पटना: पूर्व मध्य रेल द्वारा पहली बार एक साथ 04 मालगाड़ियों की रैक को जोड़कर एक लांग हॉल मालगाड़ी चलाई गई, जिसका नाम 'ब्रह्मास्त्र' रखा गया है. यह मालगाड़ी लगभग पौने तीन किलोमीटर लंबी है, जो इसे भारतीय रेलवे की सबसे लंबी मालगाड़ियों में से एक बनाती है. 'ब्रह्मास्त्र' का उद्देश्य भारी माल को अधिक प्रभावी और कुशलता से परिवहन करना है. यह कदम भारतीय रेलवे की माल परिवहन क्षमताओं को मजबूत करने और आर्थिक विकास में योगदान देने के लिए महत्वपूर्ण माना जा रहा है.
त्रिशुल के बाद बह्मास्त्रः इस माल गाड़ी को गंजख्वाजा से 30 जुलाई की रात लगभग 21.17 बजे धनबाद मंडल के टोरी के लिए रवाना किया गया. लगभग 37.5 किलोमीटर प्रति घंटा की औसत गति के साथ बीडी सेक्शन होते हुए लगभग 335 किलोमीटर की यात्रा गढ़वा रोड के रास्ते धनबाद मंडल के अंतर्गत 07.25 बजे टोरी पहुंची. बता दें कि 'ब्रह्मास्त्र' के सफल परिचालन के एक दिन पहले 29 जुलाई को पहली बार एक साथ तीन मालगाड़ियों का संयोजन कर 'त्रिशुल' का भी परिचालन किया गया. जिसे गंजख्वाजा से धनबाद मंडल के लिए रवाना किया गया था.
"परिचालनिक दक्षता में वृद्धि को लेकर पूर्व मध्य रेल निरंतर क्रियाशील है. इसी कड़ी में कल 30 जुलाई को पहली बार एक साथ चार बॉक्सन रैक का संयोजन कर तैयार किए गए 'ब्रह्मास्त्र' लांग हॉल मालगाड़ी का परिचालन किया गया. लगभग पौने तीन किलोमीटर लंबे 'ब्रह्मास्त्र' को पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल के गंजख्वाजा से धनबाद मंडल के लिए रवाना किया गया."- सरस्वती चंद्र, पूर्व मध्य रेल के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी
'ब्रह्मास्त्र' मालगाड़ी के फायदे:
- क्षमता में वृद्धि: एक साथ चार मालगाड़ियों को जोड़ने से अधिक माल को एक ही यात्रा में परिवहन करना संभव होगा, जिससे माल ढुलाई की कुल क्षमता बढ़ेगी.
- संसाधनों की बचत: एक लंबे लांग हॉल मालगाड़ी को चलाने से इंजन और चालक दल की आवश्यकताओं में कमी आएगी, जिससे परिचालन लागत कम होगी.
- समय की बचत: कई छोटी मालगाड़ियों की बजाय एक लंबी मालगाड़ी चलाने से समय की बचत होगी, क्योंकि एक ही बार में अधिक माल गंतव्य तक पहुंचाया जा सकेगा.
- कम प्रदूषण: कम इंजनों के उपयोग से ईंधन की खपत में कमी आएगी, जिससे पर्यावरण पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा और प्रदूषण भी कम होगा.
- रूट की बेहतर उपयोगिता: 'ब्रह्मास्त्र' जैसी लंबी मालगाड़ियों से रेल मार्गों का अधिकतम और प्रभावी उपयोग संभव होगा, जिससे यातायात की भीड़भाड़ कम होगी.
समय और संसाधनों की बचत होगी: पूर्व मध्य रेल का पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल भारतीय रेल के व्यस्ततम रेल मंडलों में से एक है. रेल परिचालन को गतिमान रखने के साथ धनबाद मंडल से कोयला आदि के त्वरित परिवहन हेतु परीक्षण कर लदान हेतु तैयार खाली मालगाड़ियां नियमित उपलब्ध कराने में पंडित दीन दयाल उपाध्याय मंडल की अति महत्वपूर्ण भूमिका है. इस पहल से रेल परिवहन में समय और संसाधनों की बचत होगी, जिससे अधिक माल को एक साथ लंबी दूरी तक पहुंचाना संभव होगा.