इंदौर: देश का सबसे स्वच्छ शहर इंदौर अब शहर वासियों को ट्रैफिक जाम से मुक्ति दिलाने के लिए फ्लाई ओवर सिटी के रूप में तब्दील होने जा रहा है. यहां केंद्र राज्य और रेलवे के अलावा नेशनल हाईवे के फिलहाल 17 ओवर ब्रिज बन रहे हैं. जबकि 28 अन्य ब्रिज प्रस्तावित हैं. ऐसे में माना जा रहा है कि इंदौर में हर व्यस्ततम सड़क पर अब ओवर ब्रिज नजर आएंगे. जिससे कि लोगों को ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिल सकेगी.
दरअसल, इंदौर प्रदेश का सबसे व्यस्ततम ट्रैफिक वाला शहर है. जहां वर्तमान में 20 फ्लाईओवर है. जो प्रदेश के अन्य शहरों में सबसे ज्यादा है. हाल ही में यहां 4 फ्लाईओवर का लोकार्पण हुआ है. जबकि 17 अन्य फ्लाईओवर बन रहे हैं. इसके अलावा इंदौर जिला प्रशासन ने 1400 करोड़ रुपए की लागत से 19 चौराहों पर नए फ्लाइवर का प्रस्ताव तैयार किया है. इस बीच इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने कुल 28 ब्रिज प्रस्तावित होने की जानकारी दी है. आज उन्होंने बताया 14 ब्रिज केंद्र सरकार ने स्वीकृत किए हैं. जबकि पांच ब्रिज रेलवे बना रहा है. इसी प्रकार पांच अन्य ब्रिज नेशनल हाईवे अथॉरिटी द्वारा प्रस्तावित है. जबकि चार अन्य ब्रिज सेतु बंधन योजना के तहत बनाए जाने हैं, जिनकी संख्या करीब 28 है.
फिलहाल यहां बनने हैं ब्रिज
इंदौर में जिन स्थानों पर फ्लाईओवर और रेलवे ओवरब्रिज का प्रस्ताव है. उनमें गांधीनगर चौराहे पर 128 करोड़, मरी माता तीन लाइन पर 40 करोड़, एमआर 10 पर रेलवे ओवरब्रिज का चौड़ीकरण 45 करोड़, एमआर 10 पर ही बाईपास का ओवर ब्रिज 75 करोड़ mr12 पर रेलवे ओवरब्रिज 42 करोड़, बॉम्बे अस्पताल चौराहे पर 70 करोड़, टीपीएस 4 और 5 के बीच 70 करोड़, कनाडिया रोड बाईपास कॉरिडोर पर 80 करोड़, mr9 रोबोट चौराहे पर 75 करोड़ mr9 अब रोड पर 70 करोड़ बड़ा गणपति तीन लाइन पर 28 करोड़, महू नाका चौराहे पर 70 करोड़ चाणक्यपुरी चौराहे पर 75 करोड़, गोपुर चौराहे पर 75 करोड़ और राजीव गांधी चौराहा पर 200 करोड रुपए का ओवरब्रिज बनाए जाने का प्रस्ताव है.
इसके अलावा लिंग चौराहे पर 33 करोड़ इंडस्ट्री हाउस पलासिया चौराहे पर 70 करोड़, गीता भवन चौराहे पर 28 करोड़ शिवाजी वाटिका से जीपीओ पर 73 करोड़ और नौलखा फ्लावर 33 करोड रुपए की लागत से बनाया जा रहे हैं.
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इंदौर विकास प्राधिकरण खर्च करेगा 400 करोड़
इंदौर विकास प्राधिकरण के सीईओ राम प्रसाद अहिरवार के मुताबिक 'इंदौर विकास प्राधिकरण की स्कीम में सरकारी जमीनों का उपयोग फंड इकट्ठा करने के लिए किया जाएगा. इसके अलावा केंद्र और नेशनल हाईवे अथॉरिटी अपने-अपने स्तर पर फ्लावर की राशि स्वीकृत कर चुके हैं. ऐसे में स्पष्ट है कि भविष्य में इंदौर सर्वाधिक फ्लावर वाला शहर होगा जहां लोगों को ट्रैफिक जाम से मुक्ति मिल सकेगी.