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AI कराएगा देश के मंदिरों के दर्शन, वर्चुअल टूर में घर बैठे होगी मंदिर की अनुभूति

देश के किसी भी मंदिरों के दर्शन अब श्रद्धालु घर बैठे कर सकते हैं. भक्तों को यह दर्शन AI तकनीक से कराए जाएंगे.

MP TEMPLE DARSHAN BY AI TECHNOLOGY
AI कराएगा देश के मंदिरों के दर्शन (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : 5 hours ago

भोपाल: अगले कुछ सालों में आप घर बैठे मंदिरों का ऐसा वर्चुअल टूर कर सकेंगे, जिसमें आपको ऐसा महसूस होगा जैसे आप मंदिर में ही हैं. इसकी शुरुआत विदिशा जिले के ग्यारसपुर में गुप्तोत्तर वास्तुकला के मालादेवी मंदिर से हो सकती है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद और एआरवीआर टेक्नालॉजी से इस मंदिर के वर्चुअल टूर कराने के प्रोजेक्ट पर जल्द ही काम शुरू होगा. इसके बाद देश के अन्य मंदिर और स्मारकों को भी इस योजना से जोड़ा जाएगा.

मेटावर्स टेक्नोलॉजी का होगा उपयोग

इस प्रोजेक्ट में मेटावर्स टेक्नोलॉजी का उपयोग होगा. मेटावर्स ब्लाकचेन पर बना हुआ एक ऐसा कम्प्यूटिंग प्लेटफार्म है, जो आभासी दुनिया के विकल्प के रूप में काम करता है. इस प्रोजेक्ट में यह भी बताया जाएगा कि मालादेवी मंदिर जैसे मंदिर और दूसरे स्मारक दुनिया में और कहां-कहां हैं. आप इस मंदिर के निर्माण की पूरी प्रक्रिया को भी देख सकेंगे. बता दें कि विदिशा जिले के ग्यारसपुर में बने मालादेवी मंदिर के वर्चुअल टूर में पहली बार एआरवीआर टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा. अब तक देश के किसी मंदिर या स्मारक में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं किया गया है.

Vidisha Gyaraspur Maladevi Temple
विदिशा ग्यारसपुर मालादेवी मंदिर के एआई दर्शन (ETV Bharat)

43.28 लाख रुपये का अनुदान देगी सरकार

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने साइंस एंड हेरिटेज रिसर्च इनिशिएटिव प्रोजेक्ट के तहत मंदिर और स्मारकों के वर्चुअल टूर की तैयारी की जा रही है. सरकार ने वीआईटी भोपाल की डीन आर्किटेक्चर डॉ. शीतल शर्मा, डीएवीवी के डॉ. शिशिर कुमार शांडिल्य और आईआईटी इंदौर के डॉ. सूर्यप्रकाश के मालादेवी मंदिर वर्चुअल टूर प्रोजेक्ट को मंजूर कर लिया है. इस पर विभाग अगले दो साल में 43.28 लाख रुपए का अनुदान देगा. मध्य प्रदेश में इस योजना के तहत किसी भी यूनिवर्सिटी को यह अब तक का सबसे अधिक अनुदान है.

Artificial Intelligence Darshan
भोपाल और इंदौर की टीम को सरकार ने दी मंजूरी (ETV Bharat)

ये है विदिशा के मालादेवी मंदिर की खासियत

9वीं शताब्दी का यह मंदिर पहाड़ी ढलान पर बना हुआ है. मालादेवी मंदिर को पूरी तरह से नहीं देखा जा सकता है, क्योंकि आप सड़क मार्ग से पहाड़ी पर चढ़ते हैं. हालांकि, जब आप पैदल नीचे उतरना शुरू करते हैं, तो मंदिर चट्टानों के पीछे से उभरता है और पीछे की ओर फैले विशाल परिदृश्य में मीलों-मील तक फैले हरे-भरे खेत, पेड़ों के झुरमुट और पहाड़ियां नजर आती हैं.

Vidisha Gyaraspur Maladevi Temple
विदिशा ग्यारसपुर मालादेवी मंदिर के एआई दर्शन (ETV Bharat)

शुरुआती पुरातात्विक उत्खनन से पता चला कि यह एक बौद्ध मंदिर था. करीब से देखने पर, मंदिर के भीतर आलों में बैठी कुछ मूर्तियां जैन तीर्थंकरों की पाई गईं. तब यह माना गया कि यह मंदिर आदिनाथ को समर्पित था, क्योंकि मंदिर के गर्भगृह में पद्मासन में जैन तीर्थकरों की चार बड़ी मूर्तियां पाई गईं. हालांकि, मंदिर का सबसे सटीक प्रतीक लालाता बिंबा पर गरुड़ पर बैठी वैष्णव देवी की नक्काशी है, जो बिना किसी संदेह के यह स्थापित करती है कि मूल संरचना एक देवी मंदिर थी.

