इंदौर। डीएवीवी के वरिष्ठ अधिकारियों ने इंदौर पुलिस कमिश्नर राकेश गुप्ता के अलावा अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों से मुलाकात कर मामले की सघन जांच करने की मांग की है. वहीं कार्रवाई में हो रही देरी को लेकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद ने गुरुवार को सांकेतिक धरना दिया. बता दें कि डीएवीवी की एमबीए फर्स्ट सेमेस्टर के दो विषयों क्वांटिटेटिव टेक्निक और अकाउंट्स के पेपर लीक हुए थे. इसके बाद डीएवीवी ने दोनों ही पेपर निरस्त कर दिए थे.
डीएवीवी ने जांच समिति गठित की
पेपर लीक मामले की जांच के लिए डीएवीवी ने लोकपाल नरेंद्र सत्संगी की अध्यक्षता में 4 सदस्यीय जांच समिति बनाई. जिसमें संभागीय अतिरिक्त संचालक उच्च शिक्षा डॉ.सुधा सिलावट, डीन कॉलेज डेवलपमेंट काउंसिल डॉ. राजीव दीक्षित और डीन छात्र कल्याण डॉ. एलके त्रिपाठी शामिल हैं. वहीं अब डीएवीवी प्रबंधन ने पुलिस में भी इस पूरे मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई है. पुलिस ने डीएवीवी से शिकायत में आए दस्तावेज प्रमाण मांगे हैं. साथ ही पेपर लीक को लेकर संदेह के आधार पर जानकारी भी मांगी है.
विवि प्रबंधन के साथ ही कोचिंग संचालक संदेह के घेरे में
पुलिस अपने स्तर पर जांच करेगी जबकि डीएवीवी की जांच समिति अपनी पृथक जांच करेगी. जांच समिति ने अपना काम भी शुरू कर दिया है. जिसमें प्रश्नपत्र तैयार होने से लेकर परीक्षा केंद्रों तक पहुंचने के चक्र का विवरण मांगा है. साथ ही इन कार्यों में शामिल विश्वविद्यालय के अधिकारी-कर्मचारियों और अन्य लोगों का विवरण भी मांगा है. पेपर लीक मामले को लेकर विश्वविद्यालय का परीक्षा विभाग गोपनीय शाखा प्रिंटिंग विभाग सहित कोचिंग संचालक और महाविद्यालय भी संदेह के घेरे में हैं. पुलिस अब तमाम बिंदुओं की फिजिकल से लेकर तकनीकी जांच भी करेगी. विश्वविद्यालय प्रबंधन ने स्पष्ट किया है कि इस मामले में उस पर ही सवाल उठ रहे हैं, जबकि पीड़ित वही है.