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नीना वर्मा की बच गई विधायकी, इंदौर हाईकोर्ट ने सुना दिया बड़ा फैसला - Dhar MLA Court Case

धार विधायक नीना वर्मा के निर्वाचन निरस्त करने की याचिका को अब इंदौर हाई कोर्ट ने खारिज कर दिया है. कोर्ट के इस फैसले से धार विधायक को बड़ी राहत मिली है. इस फैसले के बाद अब नीना वर्मा धार से विधायक बनी रहेंगी.

NEENA VERMA DHAR MLA  GETS RELIEF FROM COURT
नीना वर्मा की बच गई विधायकी (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 19, 2024, 1:53 PM IST

Updated : Jul 19, 2024, 3:08 PM IST

धार : भाजपा विधायक नीना वर्मा ने 2023 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में धार सीट से चुनाव जीता था. इसके बाद उनके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि दस साल पहले हाईकोर्ट ने वर्मा का निर्वाचन निरस्त कर दिया था और उनपर 10 हजार रुपए का कॉस्ट लगाया था. याचिका में आरोप था कि वर्मा ने कोर्ट द्वारा लगाई गई दस हजार रुपए की कॉस्ट नहीं चुकाई और ये बात 2023 के नामांकन के दौरान भी छिपाई, इसलिए इस बार भी निर्वाचन निरस्त कर उनकी विधायकी शून्य की जाए.

कोर्ट ने खारिज की याचिका

इस मामले में सुनवाई करते हुए विधायक नीना वर्मा के वकील ने तर्क देते हुए कोर्ट में बताया कि 10 साल पहले हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे लगा हुआ है. इस वजह से विधायक पर लगाई गई एक और याचिका का कोई औचित्य नहीं है. दोनो पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद इंदौर हाई कोर्ट ने धार विधायक के खिलाफ लगी याचिका निरस्त कर दी है.

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धार भोजशाला की सर्वे रिपोर्ट हाईकोर्ट में 15 जुलाई को, जानिए- ASI को खुदाई में क्या-क्या मिला

विधायक बनी रहेंगी नीना वर्मा

इंदौर हाईकोर्ट के इस फैसले से विधायक नीना वर्मा को बड़ी राहत मिली है. याचिका खारिज होने के बाद अब वे धार से विधायक बनी रहेंगी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सुरेश भंडारी व नीना वर्मा की ओर से सीनियर अधिवक्ता चंपालाल यादव ने कोर्ट में दलीलें दीं. इससे पहले नीना वर्मा पर नामांकन में जानकारी छिपाने के आरोप लगाए गए थे.

धार : भाजपा विधायक नीना वर्मा ने 2023 के मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव में धार सीट से चुनाव जीता था. इसके बाद उनके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी कि दस साल पहले हाईकोर्ट ने वर्मा का निर्वाचन निरस्त कर दिया था और उनपर 10 हजार रुपए का कॉस्ट लगाया था. याचिका में आरोप था कि वर्मा ने कोर्ट द्वारा लगाई गई दस हजार रुपए की कॉस्ट नहीं चुकाई और ये बात 2023 के नामांकन के दौरान भी छिपाई, इसलिए इस बार भी निर्वाचन निरस्त कर उनकी विधायकी शून्य की जाए.

कोर्ट ने खारिज की याचिका

इस मामले में सुनवाई करते हुए विधायक नीना वर्मा के वकील ने तर्क देते हुए कोर्ट में बताया कि 10 साल पहले हाईकोर्ट के फैसले पर सुप्रीम कोर्ट का स्टे लगा हुआ है. इस वजह से विधायक पर लगाई गई एक और याचिका का कोई औचित्य नहीं है. दोनो पक्षों की दलीलों को सुनने के बाद इंदौर हाई कोर्ट ने धार विधायक के खिलाफ लगी याचिका निरस्त कर दी है.

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इंदौर हाईकोर्ट के इस फैसले से विधायक नीना वर्मा को बड़ी राहत मिली है. याचिका खारिज होने के बाद अब वे धार से विधायक बनी रहेंगी. सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता सुरेश भंडारी व नीना वर्मा की ओर से सीनियर अधिवक्ता चंपालाल यादव ने कोर्ट में दलीलें दीं. इससे पहले नीना वर्मा पर नामांकन में जानकारी छिपाने के आरोप लगाए गए थे.

Last Updated : Jul 19, 2024, 3:08 PM IST
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