इंदौर: लसुड़िया थाना क्षेत्र में रहने वाले एक रिटायर्ड 72 वर्षीय बुजुर्ग के साथ ऑनलाइन तरीके से धोखाधड़ी की गई. बदमाशों ने 72 वर्षीय बुजुर्ग को स्काइप एप डाउनलोड कर घंटों मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में फंसाने की धमकी दी. इसके बाद फर्जी अधिकारी बनकर पूछताछ शुरू कर दी. बुजुर्ग को बातों में उलझाने और डराने के बाद ठगों ने मुंबई और ईडी के अधिकारी बनकर बुजुर्ग पर ऐसा दबाव भी बनाया कि वे बदमाशों के अकाउंट में पैसे ट्रांसफर करने मजबूर हो गए.
39 लाख 60 हजार का फ्रॉड
इस दौरान इस बदमाशों ने बुजुर्ग को यह भी धमकी दी कि यदि तुम्हें मनी लांड्रिंग सहित अलग-अलग मामलों से बचाना है, तो 39 लाख 60 हजार रुपए बताए गए अकाउंट में ट्रांसफर कर दो , इसके बाद बुजुर्ग ने जैसे ही अपने पास मौजूद 39 लाख 60 हजार रु संबंधित बदमाशों के अकाउंट में ट्रांसफर किए, उसके बाद बदमाशों ने अपना फोन बंद कर दिया. इसके बाद बुजुर्ग ने अपने साथ हुई घटना के बारे में परिजनों को जानकारी दी और पुलिस को पूरे मामले की शिकायत की.
हरियाणा,झारखंड से आ रहे फ्रॉड कॉल
बुजुर्ग की शिकायत पर ठगी करने वाले बदमाशों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर, उनकी तलाश शुरू कर दी है. इस मामले में एडिशनल डीसीपी राजेश दंडोतिया ने कहा, '' बुजुर्ग की शिकायत पर ठगी की वारदातों को अंजाम देने वालों के खिलाफ प्रकरण दर्ज कर लिया है. आमतौर पर हरियाणा के मेवात गैंग सहित झारखंड के जामताड़ा गिरोह के द्वारा इस तरह की वारदातों का अंजाम दिया जा रहा है. जल्द ही इस पूरे मामले में कुछ आरोपियों को गिरफ्तार भी कर लिया जाएगा.'' बता दें कि इंदौर में डिजिटल हाउस अरेस्ट की यह दसवीं घटना है, इसके पहले भी कई लोग इस तरह से धोखाधड़ी के शिकार हो चुके हैं.
क्या है डिजिटल हाउस अरेस्ट ?
डिजिटल हाउस अरेस्ट साइबर ठगों द्वारा अपनाया जा रहा है, जिसमें ऑनलाइन ठगी करने वाले पीड़ित को वीडियो कॉल पर बुरी तरह डरा-धमकाकर घर पर ही कैद कर देते हैं. इसके साथ ही वे उसे फोन कॉल और वीडियो कॉल से इतना परेशान करते हैं कि आदमी बातों में फंसकर पैसा देने पर मजबूर हो जाता है.