Illegal Colony S Cross Houses Bulldozed: अवैध रूप से विकसित किए गए न्याय नगर में सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रिमूवल की कार्रवाई हुई. इस दौरान भारी विरोध और हंगामे के बीच नगर निगम और जिला प्रशासन की टीम ने चिह्नित किए गए 35 मकानों को ध्वस्त कर दिया. इस दौरान पीड़ित रहवासी रोते-बिलखते रहे. गौरतलब है कि श्री राम बिल्डर द्वारा विकसित कृष्ण बाग कॉलोनी के नाम से बिना अनुमति 7 एकड़ जमीन पर प्लाट काट कर बेच दिए गए थे. यहां बीते 20 सालों से मकान बने हुए हैं.
सुप्रीम कोर्ट ने दिया मकान तोड़ने का आदेश
हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने यहां इन अवैध मकानों को हटाने के आदेश दिए हैं. दरअसल, हाल ही में इस मामले में इंदौर विकास प्राधिकरण और जिला प्रशासन की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई करते हुए कॉलोनी के अवैध मकानों को तोड़ने के आदेश दिए. इस मामले में 15 जुलाई को भी प्रशासन ने मौके पर पहुंचकर अवैध मकान चिह्नित किए थे. हालांकि उस दौरान रिमूवल की टीम और पुलिस बल नहीं मिलने के कारण कार्रवाई नहीं हो सकी थी.
नगर निगम के बुलडोजर देखकर मचा हड़कंप
इस मामले में कार्रवाई नहीं होने से सुप्रीम कोर्ट में अवमानना की कार्रवाई भी लंबित थी. लिहाजा शुक्रवार सुबह से ही इंदौर नगर निगम के अलावा जिला प्रशासन और विकास प्राधिकरण की टीम भारी पुलिस बल के साथ शहर के रेडिसन होटल चौराहे के पास स्थित कृष्ण मार्ग कॉलोनी पहुंची. यहां सुबह ही रिमूवल अमले के पहुंचते ही हड़कंप मच गया. कॉलोनी के रहवासी और बड़ी संख्या में महिलाएं रिमूवल कार्रवाई का विरोध करने लगी, लेकिन मौके पर मौजूद स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने उन्हें सिर्फ अवैध रूप से चिह्नित 35 मकान को ही तोड़ने के लिए मनाया.
मकान तोड़ने के दौरान रोने लगी महिलाएं
इसके बाद किसी रिमूवल की कार्रवाई शुरू हुई. इस दौरान महिलाएं अपने बच्चों के साथ अपने आशियाने ध्वस्त होते देखकर बिलखने लगी. रहवासियों का कहना है कि उन्होंने बैंक से लोन लेकर किसी तरह मकान बनवाए. लेकिन मकान की किस्त भी पूरी नहीं हुई और नगर निगम ने मकान को तोड़ दिए. अब उनके पास रहने का कोई आसरा नहीं बचा है. वही जिला प्रशासन के अधिकारियों का कहना है कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर रिमूवल की कार्रवाई हुई है. फिलहाल चिह्नित 35 मकान को तोड़ा गया है. इसके बाद इस मामले में आगे की कार्रवाई होगी.