मंदसौर। भारतीय रेलवे अपनी विविधता में एकता के लिए जाना जाता है. इसके साथ ही भारतीय रेलवे के कई ऐसे तथ्य भी हैं, जो किसी अचरज से कम नहीं हैं. ऐसा ही एक रेलवे स्टेशन है भिवानी मंडी. इस रेलवे स्टेशन का एक प्लेटफॉर्म राजस्थान में पड़ता है तो दूसरा प्लेटफॉर्म मध्यप्रदेश में. दो राज्यों की सीमा में पड़ने वाले इस स्टेशन की कई विशेषताएं हैं. भिवानी मंडी राजस्थान के झालावाड़ जिले में पड़ता है. इस रेलवे स्टेशन का आधा हिस्सा राजस्थान और आधा हिस्सा मध्यप्रदेश में है. रेलवे के अनुसार इस स्टेशन से करीब 10 हजार यात्री रोजाना ट्रेनों में सफर करते हैं. ये इतना अहम स्टेशन है कि देश के करीब 300 से ज्यादा स्टेशन इससे सीधे जुड़े हैं.
ट्रेन का इंजन एमपी में तो गार्ड का डिब्बा राजस्थान में
रोचक बात ये है कि भिवानी मंडी रेलवे स्टेशन का बुकिंग काउंटर मध्य प्रदेश के मंदसौर जिले में पड़ता है तो रेलवे स्टेशन का एंट्री गेट और वेटिंग रूम राजस्थान के झालावाड़ जिले में है. कई बार तो ऐसा होता है कि काउंटर पर लंबी लाइन लगने के कारण आधी लाइन राजस्थान की सीमा में पहुंच जाती है. दिल्ली-मुंबई रेलवे लाइन पर इस स्टेशन के होने के कारण यहां ट्रैफिक भी ज्यादा है. कई ट्रेनें निकलती हैं. मालगाड़ी की भी लगातार आवाजाही होती रहती है. दो राज्यो में स्टेशन होने के कारण कई बार ऐसा होता है कि ट्रेन का इंजन मध्यप्रदेश में खड़ा होता है तो ट्रेन का गार्ड का डिब्बा राजस्थान की सीमा में.
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वारदात की जांच के दौरान दो राज्यों की जीआरपी में विवाद
इस अनूठे रेलवे स्टेशन का दूसरा पहलू ये भी है कि अगर कोई वारदात हो जाती है तो दो राज्यों की जीआरपी आपस में उलझ जाती है. इससे मामलों की जांच भी प्रभावित होती है. चूंकि ये स्टेशन मंदसौर जिले में भी पड़ता है और मंदसौर में मादक पदार्थों की तस्करी बड़े स्तर पर होती है. इसलिए तस्करी के मामलों को लेकर दोनों राज्यों की जीआरपी के बीच विवाद आम बात है. हादसे की जांच में भी यही स्थिति बनती है.