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लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त की 27वीं शहादत वर्षगांठ पर इंडियन आर्मी और स्थानीय लोगों ने दी श्रद्धांजलि - Tribute to Lieutenant Puneet Nath

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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 20, 2024, 6:59 PM IST

Tribute to Lieutenant Puneet Nath Dutt: दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी स्थित पार्क में शहीद लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त की 27वीं शहादत वर्षगांठ मनाई गई. इस दौरान आर्मी और डिफेंस कॉलोनी के स्थानीय लोग ने उन्हें श्रद्धांजलि दी. 20 जुलाई 1997 को उन्होंने देश की रक्षा करते-करते अपने प्राण निछावर कर दिए थे.

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नई दिल्ली: आज देश का हर एक नागरिक अथवा देश सुरक्षित है तो इसका प्रमुख श्रेय भारत के उन वीर सपूत जवानों को है जो अपनी जान की परवाह करे बगैर देश के लिए अपने घरों से दूर सेवा दे रहे हैं. हर साल हमारे देश की सुरक्षा में तैनात हमारे कई जवान शहीद हो जाते हैं. आज हम एक ऐसे ही देश के वीर सपूत लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त की बात कर रहे हैं. जिसने 20 जुलाई 1997 को कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी.

शहादत वर्षगांठ पर दी गई श्रद्धांजलि: आज दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी स्थित लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त पार्क में उनकी 27वीं शहादत वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि देने के लिए इंडियन आर्मी और डिफेंस कॉलोनी के स्थानीय लोग शामिल हुए आर्मी के तौर तरीके और पूरे सम्मान के साथ शहीद लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. श्रद्धांजलि सभा में शाहिद लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त के कई फैमिली मेंबर समेत कस्तूरबा नगर से स्थानीय विधायक मदनलाल और निगम पार्षद अनीता बसोया शामिल हुई. श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय सेवा से रिटायर्ड मेजर रंजीत सिंह ने की.

मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित: आपको बता दे कि, लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल के अधिकारी थे. उन्हें भारतीय सेना के एक ऑपरेशन में दिखाई गई बहादुर के लिए मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च शांति कालीन वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था. 20 जुलाई 1997 को उन्होंने देश की रक्षा करते-करते अपने प्राण निछावर कर दिए. हर साल दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी इलाके में उनकी शहादत को याद किया जाता है. और डिफेंस कॉलोनी के तमाम लोग और इंडियन आर्मी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती है.

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बहादुरी के साथ वीरगति को हुए थे प्राप्त: मीडिया से बात करते हुए भारतीय सेवा से रिटायर्ड मेजर रंजीत सिंह ने कहा कि, "उन्होंने बहुत बहादुरी के साथ वीरगति को प्राप्त किया था 1997 में जब वह कश्मीर की घाटी में तैनात थे. उन्हें खबर मिली थी कि एक घर में कई सारे आतंकवादी छिपे हुए हैं. अपने टोली के साथ लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त मौके पर पहुंचे जहां से भारी गोलाबारी हो रही थी. फिर भी उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाते हुए 3 आतंकवादियों को ढेर कर दिया, लेकिन इस हमले मैं भारी गोलीबारी के बीच उन्होंने वीरगति प्राप्त की. हम हर साल 20 जुलाई को लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त पार्क में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.

स्थानीय विधायक मदनलाल ने कहा कि, "लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त हमारे वीर सेनानी रहे उनकी याद में डिफेंस कॉलोनी में स्थित यह पार्क उन्हीं को समर्पित है. 1997 में उन्होंने वीरगति प्राप्त की ऐसे लोग समाज के लिए कभी मरते नहीं है, यह बलिदान है जो सदा अमर रहती है. देश के लिए उन्होंने जो कुर्बानी दी है. देश उन्हें हमेशा याद करता रहेगा, उन्हीं की याद में आज श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली की पूर्व मुख्यमंत्री शीला दीक्षित की पांचवी पुण्यतिथि आज, कांग्रेस नेताओं ने दी श्रद्धांजलि