भोपाल: अगले कुछ सालों में आप घर बैठे मंदिरों का ऐसा वर्चुअल टूर कर सकेंगे, जिसमें आपको ऐसा महसूस होगा जैसे आप मंदिर में ही हैं. इसकी शुरुआत विदिशा जिले के ग्यारसपुर में गुप्तोत्तर वास्तुकला के मालादेवी मंदिर से हो सकती है. आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद और एआरवीआर टेक्नालॉजी से इस मंदिर के वर्चुअल टूर कराने के प्रोजेक्ट पर जल्द ही काम शुरू होगा. इसके बाद देश के अन्य मंदिर और स्मारकों को भी इस योजना से जोड़ा जाएगा.

मेटावर्स टेक्नोलॉजी का होगा उपयोग

इस प्रोजेक्ट में मेटावर्स टेक्नोलॉजी का उपयोग होगा. मेटावर्स ब्लाकचेन पर बना हुआ एक ऐसा कम्प्यूटिंग प्लेटफार्म है, जो आभासी दुनिया के विकल्प के रूप में काम करता है. इस प्रोजेक्ट में यह भी बताया जाएगा कि मालादेवी मंदिर जैसे मंदिर और दूसरे स्मारक दुनिया में और कहां-कहां हैं. आप इस मंदिर के निर्माण की पूरी प्रक्रिया को भी देख सकेंगे. बता दें कि विदिशा जिले के ग्यारसपुर में बने मालादेवी मंदिर के वर्चुअल टूर में पहली बार एआरवीआर टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जाएगा. अब तक देश के किसी मंदिर या स्मारक में इस टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल नहीं किया गया है.

Vidisha Gyaraspur Maladevi Temple
विदिशा ग्यारसपुर मालादेवी मंदिर के एआई दर्शन (ETV Bharat)

43.28 लाख रुपये का अनुदान देगी सरकार

भारत सरकार के विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग ने साइंस एंड हेरिटेज रिसर्च इनिशिएटिव प्रोजेक्ट के तहत मंदिर और स्मारकों के वर्चुअल टूर की तैयारी की जा रही है. सरकार ने वीआईटी भोपाल की डीन आर्किटेक्चर डॉ. शीतल शर्मा, डीएवीवी के डॉ. शिशिर कुमार शांडिल्य और आईआईटी इंदौर के डॉ. सूर्यप्रकाश के मालादेवी मंदिर वर्चुअल टूर प्रोजेक्ट को मंजूर कर लिया है. इस पर विभाग अगले दो साल में 43.28 लाख रुपए का अनुदान देगा. मध्य प्रदेश में इस योजना के तहत किसी भी यूनिवर्सिटी को यह अब तक का सबसे अधिक अनुदान है.

Artificial Intelligence Darshan
भोपाल और इंदौर की टीम को सरकार ने दी मंजूरी (ETV Bharat)

ये है विदिशा के मालादेवी मंदिर की खासियत

9वीं शताब्दी का यह मंदिर पहाड़ी ढलान पर बना हुआ है. मालादेवी मंदिर को पूरी तरह से नहीं देखा जा सकता है, क्योंकि आप सड़क मार्ग से पहाड़ी पर चढ़ते हैं. हालांकि, जब आप पैदल नीचे उतरना शुरू करते हैं, तो मंदिर चट्टानों के पीछे से उभरता है और पीछे की ओर फैले विशाल परिदृश्य में मीलों-मील तक फैले हरे-भरे खेत, पेड़ों के झुरमुट और पहाड़ियां नजर आती हैं.

Vidisha Gyaraspur Maladevi Temple
विदिशा ग्यारसपुर मालादेवी मंदिर के एआई दर्शन (ETV Bharat)

शुरुआती पुरातात्विक उत्खनन से पता चला कि यह एक बौद्ध मंदिर था. करीब से देखने पर, मंदिर के भीतर आलों में बैठी कुछ मूर्तियां जैन तीर्थंकरों की पाई गईं. तब यह माना गया कि यह मंदिर आदिनाथ को समर्पित था, क्योंकि मंदिर के गर्भगृह में पद्मासन में जैन तीर्थकरों की चार बड़ी मूर्तियां पाई गईं. हालांकि, मंदिर का सबसे सटीक प्रतीक लालाता बिंबा पर गरुड़ पर बैठी वैष्णव देवी की नक्काशी है, जो बिना किसी संदेह के यह स्थापित करती है कि मूल संरचना एक देवी मंदिर थी.

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