इंदौर। इंदौर हाईकोर्ट ने धार कलेक्टर और तत्कालीन जिला पंचायत सीईओ के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. ये मामला एक कर्मचारी को काम से हटाने से संबंधित है. उसने पूरे मामले में इंदौर हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी. इसके बाद कोर्ट ने सुनवाई कर दोनों अधिकारियों के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया है. इस मामले में 23 अक्टूबर को इंदौर हाई कोर्ट में सुनवाई होगी.
रोजगार योजना सहायक के पद से हटाया
मामले के अनुसार इंदौर हाई कोर्ट में मिथुन चौहान ने अधिवक्ता प्रसन्ना भटनागर के माध्यम से याचिका लगाई. अधिवक्ता प्रसन्ना भटनागर ने बताया " याचिकाकर्ता मिथुन चौहान ग्राम पंचायत नालछा धार में ग्राम रोजगार योजना सहायक पद पर था. अचानक उसका स्वास्थ्य खराब हो गया और वह एक दिन काम पर नहीं गया. इस कारण उसके खिलाफ कदाचरण बताते हुए बिना जांच और उसकी सुनवाई के उसे पद से हटा दिया गया. इसके विरोध में मिथुन ने याचिका दायर की."
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इंदौर हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया
मिथुन की अपील को खारिज कर दिया गया. इसके बाद उसने इंदौर हाई कोर्ट का रुख किया. उसने 2019 में रिट पिटीशन लगाई. हाई कोर्ट ने 22 अगस्त 2023 को आदेश दिया कि उसकी सेवा समाप्ति के आदेश को निरस्त किया जाए. साथ ही उसका 50 प्रतिशत पुराना वेतन भी वापस किया जाए. शासन ने इसके विरुद्ध अपील की लेकिन 3 जुलाई 2024 को अपील निरस्त हो गई. इसके बाद भी अधिकारियों ने हाई कोर्ट के आदेश का पालन नहीं किया. इसके बाद याचिकाकर्ता ने इंदौर हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की.