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'इंडिया गठबंधन' ने सरकार को घेरा, अतिक्रमण के नाम पर लोगों को उजाड़ने का लगाया आरोप - India alliance

India alliance देहरादून में 'इंडिया गठबंधन' के दलों ने सरकार पर अतिक्रमण के नाम पर लोगों को उजाड़ने का आरोप लगाया है. साथ ही धामी सरकार पर गरीबों का उत्पीड़न करने का आरोप लगाया. कहा कि सरकार ने आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर बेघर का अपना घर होगा, लेकिन सरकार इसके विपरीत कार्य कर रही है.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 15, 2024, 10:13 PM IST

Updated : Mar 15, 2024, 10:38 PM IST

'इंडिया गठबंधन' ने सरकार को घेरा

देहरादून: लोकसभा चुनाव सिर पर हैं, ऐसे में राजनैतिक पार्टियों के बीच बयानबाजी भी शुरू हो गई है. इसी क्रम में 'इंडिया गठबंधन' के दलों ने सरकार को घेरने की कोशिश की है. जहां इंडिया गठबंधन के नेताओं ने सरकार पर अतिक्रमण के नाम पर लोगों को उजाड़ने का आरोप लगाया है और उनका पुनर्वास सुनिश्चित किए जाने की मांग उठाई है.

'इंडिया गठबंधन' के दलों के नेताओं का कहना है कि जनहित कानून की धज्जियां उड़ाकर भाजपा सरकार पहाड़ों से लोगों की दुकानें और घरों को हटाना चाहती है और शहरों में गरीबों को बेदखल करने की चेतावनी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार वन जमीन पर रह रहे लोगों का उत्पीड़न कर रही है और राजनीतिक फायदा लेने के लिए नफरत फैला रही है. जिससे लोगों के घर, दुकान और आजीविका खतरे में पड़ गई है.

भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि प्रदेश में रह रहे वनवासी और शहरी गरीब लोग जो नजूल की जमीनों पर बसे हुए हैं, उनको उजाड़ने का अभियान भाजपा सरकार चला रही है. उन्होंने कहा कि यह अतिक्रमण हटाने का मसला नहीं, बल्कि सरकार की नजर जंगलों, कैंटोनमेंट और शहर की जमीनों पर है. नजूल भूमि पर बसे लोगों के लीज के नियमितीकरण के लिए 2021 में पारित हुए विधेयक पर आज तक डबल इंजन सरकार केंद्र से मंजूरी लेने में असमर्थ रही है.

कांग्रेस नेता शीशपाल बिष्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लोगों से यह वादा किया था कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर बेघर का अपना घर होगा, लेकिन सरकार इसके विपरीत कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि जो लोग पहले से ही बस्तियों में रह रहे हैं, उन्हें अतिक्रमण के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि करीब तीन लाख से ज्यादा हेक्टेयर नजूल भूमि पर लाखों लोग रह रहे हैं.

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'इंडिया गठबंधन' के दलों के नेताओं का कहना है कि जनहित कानून की धज्जियां उड़ाकर भाजपा सरकार पहाड़ों से लोगों की दुकानें और घरों को हटाना चाहती है और शहरों में गरीबों को बेदखल करने की चेतावनी दी जा रही है. उन्होंने कहा कि सरकार वन जमीन पर रह रहे लोगों का उत्पीड़न कर रही है और राजनीतिक फायदा लेने के लिए नफरत फैला रही है. जिससे लोगों के घर, दुकान और आजीविका खतरे में पड़ गई है.

भाकपा माले के राज्य सचिव इंद्रेश मैखुरी ने कहा कि प्रदेश में रह रहे वनवासी और शहरी गरीब लोग जो नजूल की जमीनों पर बसे हुए हैं, उनको उजाड़ने का अभियान भाजपा सरकार चला रही है. उन्होंने कहा कि यह अतिक्रमण हटाने का मसला नहीं, बल्कि सरकार की नजर जंगलों, कैंटोनमेंट और शहर की जमीनों पर है. नजूल भूमि पर बसे लोगों के लीज के नियमितीकरण के लिए 2021 में पारित हुए विधेयक पर आज तक डबल इंजन सरकार केंद्र से मंजूरी लेने में असमर्थ रही है.

कांग्रेस नेता शीशपाल बिष्ट ने कहा कि प्रधानमंत्री ने लोगों से यह वादा किया था कि आजादी के अमृत महोत्सव के तहत हर बेघर का अपना घर होगा, लेकिन सरकार इसके विपरीत कार्य कर रही है. उन्होंने कहा कि जो लोग पहले से ही बस्तियों में रह रहे हैं, उन्हें अतिक्रमण के नाम पर प्रताड़ित किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि करीब तीन लाख से ज्यादा हेक्टेयर नजूल भूमि पर लाखों लोग रह रहे हैं.

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Last Updated : Mar 15, 2024, 10:38 PM IST
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