इंदौर: जिले में कैलाश विजयवर्गीय के समर्थक 72 नेताओं को एक साथ गुरुवार को कोर्ट से राहत मिल गई है. दरअसल, 2008 में किए गए एक विरोध प्रदर्शन के कारण 285 लोगों के खिलाफ शासकीय कार्य में बाधा डालने का प्रकरण इंदौर जिला न्यायालय में विचाराधीन था. जिसमें गवाहों के पलटने और बयान नहीं हो पाने के कारण आखिरकार कोर्ट ने शेष बचे 72 लोगों को भी आज दोष मुक्त करार दिया है.
285 नेता और कार्यकर्ताओं को भेजा गया था जेल
अधिवक्ता राम सिंह भदोरिया ने बताया '2008 में कैलाश विजयवर्गीय और रमेश मेंदोला के आवाहन पर कल्याण देवांग के नेतृत्व में मालवा मिल चौराहे पर विरोध प्रदर्शन किया गया था. इस विरोध प्रदर्शन में राजेंद्र राठौड़, हरिनारायण यादव, सूरज कैरो, राज कपूर सुनहरे, पूजा पाटीदार समेत 285 नेता और कार्यकर्ताओं पर तत्कालीन एसपी संजीव शमी द्वारा शासकीय कार्य में बाधा डालने का प्रकरण दर्ज कर उन्हें जेल भेजा था. इस मामले में 2012 से ही कोर्ट में प्रकरण विचाराधीन था, लेकिन तब से अब तक गवाहों के पलट जाने और बयान देने की स्थिति में नहीं होने के कारण शेष बचे 72 लोगों के खिलाफ कोर्ट ने इस प्रकरण को खारिज करते हुए आज सभी को दोष मुक्त कर दिया.
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कोर्ट ने 72 लोगों को किया दोष मुक्त
इस मामले में गुरुवार को कोर्ट ने तमाम तर्क सुनने के बाद सबूत नहीं होने की स्थिति में 72 लोगों को दोष मुक्त करने के आदेश दिए. इनमें से अभी भी कई इंदौर नगर निगम की एमआईसी सदस्य की टीम में है. वहीं कई अन्य राजनीतिक पदों पर रहे हैं. हालांकि 16 साल पुराने इस प्रकरण के खारिज होने के बाद सभी जनप्रतिनिधियों ने कोर्ट के फैसले पर राहत जताई है.