ETV Bharat / state

फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकार पुलिस विभाग में आरक्षक बन गया, इंदौर कोर्ट ने सुनाई सख्त सजा

Indore district court : इंदौर में एक व्यक्ति ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकर पुलिस विभाग में आरक्षक की नौकरी पा ली. इस मामले में आरोपी को सख्त सजा सुनाई गई है. साथ ही जुर्माना भी लगाया गया है. आरोपी ब्राह्मण है, जबकि प्रमाण पत्र कोरी जाति का बनवाया.

constable in police department using fake caste certificate
फर्जी जाति प्रमाण पत्र लगाकार पुलिस विभाग में आरक्षक बन गया
author img

By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Feb 2, 2024, 12:56 PM IST

इंदौर। इंदौर जिला अदालत ने फर्जी दस्तावेज लगाकर पुलिस की नौकरी प्राप्त करने के मामले में सजा सुनाई है. कोर्ट के समक्ष विभिन्न तरह के दस्तावेज और साक्ष्य पुलिस द्वारा उपलब्ध करवाए गए. इसी आधार पर कोर्ट ने पुलिसकर्मी को ही दंडित किया है. जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्‍तव ने बताया कि 30 जनवरी 2024 को चतुर्थ अपर सत्र न्‍यायालय जयदीप सिंह ने थाना छोटी ग्वालटोली इंदौर के मामले में निर्णय पारित करते हुए आरोपी सत्‍यनारायण वैष्‍णव (59) को 10 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.

ये है पूरा मामला

इसके साथ ही 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास व कुल 4 हजार का अर्थदण्ड लगाया. अपर लोक अभियोजक हेमन्‍त राठौर के अनुसार साल 2006 में सत्यनारायण ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर पुलिस सेवा में नौकरी प्राप्त की. इस संबंध में जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ, जिसकी जांच के संबंध में आवेदिका वर्षा साधू, आरोपी सत्यनारायण, ऋषि कुमार अग्निहोत्री एवं ईश्वर वैष्णव के कथन लिए गए. जिसमें उन्होंने बताया कि सत्यनारायण वैष्णव ने कोरी समाज का जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नौकरी प्राप्त की.

ALSO READ:

ब्राह्मण ने बनवाया कोरी जाति प्रमाणपत्र

वहीं, आरोपी के पिता रामचरण वैष्णव, उसका बडा भाई श्यामलाल वैष्णव तथा छोटा भाई ईश्वर वैष्णव सभी वैष्णव ब्राह्मण हैं. इसके बावजूद सत्यनारायण वैष्णव ने कोरी जाति का सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी प्राप्त की. विवादित जाति का प्रमाण पत्र सत्यनारायण द्वारा प्रस्तुत किया गया. इसका अवलोकन किया गया तो पता चला कि ये जाति प्रमाण पत्र तहसील कार्यालय व अपर तहसीलदार इंदौर से जारी हुआ. उसमें आरोपी की जाति कोरी दर्शायी गई है. इस प्रकार जांच के दौरान कई साक्ष्य जमा किए गए.

इंदौर। इंदौर जिला अदालत ने फर्जी दस्तावेज लगाकर पुलिस की नौकरी प्राप्त करने के मामले में सजा सुनाई है. कोर्ट के समक्ष विभिन्न तरह के दस्तावेज और साक्ष्य पुलिस द्वारा उपलब्ध करवाए गए. इसी आधार पर कोर्ट ने पुलिसकर्मी को ही दंडित किया है. जिला लोक अभियोजन अधिकारी संजीव श्रीवास्‍तव ने बताया कि 30 जनवरी 2024 को चतुर्थ अपर सत्र न्‍यायालय जयदीप सिंह ने थाना छोटी ग्वालटोली इंदौर के मामले में निर्णय पारित करते हुए आरोपी सत्‍यनारायण वैष्‍णव (59) को 10 वर्ष का सश्रम कारावास की सजा सुनाई है.

ये है पूरा मामला

इसके साथ ही 7-7 वर्ष का सश्रम कारावास व कुल 4 हजार का अर्थदण्ड लगाया. अपर लोक अभियोजक हेमन्‍त राठौर के अनुसार साल 2006 में सत्यनारायण ने फर्जी जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर पुलिस सेवा में नौकरी प्राप्त की. इस संबंध में जांच प्रतिवेदन प्राप्त हुआ, जिसकी जांच के संबंध में आवेदिका वर्षा साधू, आरोपी सत्यनारायण, ऋषि कुमार अग्निहोत्री एवं ईश्वर वैष्णव के कथन लिए गए. जिसमें उन्होंने बताया कि सत्यनारायण वैष्णव ने कोरी समाज का जाति प्रमाण पत्र प्रस्तुत कर नौकरी प्राप्त की.

ALSO READ:

ब्राह्मण ने बनवाया कोरी जाति प्रमाणपत्र

वहीं, आरोपी के पिता रामचरण वैष्णव, उसका बडा भाई श्यामलाल वैष्णव तथा छोटा भाई ईश्वर वैष्णव सभी वैष्णव ब्राह्मण हैं. इसके बावजूद सत्यनारायण वैष्णव ने कोरी जाति का सर्टिफिकेट लगाकर नौकरी प्राप्त की. विवादित जाति का प्रमाण पत्र सत्यनारायण द्वारा प्रस्तुत किया गया. इसका अवलोकन किया गया तो पता चला कि ये जाति प्रमाण पत्र तहसील कार्यालय व अपर तहसीलदार इंदौर से जारी हुआ. उसमें आरोपी की जाति कोरी दर्शायी गई है. इस प्रकार जांच के दौरान कई साक्ष्य जमा किए गए.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.