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पेपर लीक मामले में DAVV ने की बड़ी कार्रवाई, डिप्टी रजिस्ट्रार से छीनी गई बड़ी जिम्मेदारी - Indore DAVV MBA Paper Leak Case

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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 4, 2024, 8:41 PM IST

इंदौर के देवी अहिल्या विश्वविद्यालय के पेपर लीक मामले में अब विवि प्रशासन ने कार्रवाई की है. प्रशासन ने डिप्टी रजिस्ट्रार रचना ठाकुर से परीक्षा विभाग और गोपनीय विभाग का प्रभार वापस लेते हुए डिप्टी रजिस्ट्रार प्रज्जवल खरे को जिम्मेदारी दी गई है. पेपर लीक मामले की जांच के लिए 4 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई गई है.

INDORE DAVV MBA PAPER LEAK CASE
इंदौर का देवी अहिल्या विश्वविद्यालय (Etv Bharat)

इंदौर। एमबीए फर्स्ट सेमेस्टर के पेपर लीक मामले में विवादों में घिरे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का प्रबंधन बैकफुट पर है. चौतरफा दबाव के चलते डीएवीवी ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए परीक्षा नियंत्रक और गोपनीय विभाग में बदलाव किए हैं. आपको बता दें कि एमबीए के पेपर लीक होने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित कई छात्र संगठनों ने कार्रवाई की मांग की थी. इसी मामले में अब विवि प्रशासन ने कार्रवाई की है.

पेपर लीक मामले में DAVV ने की बड़ी कार्रवाई (Etv Bharat)

परीक्षा विभाग और गोपनीय शाखा में हुआ फेरबदल

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एमबीए के पेपर लीक होने के बाद परीक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही थी. अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़ा निर्णय लेते हुए डिप्टी रजिस्ट्रार रचना ठाकुर से परीक्षा विभाग और गोपनीय विभाग का प्रभार वापस ले लिया है. इन दोनों विभागों के प्रभार डिप्टी रजिस्ट्रार प्रज्जवल खरे को सौंपे गए हैं. प्रज्ज्वल खरे के पास भंडार विभाग का भी चार्ज रहेगा. इसके अलावा गोपनीय विभाग की असिस्टेंट रजिस्ट्रार वीना गुप्ता से प्रभार लेकर प्रतिभा बघेल को चार्ज दिया गया है.

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मामले को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री से की गई थी शिकायत

दरअसल, एमबीए फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा में लगातार हो रहे पेपर लीक को लेकर छात्र संगठनों द्वारा प्रदर्शन भी किया गया था. वहीं बीते दिनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा पूरे मामले की शिकायत उच्च शिक्षा मंत्री से भी की गई थी. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा पेपर लीक मामले को लेकर 4 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी. जिसे लेकर छात्र संगठनों का कहना था कि अधिकारियों को उनके पद से हटाया जाए, अगर उन्हें नहीं हटाया जाता है तो जांच भी प्रभावित होगी. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रबंधन पर लगातार अधिकारियों को हटाने का दबाव बन रहा था, जिसके बाद प्रबंधन द्वारा बड़ा फेरबदल किया गया है.

डीएवीवी इंदौर की कुलपति प्रो. रेणु जैन ने बताया कि ''पेपर लीक मामले में फेरबदल किए गए हैं. इस बार जो समस्याएं आई हैं आगे वह न आएं इसके लिए कुछ फेरबदल किए गए हैं. कमेटी से जल्दी से जल्दी रिपोर्ट मांगी जा रही है. उनको 7 दिन का समय दिया गया था. हमें अपने ऑफिसर्स पर पूरा भरोसा है.''

इंदौर। एमबीए फर्स्ट सेमेस्टर के पेपर लीक मामले में विवादों में घिरे देवी अहिल्या विश्वविद्यालय का प्रबंधन बैकफुट पर है. चौतरफा दबाव के चलते डीएवीवी ने बड़ा प्रशासनिक फेरबदल करते हुए परीक्षा नियंत्रक और गोपनीय विभाग में बदलाव किए हैं. आपको बता दें कि एमबीए के पेपर लीक होने के बाद अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद सहित कई छात्र संगठनों ने कार्रवाई की मांग की थी. इसी मामले में अब विवि प्रशासन ने कार्रवाई की है.

पेपर लीक मामले में DAVV ने की बड़ी कार्रवाई (Etv Bharat)

परीक्षा विभाग और गोपनीय शाखा में हुआ फेरबदल

देवी अहिल्या विश्वविद्यालय में एमबीए के पेपर लीक होने के बाद परीक्षा विभाग से जुड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की जा रही थी. अब विश्वविद्यालय प्रशासन ने बड़ा निर्णय लेते हुए डिप्टी रजिस्ट्रार रचना ठाकुर से परीक्षा विभाग और गोपनीय विभाग का प्रभार वापस ले लिया है. इन दोनों विभागों के प्रभार डिप्टी रजिस्ट्रार प्रज्जवल खरे को सौंपे गए हैं. प्रज्ज्वल खरे के पास भंडार विभाग का भी चार्ज रहेगा. इसके अलावा गोपनीय विभाग की असिस्टेंट रजिस्ट्रार वीना गुप्ता से प्रभार लेकर प्रतिभा बघेल को चार्ज दिया गया है.

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मामले को लेकर उच्च शिक्षा मंत्री से की गई थी शिकायत

दरअसल, एमबीए फर्स्ट सेमेस्टर की परीक्षा में लगातार हो रहे पेपर लीक को लेकर छात्र संगठनों द्वारा प्रदर्शन भी किया गया था. वहीं बीते दिनों अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद द्वारा पूरे मामले की शिकायत उच्च शिक्षा मंत्री से भी की गई थी. देवी अहिल्या विश्वविद्यालय प्रबंधन द्वारा पेपर लीक मामले को लेकर 4 सदस्यीय जांच कमेटी बनाई थी. जिसे लेकर छात्र संगठनों का कहना था कि अधिकारियों को उनके पद से हटाया जाए, अगर उन्हें नहीं हटाया जाता है तो जांच भी प्रभावित होगी. ऐसे में विश्वविद्यालय प्रबंधन पर लगातार अधिकारियों को हटाने का दबाव बन रहा था, जिसके बाद प्रबंधन द्वारा बड़ा फेरबदल किया गया है.

डीएवीवी इंदौर की कुलपति प्रो. रेणु जैन ने बताया कि ''पेपर लीक मामले में फेरबदल किए गए हैं. इस बार जो समस्याएं आई हैं आगे वह न आएं इसके लिए कुछ फेरबदल किए गए हैं. कमेटी से जल्दी से जल्दी रिपोर्ट मांगी जा रही है. उनको 7 दिन का समय दिया गया था. हमें अपने ऑफिसर्स पर पूरा भरोसा है.''

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