इंदौर। इंदौर के जिला अस्पताल परिसर के पीछे लाल कपड़े में एक कछुए को 2 महीने पहले दफनाया गया था. कछुए को दफनाने के दौरान बाकायदा नमक एवं तंत्र क्रिया में उपयोग होने वाली अन्य सामग्री का भी उपयोग किया गया. हाल ही में शहर की चंदन नगर पुलिस को शिकायत मिली थी. इसमें कहा गया था कि जिला अस्पताल के कर्मचारी शेखर जोशी, अशोक मालवीय और संजय काकडे द्वारा तंत्र क्रिया के बाद अस्पताल परिसर के पीछे कछुए को दफनाया गया है.
वीडियो बनाकर की पुलिस से शिकायत
इस मामले के कुछ वीडियो शिकायत के साथ पुलिस को भी दिए गए. शनिवार को पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए मौके पर पहुंचकर अस्पताल के पीछे खुदाई कर कछुए को जमीन से निकलवाया. इस दौरान पुलिस को लाल कपड़ा एवं अन्य सामग्री भी मिली है. माना जा रहा है कि कछुए पर पहले तंत्र क्रिया की गई. उसके बाद उसे विधिविधान से दफनाया गया था. वहीं, अस्पताल कर्मचारियों का कहना है कि कुछ दिनों पहले कुत्तों ने कछुए को नोचकर मार दिया था, जिसका विधि विधान से अंतिम संस्कार किया था.
अस्पताल स्टाफ ने तंत्र क्रिया से किया इनकार
अस्पताल स्टाफ का कहना है कि कुछ लोगों ने द्वेष के कारण वीडियो बना लिए थे, जिसके आधार पर पुलिस में शिकायत की गई. जांच के बाद मामले की सच्चाई सामने आ जाएगी. वहीं पुलिस का कहना है कि कछुए को पोस्टमार्टम के लिए भेजा है. इस पूरे मामले में जांच के बाद शिकायत के आधार पर संबंधित दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जा सकती है. वहीं वन विभाग ने भी इस मामले में वन्य प्राणी अधिनियम के तहत प्रकरण दर्ज करने की तैयारी शुरू कर दी है.