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डीडवाना कुचामन और नागौर जिलों में 21 मार्च से 60 दिन तक रहेगी नहरबंदी

Indira Gandhi canal closure इंदिरा गांधी मुख्य नहर 21 मार्च से अगले 60 दिन के लिए बंद रहेगी. इस दौरान नहर की सफाई के कार्य को पूरा किया जाएगा.

Officials discussing about canal closure
नहरबंदी को लेकर चर्चा करते अधिकारी
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 7, 2024, 7:31 PM IST

कुचामन​सिटी. इंदिरा गांधी मुख्य नहर की साफ-सफाई और मरम्मत का कार्य किया जा रहा है. इस कारण डीडवाना-कुचामन और नागौर जिलों में 21 मार्च से 60 दिनों तक नहरबंदी रहेगी. इस दौरान 30 दिन थोड़ा थोड़ा पानी सप्लाई किया जाएगा और प्रत्येक रविवार को होली-डे रहेगा यानी कोई सप्लाई नहीं की जाएगी.

नहरबंदी के कारण दोनों जिलों से जुड़ी करीब 39 लाख आबादी के सामने जलसंकट रहेगा. दोनों जिलों के 12 शहर-कस्बों सहित 1480 गांवों की प्यास बुझाने के लिए 60 दिनों में 14.70 अरब लीटर पानी की जरूरत होगी. बीकानेर जिले के नोखा दैय्या स्थित पानी स्टोरेज के दोनों पौंड की क्षमता 10 अरब, 11 करोड़ लीटर पानी की ही है, यानी जरूरत से 4.59 अरब लीटर पानी कम स्टोरेज होगा. ऐसे में अब नहरी व जलदाय विभाग के अधिकारियों के सामने बड़ी चुनौती होगी कि इस संकट से कैसे निपटा जाए.

पढ़ें: पेयजल की होगी किल्लत, 20 अप्रैल से एक महीने तक होगी नहरबंदी

अधिशाषी अभियंता नहरी विभाग मनीष वैष्णव ने बताया कि जिला अभी पेयजल की दृष्टि से पूर्ण रूप से नहरी पानी पर ही निर्भर है, लेकिन हर वर्ष नहर में वार्षिक रखरखाव किया जाता है. इस दौरान नहर में साफ सफाई के अलावा मरम्मत का कार्य भी किया जाता है, जिसके चलते हर वर्ष नहरबंदी की जाती है. अगर क्षेत्र की बात की जाए तो यहां नहरी पानी की सप्लाई शहरी क्षेत्रों में 3 से 5 दिन में एक बार की जाती है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह सप्लाई एक सप्ताह के अंतराल से की जाती है, जो क्षेत्र में पानी की किल्लत को दर्शाता है. अब पूर्ण नहरबंदी की वजह से स्थितियां और गंभीर होने वाली है. पूर्ण नहरबंदी के दौरान नोखा दइया में बने रिजर्व से पानी दिया जाएगा. इससे पूरे जिले को 20 दिन तक ही सप्लाई मिल सकती है. इसकी वजह से सप्लाई में कटौती करके बैलेंस करने की कोशिश नहरी विभाग द्वारा की जा रही है. नहरी विभाग की तरफ से आमजन को भी जल संचय की अपील की गई है.

कुचामन​सिटी. इंदिरा गांधी मुख्य नहर की साफ-सफाई और मरम्मत का कार्य किया जा रहा है. इस कारण डीडवाना-कुचामन और नागौर जिलों में 21 मार्च से 60 दिनों तक नहरबंदी रहेगी. इस दौरान 30 दिन थोड़ा थोड़ा पानी सप्लाई किया जाएगा और प्रत्येक रविवार को होली-डे रहेगा यानी कोई सप्लाई नहीं की जाएगी.

नहरबंदी के कारण दोनों जिलों से जुड़ी करीब 39 लाख आबादी के सामने जलसंकट रहेगा. दोनों जिलों के 12 शहर-कस्बों सहित 1480 गांवों की प्यास बुझाने के लिए 60 दिनों में 14.70 अरब लीटर पानी की जरूरत होगी. बीकानेर जिले के नोखा दैय्या स्थित पानी स्टोरेज के दोनों पौंड की क्षमता 10 अरब, 11 करोड़ लीटर पानी की ही है, यानी जरूरत से 4.59 अरब लीटर पानी कम स्टोरेज होगा. ऐसे में अब नहरी व जलदाय विभाग के अधिकारियों के सामने बड़ी चुनौती होगी कि इस संकट से कैसे निपटा जाए.

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अधिशाषी अभियंता नहरी विभाग मनीष वैष्णव ने बताया कि जिला अभी पेयजल की दृष्टि से पूर्ण रूप से नहरी पानी पर ही निर्भर है, लेकिन हर वर्ष नहर में वार्षिक रखरखाव किया जाता है. इस दौरान नहर में साफ सफाई के अलावा मरम्मत का कार्य भी किया जाता है, जिसके चलते हर वर्ष नहरबंदी की जाती है. अगर क्षेत्र की बात की जाए तो यहां नहरी पानी की सप्लाई शहरी क्षेत्रों में 3 से 5 दिन में एक बार की जाती है, जबकि ग्रामीण क्षेत्रों में यह सप्लाई एक सप्ताह के अंतराल से की जाती है, जो क्षेत्र में पानी की किल्लत को दर्शाता है. अब पूर्ण नहरबंदी की वजह से स्थितियां और गंभीर होने वाली है. पूर्ण नहरबंदी के दौरान नोखा दइया में बने रिजर्व से पानी दिया जाएगा. इससे पूरे जिले को 20 दिन तक ही सप्लाई मिल सकती है. इसकी वजह से सप्लाई में कटौती करके बैलेंस करने की कोशिश नहरी विभाग द्वारा की जा रही है. नहरी विभाग की तरफ से आमजन को भी जल संचय की अपील की गई है.

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