इंदौर। पुलिस द्वारा बार-बार सायबर ठगी से बचने के लिए गाइडलाइन जारी की जाती है. इसके बाद भी लोग सायबर फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं. आजकल सायबर फ्रॉड के नए तरीके चल रहे हैं. इंदौर के डॉक्टर दंपती ने इंदौर क्राइम ब्रांच में शिकायत की है कि उन्हें 53 घंटे तक डिजिटल हाउस अरेस्ट कर बंधक बनाया गया. इस दौरान धोखाधड़ी की वारदात की गई. पुलिस ने जांच शुरू कर दी है.
डॉक्टर दंपती को वीडियो कॉल कर झांसे में लिया
इंदौर क्राइम ब्रांच के डीसीपी राजेश दंडोतिया के पास एक डॉक्टर दंपती पहुंचे. उन्होंने बताया कि उनके साथ ₹9 लाख ऑनलाइन धोखाधड़ी की गई है. शिकायत के अनुसार सायबर जालसाजों ने डॉक्टर दंपती को ऑनलाइन वीडियो कॉल किया. इस दौरान ठगों ने दंपती को ड्रग्स, मानव तस्करी से संबंधित विभिन्न तरह की तस्करी से जुड़े होने बात कही. डॉक्टर दंपती को जालसाजों ने खुद को जांच एजेंसियों का फर्जी अफसर बनकर धमकाया. ठगों ने खुद को सीबीआई, आरबीआई, कस्टम, साइबर क्राइम के फर्जी अफसर बनाकर अपने खातों में राशि ट्रांसफर करवा ली.
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जालसाजों ने गिरफ्तार करने की धमकी दी, दंपती डर गए
ठगी होने के बाद डॉक्टर दंपती को धोखाधड़ी का अहसास हुआ तो शिकायत लेकर पुलिस के पास पहुंचे. दंपती का कहना है कि जालसाजों ने उन्हें धमकाया और डराया. इस कारण उन्होंने 9 लाख रुपए ऑनलाइन उनके खाते में ट्रांसफर कर दिए. रुपये नहीं देने पर जालसाज उन्हें गिरफ्तार करने के साथ ही उनके बच्चों के खिलाफ भी केस बनाने की धमकी दे रहे थे. दंपती ने बताया कि वे लोग इतने भयभीत हो गए कि सोचने-समझने का वक्त ही नहीं मिला.