इंदौर। गणेश उत्सव को देखते हुए अभी से प्रदेश के विभिन्न इलाकों में प्रतिमाएं बनाने वाले मूर्तिकारों ने डेरा डाल दिया है. इंदौर भी हर साल ये मूर्तिकार प्लास्टर ऑफ पेरिस के अलावा पर्यावरण की उपेक्षा कर तमाम तरह के पदार्थ से मूर्तियां बनाते हैं. लेकिन अब इंदौर जिला प्रशासन ने मूर्तिकारों के लिए भी इको फ्रेंडली मूर्तियां बनाने के निर्देश दिए हैं. माना जा रहा है कि अब इको फ्रेंडली मूर्तियां नहीं बनाने वाले मूर्तिकारों के खिलाफ भी कार्रवाई हो सकती है.
पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली प्रतिमाएं नहीं बनेंगी
दरअसल, गणेश उत्सव से काफी दिन पहले ही हर साल इंदौर में बंगाल के मूर्तिकार यहां हजारों मूर्तियां बनाते हैं. जो मूर्तियां इनके द्वारा बनाई जाती हैं वे पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने वाली होती हैं. प्लास्टर ऑफ पेरिस और हानिकारक केमिकल के उपयोग से तैयार होने वाली मूर्तियों के विसर्जन पर जिले के जल स्रोत हर साल भीषण प्रदूषण झेलते हैं. जाहिर है इसका खामियाजा स्थानीय लोगों और भूमिगत जल की शुद्धता पर भी पड़ रहा है. इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने मूर्तिकारों पर सख्ती करने का निर्णय लिया है.
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जिला प्रशासन जल्द बुलाएगा मूर्तिकारों की मीटिंग
आगले माह 7 की तारीख से श्री गणेश उत्सव की शुरुआत होने जा रही है. इस पर्व को लेकर इंदौर में हर बार की तरह बंगाली कलाकार एवं अन्य आर्टिस्ट द्वारा प्रतिमा निर्माण का कार्य शुरू कर दिया गया है. फिलहाल जो मूर्तियां मनाई जा रही हैं उनमें मिट्टी के अलावा प्लास्टर ऑफ पेरिस की मूर्तियों की भी बड़ी संख्या हैं. यही वजह है कि इंदौर कलेक्टर आशीष सिंह ने POP प्रतिमा का निर्माण रोकने के लिए जल्द ही प्रतिमा निर्माण करने वालों की बैठक बुलाई है. इसमें इको फ्रेंडली प्रतिमा निर्माण करने से संबंधित गाइडलाइन को लेकर चर्चा होगी. इस दौरान जिला प्रशासन द्वारा कई तरह के दिशा निर्देश दिए जाएंगे.