नई दिल्ली: आज देश का हर एक नागरिक अथवा देश सुरक्षित है तो इसका प्रमुख श्रेय भारत के उन वीर सपूत जवानों को है जो अपनी जान की परवाह करे बगैर देश के लिए अपने घरों से दूर सेवा दे रहे हैं. हर साल हमारे देश की सुरक्षा में तैनात हमारे कई जवान शहीद हो जाते हैं. आज हम एक ऐसे ही देश के वीर सपूत लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त की बात कर रहे हैं. जिसने 20 जुलाई 1997 को कश्मीर में आतंकवादियों से लड़ते हुए अपने प्राणों की आहुति दे दी.

शहादत वर्षगांठ पर दी गई श्रद्धांजलि: आज दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी स्थित लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त पार्क में उनकी 27वीं शहादत वर्षगांठ पर श्रद्धांजलि देने के लिए इंडियन आर्मी और डिफेंस कॉलोनी के स्थानीय लोग शामिल हुए आर्मी के तौर तरीके और पूरे सम्मान के साथ शहीद लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त को श्रद्धांजलि अर्पित की गई. श्रद्धांजलि सभा में शाहिद लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त के कई फैमिली मेंबर समेत कस्तूरबा नगर से स्थानीय विधायक मदनलाल और निगम पार्षद अनीता बसोया शामिल हुई. श्रद्धांजलि सभा कार्यक्रम की अध्यक्षता भारतीय सेवा से रिटायर्ड मेजर रंजीत सिंह ने की.

मरणोपरांत अशोक चक्र से सम्मानित: आपको बता दे कि, लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त भारतीय सेना की 11 गोरखा राइफल के अधिकारी थे. उन्हें भारतीय सेना के एक ऑपरेशन में दिखाई गई बहादुर के लिए मरणोपरांत भारत के सर्वोच्च शांति कालीन वीरता पुरस्कार अशोक चक्र से सम्मानित किया गया था. 20 जुलाई 1997 को उन्होंने देश की रक्षा करते-करते अपने प्राण निछावर कर दिए. हर साल दिल्ली के डिफेंस कॉलोनी इलाके में उनकी शहादत को याद किया जाता है. और डिफेंस कॉलोनी के तमाम लोग और इंडियन आर्मी उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करती है.

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बहादुरी के साथ वीरगति को हुए थे प्राप्त: मीडिया से बात करते हुए भारतीय सेवा से रिटायर्ड मेजर रंजीत सिंह ने कहा कि, "उन्होंने बहुत बहादुरी के साथ वीरगति को प्राप्त किया था 1997 में जब वह कश्मीर की घाटी में तैनात थे. उन्हें खबर मिली थी कि एक घर में कई सारे आतंकवादी छिपे हुए हैं. अपने टोली के साथ लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त मौके पर पहुंचे जहां से भारी गोलाबारी हो रही थी. फिर भी उन्होंने अपनी जान की बाजी लगाते हुए 3 आतंकवादियों को ढेर कर दिया, लेकिन इस हमले मैं भारी गोलीबारी के बीच उन्होंने वीरगति प्राप्त की. हम हर साल 20 जुलाई को लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त पार्क में शामिल होकर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं.

स्थानीय विधायक मदनलाल ने कहा कि, "लेफ्टिनेंट पुनीत नाथ दत्त हमारे वीर सेनानी रहे उनकी याद में डिफेंस कॉलोनी में स्थित यह पार्क उन्हीं को समर्पित है. 1997 में उन्होंने वीरगति प्राप्त की ऐसे लोग समाज के लिए कभी मरते नहीं है, यह बलिदान है जो सदा अमर रहती है. देश के लिए उन्होंने जो कुर्बानी दी है. देश उन्हें हमेशा याद करता रहेगा, उन्हीं की याद में आज श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया है.

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