इंदौर। इंदौर में गिरते वाटर लेवल को नियंत्रण में करने के लिए काम शुरू कर दिया गया है. इसके लिए शहर के सभी स्कूल, कॉलेज और व्यावसायिक केंद्रों समेत रहवासी क्षेत्र में वाटर रिचार्ज सिस्टम लगाने का काम किया जा रहा है. लोगों को प्रेरित किया जा रहा है कि वे अपने घरों और अन्य संस्थानों में वाटर रिचार्ज सिस्टम लगवाएं, वहीं जरुरत पड़ने पर प्रशासन ने इसे अनिवार्य करने की भी बात कही है.
परंपरागत जल स्रोतों का संरक्षण
इंदौर में भूजल के अत्यधिक दोहन और अनियंत्रित उपयोग से भूमिगत जल का स्तर लगातार गिर रहा है. स्थिति यह है कि इंदौर में 2012 में भूमिगत जल 150 मीटर था, जो 2023 तक 160 मीटर तक पहुंच गया. इंदौर शहर के अलावा पूरे मालवा के लिए भी जल स्तर की स्थिति चिंताजनक है. यही वजह है कि अब अंचल के नगरीय निकाय और नगर निगम ने बारिश की पानी का संग्रहण के लिए कदम उठाया है और परंपरागत जल स्रोतों नदी, नहर, तालाब और कुएं को संरक्षित किया जा रहा है.
15 सौ वर्ग फीट मकान में वाटर रिचार्ज सिस्टम जरुरी
बारिश के पानी का संरक्षण करने के लिए नगर निगम लगातार कोशिश कर रहा है. इसके लिए नगर निगम रहवासियों और शैक्षणिक संस्थानों आदि को वाटर रिचार्ज सिस्टम लगाने के लिए प्रोत्साहित कर रहा है. इसके अलावा शहर के बड़े शिक्षण संस्थानों और व्यवसायिक बिल्डिंग्स में वाटर रिचार्ज सिस्टम लगाना जरुरी किया जा रहा है. वहीं, 15 सौ वर्ग फीट के नक्शे में बनाए गए सभी मकानों के लिए वाटर रिचार्ज सिस्टम लगाना जरूरी कर दिया गया है.
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कचरा शुल्क में मिलेगा डिस्काउंट
वाटर रिचार्ज सिस्टम लगाने पर कचरा शुल्क में डिस्काउंट और नगर निगम के विभिन्न सुविधाओं में रियायत का भी प्रावधान किया गया है. नगर निगम कमिश्नर शिवम वर्मा ने बताया कि "शुरुआती दौर में शैक्षणिक संस्थानों कॉलेज और अन्य केंद्रों से वाटर रिचार्ज सिस्टम लगाने का अनुरोध किया जा रहा है, यदि फिर भी सकारात्मक स्थिति नहीं दिखाई दी तो इन संस्थानों में इसे अनिवार्य कर दिया जाएगा."