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कांग्रेस और इंडिया एलाइंस के दलों ने राज्यपाल से की भेंट, हल्द्वानी हिंसा को बताया प्रशासन का फेलियर, उच्च अधिकारियों को हटाने की मांग - Haldwani Violence

Haldwani Violence हल्द्वानी हिंसा पर सियासत तेज हो गई है. आज करन माहरा के नेतृत्व में इंडिया एलाइंस के घटक दलों और सिविल सोसाइटी से जुड़े लोगों ने राज्यपाल से मुलाकात की. साथ ही हिंसा को पुलिस-प्रशासन का फेलियर बताया, साथ ही घटना की जांच की मांग की. साथ ही जिले के पुलिस-प्रशासन के उच्च अधिकारियों को हटाने की मांग की.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Feb 10, 2024, 1:06 PM IST

Updated : Feb 10, 2024, 1:21 PM IST

कांग्रेस ने हल्द्वानी हिंसा को बताया प्रशासन का फेलियर

देहरादून: इंडिया एलाइंस के घटक दलों और सिविल सोसाइटी से जुड़े लोगों ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मुलाकात की.उन्हें हल्द्वानी हिंसा की न्यायिक जांच कराई जाने को लेकर ज्ञापन सौंपा. साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उन्होंने नैनीताल जिलाधिकारी और एसएसपी को तत्काल निलंबित करते हुए पद से हटाए जाने की मांग उठाई है.उन्होंने शासन प्रशासन की तरफ से एनएसए लगाए जाने के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी ने हल्द्वानी हिंसा की कठोर शब्दों में निंदा की. करन माहरा का कहना है कि उत्तराखंड के इतिहास में इस तरह की पहली घटना हुई है, ऐसे में अचानक इतने बड़े पैमाने में हिंसा का फैलना और हिंसा के कारणों की वजह से उत्पन्न हुई स्थिति की स्वतंत्रता और निष्पक्ष जांच की जरूरत है. उन्होंने इस घटना की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के सेवारत या फिर सेवानिवृत्ति न्यायाधीश से कराए जाने की मांग की. माहरा का कहना है कि हिंसा की घटना में पहली नजर में प्रशासन की लापरवाही नजर आ रही है. उन्होंने नैनीताल जिले के पुलिस-प्रशासन के उच्च अधिकारियों को हटाने की मांग की.
पढ़ें-उपद्रवियों की हिंसा की आग में झुलसे हल्द्वानी से कर्फ्यू हटाया गया, बनभूलपुरा में जारी रहेगा, मजिस्ट्रियल जांच के आदेश

उन्होंने शासन प्रशासन की तरफ से एनएसए लगाए जाने के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि यदि हल्द्वानी का माहौल ठीक करना है तो राज्यपाल से एनएसए नहीं लगाई जाने का आग्रह किया गया है.माहरा का कहना है कि इस तरह का नैरेटिव फैलाने की कोशिश की जा रही है कि यह दो समुदायों के बीच का झगड़ा है. जबकि हकीकत है कि यह प्रशासन वर्सेस पब्लिक का झगड़ा है. प्रशासन की भारी चूक की वजह से हल्द्वानी में इस तरह के हालात बने, उन्होंने अतिक्रमण हटाने गए प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए शाम का वक्त चुना, ऐसे में शाम 4 बजे प्रशासन ने कार्रवाई करने की जल्दबाजी क्यों की.

उन्होंने एलआईयू और पुलिस का फेलियर बताते हुए कहा कि समय पर खुफिया जानकारी देने में स्थानीय अधिसूचना इकाई और पुलिस फेल साबित हुई. उन्होंने नैनीताल जिले की जिलाधिकारी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने राज्यपाल से मुलाकात करते हुए ग्राउंड जीरो की परिस्थितियों से अवगत कराया. उन्होंने इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी के लोगों की तरफ से राज्यपाल को प्रदेश में शांति और सद्भावना की स्थापना के लिए हस्तक्षेप किए जाने का आग्रह किया है. गौरतलब है कि करन माहरा बीते रोज हल्द्वानी पहुंचे थे और स्थिति का जायजा लिया था. उन्होंने ग्राउंड जीरो की स्थितियों से राज्यपाल को रूबरू कराया है.

