Indore Parrots 30 Varieties: दुनिया भर में तरह-तरह के सुंदर तोते हर किसी के लिए आकर्षण का केंद्र रहे हैं. इतना ही नहीं तोते का इंसानों के साथ घुल-मिल जाना और जो सिखाया जाए उसे उसी तरह कॉपी करने की अदा भी सभी का दिल जीत लेती है. दुनिया के कई दुर्लभ तोते इंदौर में पाए जाते हैं. यह दुर्लभ तोते ही नहीं बल्कि उनकी डाइट भी उन्हीं की तरह वीआईपी है. अमेरिका, अफ्रीका, ऑस्ट्रेलिया और भारतीय उपमहाद्वीप के इन तोतों को भारतीय आवो-हवा रास आ सके, इसलिए इनकी डाइट में सूखे मेवे, नट्स और हेल्दी फूड्स की तरह हेल्दी ड्रिंक शामिल है. लिहाजा यह तोते अब चिड़ियाघर में मौजूद पक्षी विहार को ही अपना प्राकृतिक घर मानकर अपनी चहचहाट से माहौल को खुशगवार बना रहे हैं.
तोतों को दिया जा रहा वीआईपी ट्रीटमेंट
इंदौर के चिड़ियाघर स्थित पक्षी विहार में इन दिनों ढाई इंच के कजलीगढ़ तोते से लेकर ढाई फीट के मकाऊ तोतों के साथ तरह-तरह के खूबसूरत रंगों के करीब 450 तोते अपनी स्वछंद उड़ान भरने के साथ अपनी खूबसूरती की अलग छटा बिखेर रहे हैं. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि साउथ अमेरिका अफ्रीका और ऑस्ट्रेलिया महाद्वीप के विभिन्न इलाकों से इंदौर के चिड़ियाघर लाये गए, इन दुर्लभ तोतों को यहां तैयार किए गए पक्षी विहार का सुरम्य माहौल रास आ चुका है. इसके लिए बाकायदा तोतों को वीआईपी ट्रीटमेंट दिया जा रहा है.
ड्राई फ्रूट्स, हेल्दी फ्रूट और हेल्दी ड्रिंक होता है सर्व
सबसे ज्यादा फोकस उनके डाइट प्लान को लेकर है. जिसमें सुबह से ही उन्हें ड्राई फ्रूट के साथ मौसमी फल और हेल्दी ड्रिंक सर्व किया जाता है. इसके अलावा अलग-अलग तोतों की अलग-अलग डाइट के मुताबिक उनका डाइजेशन बरकरार रहे, इसके लिए उन्हें आहार के साथ मल्टी विटामिन के साथ उनकी खास देखभाल की जाती है. इसके लिए पक्षी विहार में पक्षी विशेषज्ञ द्वारा प्रत्येक तोता का खास ख्याल रखा जाता है.
बारिश के सीजन में तोतों की इम्यूनिटी बरकरार रहे इसके लिए उन्हें नीम, तुलसी और हल्दी का पानी भी समय-समय पर दिया जाता है. ऐसा इसलिए भी है क्योंकि वीआईपी ट्रीटमेंट के बिना न केवल वे डल हो जाते हैं, बल्कि पर्याप्त स्वास्थ्यवर्धक आहार और खुशनुमा माहौल नहीं मिलने के कारण उनके पंखों का आकर्षण रंग भी फीका पड़ने लगता है.
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डाइट में कमी होने से डल हो जाते हैं तोते
चिड़ियाघर के प्रभारी डॉ उत्तम यादव बताते हैं कि पक्षी अपने वास्तविक रंग में तभी निखार पाते हैं. जब उनका खानपान और माहौल उनके अनुरूप हो. लिहाजा पक्षियों का उन्हीं के हिसाब से खास ध्यान रखा जाता है. करीब ढाई साल से इन पक्षियों की इसी तरह की देखभाल की बदौलत अब वह देश में पहली बार पक्षी विहार में ही अपने घोसले बनाकर ब्रीडिंग कर रहे हैं.
इस स्थिति में भी हर तोते का खास ध्यान रखा जाता है. उन्होंने कहा सेंट्रल इंडिया में सिर्फ इंदौर का चिड़ियाघर ही है, जहां करीब आधा दर्जन महाद्वीपों के 450 से ज्यादा दुर्लभ तोता एक ही पक्षी विहार में उड़ान भरते नजर आते हैं.
इन पक्षियों को करीब से देखने के लिए बड़ी संख्या में यहां लोग आते हैं. इसलिए पक्षियों के स्वास्थ्य के लिहाज से भी इस बात का खास ख्याल रखना होता है. यह पक्षी सर्वाधिक संवेदनशील होते हैं. इसलिए हर पक्षी का खास ख्याल जरूरी है. तभी यह अपने नैसर्गिक स्वरूप में ग्रोथ कर सकते हैं.