इंदौर: करीब 35 लाख की आबादी वाले इंदौर शहर की जनसंख्या लगातार बढ़ रही है. साथ ही वाहनों की संख्या भी बढ़ रही है. इस वजह से आए दिन शहर की सड़कें जाम में घिरी रहती है. जिस वजह से लोगों को आवागमन में बड़ी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है. इस जाम के झाम से निजात दिलाने के लिए शहर के अधिकांश चौराहों पर फ्लाईओवर तैयार किए जा रहे हैं.
फ्लाईओवर को सिग्नल फ्री बनाया जाएगा
एक अनुमान के मुताबिक साल 2042 तक इंदौर की कुल आबादी करीब 75 लाख हो जाएगी. यातायात सुगम रुप से संचालित हो सके. इसलिए पब्लिक ट्रांसपोर्ट की जरूरत के अनुसार, अब नए फ्लाई ओवर 45 मीटर की चौड़ाई के बजाय 60 मीटर चौड़े स्टील स्पान पर बनाए जा रहे हैं. इंदौर विकास प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालन अधिकारी आरपी अहिरवार ने बताया "इंदौर में फिलहाल जितने भी फ्लाईओवर बनाए जा रहे हैं, उनमें से अधिकांश में जंक्शन से चौड़ाई बढ़ाई जा रही है.
उन्हें टिकाऊ बनाने के लिए मैस्टिक फ्लोरिंग की जा रही है, जिससे ओवरब्रिज की सतह पर पानी का अवशोषण न हो सके. इन फ्लाईओवर को सिग्नल फ्री बनाया जा रहा है. साथ ही उनपर सेंसर वाली लाइट लगाई जा रही है. इससे रात के कम उजाले पर ज्यादा रोशनी और ज्यादा रोशनी में लाइट अपने आप धीमी हो जाएगी." उन्होंने कहा "इंदौर भूकंप के पॉइंट टू जोन में है, इसलिए नए ओवरब्रिज को भूकंपरोधी भी बनाया गया है. इन सब कार्यों के लिए इंदौर विकास प्राधिकरण 400 करोड़ रुपए खर्च कर रहा है."
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इंदौर सर्वाधिक फ्लाईओवर वाला शहर
इंदौर मध्य प्रदेश का सबसे ज्यादा व्यस्त ट्रैफिक वाला शहर है. जहां फिलहाल 20 फ्लाईओवर मौजूद हैं. हाल ही में यहां 4 अन्य फ्लाईओवर का निर्माण इंदौर विकास प्राधिकरण द्वारा कराया गया है. जबकि 19 फ्लाईओवर और बनाए जा रहे हैं, जिसके लिए 400 करोड़ रुपए की राशि निर्धारित की गई है.
इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने बताया, "केंद्र सरकार ने इंदौर में अन्य 14 ब्रिज स्वीकृत किए हैं, जिनमें 5 ब्रिज रेलवे बना रहा है. जबकि बाकी ब्रिज इंदौर जिला प्रशासन और विकास प्राधिकरण की योजना में है. इनमें 4 ब्रिज 'सेतु बंधन योजना' के तहत बनाए जाने हैं. कोशिश सही है कि ओवर ब्रिज बनने से शहर के यातायात में सुगमता लाई जा सके."