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लंबी दूरी की ट्रेन में पानी को लेकर नहीं होगी टेंशन, मोबाइल में तुरंत मिलेगा 'वॉटर अपडेट' - Train Water availibility Alert - TRAIN WATER AVAILIBILITY ALERT

लंबी दूरी की ट्रेनों में अब यात्रियों को पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा. रेलवे ने इस दिशा में एक नया कदम उठाया है. अगर ये तकनीक सफल रही तो देश की सभी ट्रेनों में इसका इस्तेमाल किया जाएगा.

TRAIN WATER AVAILIBILITY ALERT
रेलवे ने शुरू किया वॉटर अपडेट (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Aug 21, 2024, 3:39 PM IST

भोपाल : रेल यात्रियों के लिए खबर राहत देने वाली है. दरअसल रेलवे ने हाली ही में कोच वॉटरमैनेजमेंट की दिशा में एक नया कदम उठाया है. एक्सपेरिमेंट के तौर पर रेलवे ने देश की कुछ ट्रेनों में हाइड्रोस्टेटिक प्रेशर सेंसर लगाया है और इसे कम्यूनिकेशन सिस्टम से जोड़ा गया है जो हर कोच में पानी की उपलब्धता का अलर्ट सफर कर रहे यात्री को देगा. ऐसे में अगर किसी कोच में पानी का स्तर कम हो गया है, तो यात्रियों को इसकी पहले ही जानकारी मिल जाएगी.

16 अगस्त से हुई शुरुआत

गौरतलब है 16 अगस्त को कामाख्या रेलवे स्टेशन पर ब्रह्मपुत्र मेल में इस तकनीक को सबसे पहले शुरू किया गया है. इसके साथ ही देश की अन्य ट्रेनों में भी इसे एक्सपेरिमेंट के तौर पर लगाया जा रहा है. रेलवे के मुताबिक कोच में लगाया जा रहे इस कम्यूनिकेशन सिस्टम में इनबिल्ट बैटरी होती है, जिसका बैकअप 6 महीने तक का होता है. ऐसे में कोच में पावर सप्लाई नहीं होने या कोच के इस्तेमाल नहीं होने पर भी ये डिस्चार्ज नहीं होते.

वॉटर मैनेजमेंट में सहायक

लंबी दूरी की ट्रेनों में ये वॉटर सेंसर और कम्यूनिकेशन सिस्टम कारगर सिद्घ होंगे. दरअसल, ऐसी ट्रेनों में यात्रियों की संख्या और पानी का इस्तेमाल दोनों ही ज्यादा होता है. ऐसे में ये नई तकनीक यात्रियों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा. रेलवे जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक यह तकनीक कोच के वॉटर टैंकों में जल स्तर की सटीक निगरानी करता है. यह एलओआरए और जीपीआरएस-आधारित संचार का उपयोग करता है. यात्रियों के साथ-साथ ये सिस्टम रेलवे को भी कोच में पानी की उपलब्धता की जानकारी देता रहेगा. किसी कोच में पानी कम होने या खत्म होने पर तुरंत इसे नजदीकी स्टेशन पर रीफिल किया जा सकेगा.

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उम्मीद की जा रही है कि सफल टेस्टिंग के बाद देश की सभी लंबी दूरी की ट्रेनों में ये वॉटर सेंसर और कम्यूनिकेशन सिस्टम लगाया जाएगा और यात्रियों को पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा. खासतौर पर गर्मी के दिनों में ये नई तकनीक काफी मददगार साबित होगी.

भोपाल : रेल यात्रियों के लिए खबर राहत देने वाली है. दरअसल रेलवे ने हाली ही में कोच वॉटरमैनेजमेंट की दिशा में एक नया कदम उठाया है. एक्सपेरिमेंट के तौर पर रेलवे ने देश की कुछ ट्रेनों में हाइड्रोस्टेटिक प्रेशर सेंसर लगाया है और इसे कम्यूनिकेशन सिस्टम से जोड़ा गया है जो हर कोच में पानी की उपलब्धता का अलर्ट सफर कर रहे यात्री को देगा. ऐसे में अगर किसी कोच में पानी का स्तर कम हो गया है, तो यात्रियों को इसकी पहले ही जानकारी मिल जाएगी.

16 अगस्त से हुई शुरुआत

गौरतलब है 16 अगस्त को कामाख्या रेलवे स्टेशन पर ब्रह्मपुत्र मेल में इस तकनीक को सबसे पहले शुरू किया गया है. इसके साथ ही देश की अन्य ट्रेनों में भी इसे एक्सपेरिमेंट के तौर पर लगाया जा रहा है. रेलवे के मुताबिक कोच में लगाया जा रहे इस कम्यूनिकेशन सिस्टम में इनबिल्ट बैटरी होती है, जिसका बैकअप 6 महीने तक का होता है. ऐसे में कोच में पावर सप्लाई नहीं होने या कोच के इस्तेमाल नहीं होने पर भी ये डिस्चार्ज नहीं होते.

वॉटर मैनेजमेंट में सहायक

लंबी दूरी की ट्रेनों में ये वॉटर सेंसर और कम्यूनिकेशन सिस्टम कारगर सिद्घ होंगे. दरअसल, ऐसी ट्रेनों में यात्रियों की संख्या और पानी का इस्तेमाल दोनों ही ज्यादा होता है. ऐसे में ये नई तकनीक यात्रियों के लिए पानी की उपलब्धता सुनिश्चित करेगा. रेलवे जनसंपर्क अधिकारी के मुताबिक यह तकनीक कोच के वॉटर टैंकों में जल स्तर की सटीक निगरानी करता है. यह एलओआरए और जीपीआरएस-आधारित संचार का उपयोग करता है. यात्रियों के साथ-साथ ये सिस्टम रेलवे को भी कोच में पानी की उपलब्धता की जानकारी देता रहेगा. किसी कोच में पानी कम होने या खत्म होने पर तुरंत इसे नजदीकी स्टेशन पर रीफिल किया जा सकेगा.

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उम्मीद की जा रही है कि सफल टेस्टिंग के बाद देश की सभी लंबी दूरी की ट्रेनों में ये वॉटर सेंसर और कम्यूनिकेशन सिस्टम लगाया जाएगा और यात्रियों को पानी की किल्लत का सामना नहीं करना पड़ेगा. खासतौर पर गर्मी के दिनों में ये नई तकनीक काफी मददगार साबित होगी.

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