सेना की तैयारियों में महत्वपूर्ण योगदान देगी. रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा देने के आत्मनिर्भर भारत दृष्टिकोण के अनुरूप होगी."
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एमओयू की खास बातें
- अहम कामों की अदला बदली करने के लिए फैकल्टी मेंबर और छात्रों के लिए स्ट्रक्चर एक्सचेंज प्रोग्राम
- सैन्य और शैक्षणिक जरूरतों के अनुरूप जॉइन ट्रेनिंग मॉड्यूल कैप्सूल पाठ्यक्रमों का विकास