इंदौर। इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह दिव्यांगों के प्रति अपनी विशेष संवेदनशीलता के लिए पहचाने जाते हैं. इसी का उदाहरण मंगलवार को प्रशासनिक संकुल में जनसुनवाई के दौरान देखने को मिला. जहां एक बुजुर्ग महिला जोकि एक पैर से दिव्यांग है, अपनी समस्या से संबंधित आवेदन के लिए कतार में लगने के लिए जा रही थी. कलेक्टर आशीष सिंह की नजर जब उस महिला पर पड़ी तो उन्होंने उसे वहीं रोककर उसकी समस्या सुनी.
दिव्यांग महिला के प्रति दिखाई संवेदनशीलता
दिव्यांग होने के कारण महिला खड़ी नहीं हो सकती थी. इसलिए कलेक्टर आशीष सिंह भी उसके पास जमीन पर ही बैठ गए. महिला को आश्वस्त किया कि उसके आवास संबंधी आवेदन का जल्द निराकरण कर सूचित किया जाएगा. इंदौर में इस नई व्यवस्था के तहत सुनवाई की विकेंद्रीकृत व्यवस्था की गई है. अधिकारियों से मिलने के लिए आवेदकों को कतार में नहीं लगना होगा तथा उन्हें इंतजार भी नहीं करना पड़ेगा. अधिकारियों के कक्ष में आवेदक सीधे पहुंचकर अपनी समस्याएं बता सकेंगे.
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अधिकारियों व कर्मचारियों को सख्त निर्देश
अधिकारी इन समस्याओं का टीप अंकित करते हुये त्वरित और सकारात्मक निराकरण सुनिश्चित करेंगे. आवेदनों की निराकरण की कलेक्टर हर सप्ताह मानिटरिंग करेंगे. इस निर्देश के कारण सुबह 11 बजे से दोपहर 2 बजे तक अधिकारी और कर्मचारी अनिवार्य रूप से अपने-अपने कक्षों में मौजूद रहेंगे. कलेक्टर ने आदेश दिए हैं कि जनसुनवाई में समस्या के निराकरण की टीप आवेदक के आवेदन पर लिखें. इसकी एंट्री निर्धारित पोर्टल पर भी करें. उन्होंने कहा कि हर सप्ताह समीक्षा की जायेगी.