पलामू: लोकसभा चुनाव में झारखंड में भारतीय जनता पार्टी को एसटी सीटों पर करारी हार का सामना करना पड़ा है. बीजेपी सभी एसटी सीटों पर चुनाव हार गई है जबकि एससी विधानसभा सीटों पर वोटों का नुकसान हुआ है. लोकसभा चुनाव के दौरान झारखंड की राजनीति में इंडिया गठबंधन के नेताओं ने संविधान बचाने का नारा दिया था. इंडिया गठबंधन के नेताओं ने भाषण के दौरान कहा था कि भारतीय जनता पार्टी संविधान को खत्म करना चाहती है. इस भाषण का असर एसटी और एससी सीटों पर पड़ा है.
झारखंड की पलामू लोकसभा सीट एससी के लिए आरक्षित है जबकि चतरा सीट सामान्य है. 2024 के लोकसभा चुनाव में पलामू लोकसभा सीट पर 2019 के मुकाबले भारतीय जनता पार्टी को कमन वोट मिले हैं. चतरा लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत मनिका विधानसभा क्षेत्र एसटी के लिए आरक्षित है. चतरा से भारतीय जनता पार्टी ने चुनाव जीता है लेकिन मनिका विधानसभा क्षेत्र में भारतीय जनता पार्टी का वोट इंडिया गठबंधन उम्मीदवार से कम रहा. मनिका विधानसभा क्षेत्र में बीजेपी को 70,459 वोट मिले जबकि इंडिया गठबंधन को 72,045 वोट मिले.
लोकसभा चुनाव के इस परिणाम पर भाजपा जहां चिंतित है, वहीं इंडिया गठबंधन के दल थोड़े उतसाहित हैं. भाजपा नेताओं का कहना है कि इंडिया गठबंधन के नेताओं ने आदिवासी और अन्य मतदाताओं को गुमराह किया है. उनके द्वारा झूठ फैलाया गया. वहीं झामुमो का कहना है कि चुनाव से साफ है कि दलित और आदिवासी समाज का झुकाव इंडिया गठबंधन की ओर है.
"लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन के नेताओं ने आदिवासी व अन्य मतदाताओं को गुमराह किया है. संविधान व जमीन के मुद्दे पर झूठ फैलाया गया. गुमराह कर भाजपा की सीटों को कम करने की उनकी मंशा थी. झारखंड की पांच आदिवासी सीटों पर हुए मतदान की समीक्षा की जाएगी, प्रथम दृष्टया यह बात सामने आ रही है कि भोले-भाले आदिवासियों को गुमराह करने का काम किया गया है" - मनोज सिंह, प्रदेश महासचिव, भाजपा
"संविधान बचाने का नारा सही था. भाजपा की ओर से 400 सीटें जीतने का नारा यूं ही नहीं दिया गया, उनके इरादे कुछ और थे. भारतीय जनता पार्टी और नरेंद्र मोदी की कथनी व करनी में फर्क है. इस चुनाव ने दिखा दिया है कि भारतीय जनता पार्टी के सपने पूरे होने वाले नहीं हैं. पूरे झारखंड में आदिवासी और दलित एकजुट होकर इंडिया गठबंधन की ओर झुके हैं." - राजेंद्र कुमार सिंह, जिला अध्यक्ष, झामुमो