इंदौर। देश के सबसे स्वच्छ शहर में मुफ्तखोरी का आलम यह है कि यहां 100- 200 नहीं बल्कि एक साथ 11000 नल अवैध पाए गए हैं. इसी माह फरवरी में चलाए गए अभियान में नगर निगम को इन नलों को वैध करने पर करीब साढे तीन करोड़ रुपए के राजस्व की प्राप्ति हुई है. दरअसल, इंदौर नगर निगम की वित्तीय स्थिति से निपटने के लिए महापौर पुष्यमित्र भार्गव द्वारा शहर भर में अवैध नल कनेक्शन को वैध करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है, जिससे कि ग्रीष्म काल में सुचारू रूप से पानी की आपूर्ति की जा सके. अभियान के तहत 6 फरवरी से 6 मार्च तक कनेक्शन को एकमुश्त ₹6000 देकर वैध करने का अवसर दिया गया है. इस दौरान बकाया राशि में भी 50% राशि की छूट दी जा रही है.
नगर निगम की टीम घर-घर जाकर कर रही जांच
जब नगर निगम के जलकर विभाग की टीम ने शहर के विभिन्न वार्डों का दौरा किया तो पता चला इंदौर में बड़ी संख्या में लोग अवैध नल कनेक्शन के जरिए पानी का उपयोग कर रहे हैं. अब नगर निगम की टीम को नल कनेक्शन चेक करने के लिए घर-घर जाना पड़ रहा है. जलकर विभाग की समीक्षा बैठक में 6 फरवरी से अब तक के अवैध नल कनेक्शन की पड़ताल की गई तो पता चला पहले चरण में ही 10900 कनेक्शन अवैध पाए गए हैं, जिन्हें वैध किया गया. इससे 3.30 करोड़ रुपए की राशि जमा कराई गई है. नगर निगम के जलकर प्रभारी प्रदीप बबलू शर्मा के अनुसार आगामी दिनों में इस अभियान में और तेजी लाकर शेष अवैध जल संयोजनों को वैध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया है.
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मुहिम पूरी होने के बाद नगर निगम करेगा सख्ती
6 मार्च को अभियान समाप्त के बाद उपभोक्ताओं को अपने जल संयोजनों को वैध कराने हेतु दोगुनी राशि का भुगतान करना होगा. नगर निगम के जोन में ऐसे रजिस्टर्ड प्लम्बर्स जिनके द्वारा अनियमितताएं की जा रही हैं, उनका पंजीयन निरस्त कर अमानत राशि राजसात करने तथा पुलिस में प्राथमिकी दर्ज कराने का निर्णय लिया गया है. शहर में कई क्षेत्रों में टंकियों के माध्यम से जलापूर्ति ना होकर ट्रंकमेन से सीधे जलापूर्ति की जाती है. अमृत 1.0 योजना के क्रियान्वयन के बाद इनमें से कई स्थानों पर टंकियों के माध्यम से जलापूर्ति प्रारम्भ कर दी गई है. शेष स्थानों पर फ्लो कन्ट्रोल वाल्व तथा फ्लो मीटर लगाकर उन्हें नियंत्रित किया गया है.