इंदौर। जिला कोर्ट ने सोमवार को बीजेपी सांसद शंकर लालवानी को धार्मिक संस्था के दुरुपयोग से संबंधित एक मामले में बरी कर दिया है. कोर्ट के सामने विभिन्न तरह के तर्क बीजेपी सांसद के अधिवक्ता ने रखे और उसी के आधार पर कोर्ट ने सांसद को मामले में बरी कर दिया.यह मामला साल 2019 में चुनाव के दौरान दर्ज किया गया था.
क्या था मामला
यह मामला इंदौर के खजराना थाना क्षेत्र का है. बताया जा रहा है कि वर्ष 2019 में चुनाव के दौरान शंकर लालवानी के खिलाफ शिकायत पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था. खजराना में मूर्ति पर भाजपा के झंडे से चोला चढ़ाने के मामले मे शिकायत हुई थी और उसके बाद जिला निर्वाचन कार्यालय ने इस मामले में प्रकरण दर्ज कराया था. पुलिस ने 8 मई 2019 को धारा 188 के अलावा धार्मिक संस्था दुरुपयोग निवारण अधिनियम की धारा 7 व 3A के तहत भाजपा प्रत्याशी शंकर लालवानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.
कोर्ट का फैसला
इंदौर की जिला कोर्ट ने धार्मिक संस्थाओं के दुरुपयोग के एक केस में भाजपा सांसद शंकर लालवानी को बरी कर दिया.जेएमएफसी सुरेश यादव की कोर्ट ने भाजपा सांसद शंकर लालवानी को धार्मिक संस्थाओं का दुरुपयोग अधिनियम 1978 और धारा 188 के आरोप से बरी किया. बताया जा रहा है की वर्ष 2019 में चुनाव के दौरान उनके खिलाफ शिकायत पर पुलिस ने प्रकरण दर्ज किया था और उसी मामले में जिला कोर्ट में सुनवाई चल रही थी.बीजेपी सांसद शंकर लालवानी की ओर से एडवोकेट अमित सिंह सिसौदिया ने पैरवी की.
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पुलिस की लापरवाही!
फिलहाल जिस तरह से बीजेपी सांसद इस मामले में बरी हुए हैं तो निश्चित तौर पर पुलिस की इस पूरे मामले में कई तरह की लापरवाही सामने आई है. सांसद ने उन्हीं तथ्यों को आधार बनाया और उनके वकील ने कोर्ट के समक्ष विभिन्न तरह के तर्क रखे जिस पर कोर्ट ने सहमत होते हुए भाजपा सांसद को बरी कर दिया.