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टार्गेट को हाउस अरेस्ट कर पार किया 40 लाख रुपये, लूटेरों का नया और अनोखा तरीका - Cyber Fraud Under House Arrest - CYBER FRAUD UNDER HOUSE ARREST

इंदौर में साइबर ठगों ने ठगी का नया तरीका खोज निकाला है. उन्होंने अपने शिकार को दो दिन तक हाउस अरेस्ट करके 40 लाख की लूट की घटना को अंजाम दे दिया.

CYBER FRAUD UNDER HOUSE ARREST
हाउस अरेस्ट करके 40 लाख की ठगी (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jul 17, 2024, 3:46 PM IST

इंदौर। जिले में लगातार एक के बाद एक हाउस अरेस्ट की घटनाएं सामने आ रही हैं. इस बार अपराधियों ने पीड़ित को डिजिटल तरीके से दो दिनों तक उसके घर में हाउस अरेस्ट रखा. दो दिनों के बाद ठगों ने 40 लाख रुपये भी ठग लिया. पीड़ित कुछ दिनों पहले बैंक से रिटायर्ड हुआ था. ठगों की नजर रिटायर्ड कर्मी के बैंक खाते पर थी. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. ठगों की तलाश जारी है.

दो दिन तक रखा हाउस अरेस्ट

इंदौर में जालसाजों ने ठगी का नया तरीका खोज लिया है. ठगों ने आनलाइन तरीके से हाउस अरेस्ट करके लाखों की चपत लगा दी. पीड़ित राकेश गोयल ने बताया कि, 'वह बैंक में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत थे. कुछ दिनों पहले वह नौकरी से रिटायर्ड हुए हैं.' उन्होंने बताया कि, '11 जुलाई को उनकी मोबाइल पर एक फोन आया, फोन करने वाले ने कहा कि जो कुरियर आपने भेजा है उस पर फर्जी पासपोर्ट और ब्राउन शुगर सहित कई नशीले पदार्थ मौजूद हैं जिसके चलते आपके उपर मनी लॉन्ड्रिंग सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा. यह सब सुनकर मैं घबरा गया और उनकी बातों में आ गया. वो जो-जो कहते गए मैं सच मानकर वह करता गया.'

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मेवात गैंग का नाम आ रहा है सामने

जालसाजों ने अपनी बात को और पुख्ता करने के लिए पीड़ित से अलग-अलग व्यक्तियों से बात करवाई जो अलग-अलग अधिकारी बनकर बात कर रहे थे. इस तरह उन्होंने पीड़ित को दो दिनों तक हाउस अरेस्ट करके रखा. कार्रवाई से बचाने के लिए ठगों ने 40 लाख रूपये की मांग की. डर के मारे व्यक्ति ने खाते में मौजूद 39 लाख 60 हजार रूपये ट्रांसफर भी कर दिया. इसके बाद उसने अपने परिजन को पूरे मामले की जानकारी दी. उन्हें साइबर ठगी का अंदेशा हुआ और उन्होंने एडिशनल कमिश्नर अमित सिंह को पूरे मामले की जानकारी दी. पुलिस कमिश्नर ने एडिशनल डीसीपी राजेश डंडोतिया को मामले की जांच कर केस दर्ज करने का आदेश दिया. पुलिस ने बताया है कि, 'प्रारंभिक जांच में मेवात गैंग का हाथ सामने आया है. आरोपियों को चिन्हित कर लिया गया है जल्द ही उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'

एडिशनल डीसीपी राजेश दाड़ोतिया का कहना है कि ''एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी शिकायत लेकर आए थे. कुछ लोगों ने फरियादी को ऑनलाइन तरीके से घर में ही हाउस अरेस्ट कर दिया था. कार्रवाई से बचने से लिए उसने पैसों की मांग की है. मामले में जांच कर कार्रवाई की जा रही है.''

इंदौर। जिले में लगातार एक के बाद एक हाउस अरेस्ट की घटनाएं सामने आ रही हैं. इस बार अपराधियों ने पीड़ित को डिजिटल तरीके से दो दिनों तक उसके घर में हाउस अरेस्ट रखा. दो दिनों के बाद ठगों ने 40 लाख रुपये भी ठग लिया. पीड़ित कुछ दिनों पहले बैंक से रिटायर्ड हुआ था. ठगों की नजर रिटायर्ड कर्मी के बैंक खाते पर थी. पुलिस ने मामला दर्ज कर लिया है. ठगों की तलाश जारी है.

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इंदौर में जालसाजों ने ठगी का नया तरीका खोज लिया है. ठगों ने आनलाइन तरीके से हाउस अरेस्ट करके लाखों की चपत लगा दी. पीड़ित राकेश गोयल ने बताया कि, 'वह बैंक में डिप्टी मैनेजर के पद पर कार्यरत थे. कुछ दिनों पहले वह नौकरी से रिटायर्ड हुए हैं.' उन्होंने बताया कि, '11 जुलाई को उनकी मोबाइल पर एक फोन आया, फोन करने वाले ने कहा कि जो कुरियर आपने भेजा है उस पर फर्जी पासपोर्ट और ब्राउन शुगर सहित कई नशीले पदार्थ मौजूद हैं जिसके चलते आपके उपर मनी लॉन्ड्रिंग सहित कई धाराओं में मामला दर्ज किया जाएगा. यह सब सुनकर मैं घबरा गया और उनकी बातों में आ गया. वो जो-जो कहते गए मैं सच मानकर वह करता गया.'

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जालसाजों ने अपनी बात को और पुख्ता करने के लिए पीड़ित से अलग-अलग व्यक्तियों से बात करवाई जो अलग-अलग अधिकारी बनकर बात कर रहे थे. इस तरह उन्होंने पीड़ित को दो दिनों तक हाउस अरेस्ट करके रखा. कार्रवाई से बचाने के लिए ठगों ने 40 लाख रूपये की मांग की. डर के मारे व्यक्ति ने खाते में मौजूद 39 लाख 60 हजार रूपये ट्रांसफर भी कर दिया. इसके बाद उसने अपने परिजन को पूरे मामले की जानकारी दी. उन्हें साइबर ठगी का अंदेशा हुआ और उन्होंने एडिशनल कमिश्नर अमित सिंह को पूरे मामले की जानकारी दी. पुलिस कमिश्नर ने एडिशनल डीसीपी राजेश डंडोतिया को मामले की जांच कर केस दर्ज करने का आदेश दिया. पुलिस ने बताया है कि, 'प्रारंभिक जांच में मेवात गैंग का हाथ सामने आया है. आरोपियों को चिन्हित कर लिया गया है जल्द ही उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.'

एडिशनल डीसीपी राजेश दाड़ोतिया का कहना है कि ''एक रिटायर्ड बैंक कर्मचारी शिकायत लेकर आए थे. कुछ लोगों ने फरियादी को ऑनलाइन तरीके से घर में ही हाउस अरेस्ट कर दिया था. कार्रवाई से बचने से लिए उसने पैसों की मांग की है. मामले में जांच कर कार्रवाई की जा रही है.''

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