ये भी पढ़ें:

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देहरादून: इंडिया एलाइंस के घटक दलों और सिविल सोसाइटी से जुड़े लोगों ने कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा के नेतृत्व में राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (से नि) से मुलाकात की.उन्हें हल्द्वानी हिंसा की न्यायिक जांच कराई जाने को लेकर ज्ञापन सौंपा. साथ ही कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने उन्होंने नैनीताल जिलाधिकारी और एसएसपी को तत्काल निलंबित करते हुए पद से हटाए जाने की मांग उठाई है.उन्होंने शासन प्रशासन की तरफ से एनएसए लगाए जाने के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है.

कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष करन माहरा ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताया है. इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी ने हल्द्वानी हिंसा की कठोर शब्दों में निंदा की. करन माहरा का कहना है कि उत्तराखंड के इतिहास में इस तरह की पहली घटना हुई है, ऐसे में अचानक इतने बड़े पैमाने में हिंसा का फैलना और हिंसा के कारणों की वजह से उत्पन्न हुई स्थिति की स्वतंत्रता और निष्पक्ष जांच की जरूरत है. उन्होंने इस घटना की न्यायिक जांच हाईकोर्ट के सेवारत या फिर सेवानिवृत्ति न्यायाधीश से कराए जाने की मांग की. माहरा का कहना है कि हिंसा की घटना में पहली नजर में प्रशासन की लापरवाही नजर आ रही है. उन्होंने नैनीताल जिले के पुलिस-प्रशासन के उच्च अधिकारियों को हटाने की मांग की.
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उन्होंने शासन प्रशासन की तरफ से एनएसए लगाए जाने के फैसले को जल्दबाजी में लिया गया फैसला बताया है. उन्होंने कहा कि यदि हल्द्वानी का माहौल ठीक करना है तो राज्यपाल से एनएसए नहीं लगाई जाने का आग्रह किया गया है.माहरा का कहना है कि इस तरह का नैरेटिव फैलाने की कोशिश की जा रही है कि यह दो समुदायों के बीच का झगड़ा है. जबकि हकीकत है कि यह प्रशासन वर्सेस पब्लिक का झगड़ा है. प्रशासन की भारी चूक की वजह से हल्द्वानी में इस तरह के हालात बने, उन्होंने अतिक्रमण हटाने गए प्रशासन की कार्रवाई पर सवाल उठाते हुए कहा कि प्रशासन ने अतिक्रमण हटाने के लिए शाम का वक्त चुना, ऐसे में शाम 4 बजे प्रशासन ने कार्रवाई करने की जल्दबाजी क्यों की.

उन्होंने एलआईयू और पुलिस का फेलियर बताते हुए कहा कि समय पर खुफिया जानकारी देने में स्थानीय अधिसूचना इकाई और पुलिस फेल साबित हुई. उन्होंने नैनीताल जिले की जिलाधिकारी की कार्यप्रणाली पर भी सवाल उठाए हैं. कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष ने राज्यपाल से मुलाकात करते हुए ग्राउंड जीरो की परिस्थितियों से अवगत कराया. उन्होंने इंडिया गठबंधन और सिविल सोसाइटी के लोगों की तरफ से राज्यपाल को प्रदेश में शांति और सद्भावना की स्थापना के लिए हस्तक्षेप किए जाने का आग्रह किया है. गौरतलब है कि करन माहरा बीते रोज हल्द्वानी पहुंचे थे और स्थिति का जायजा लिया था. उन्होंने ग्राउंड जीरो की स्थितियों से राज्यपाल को रूबरू कराया है.

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Last Updated : Feb 10, 2024, 1:21 PM IST
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