लखनऊ : पूरा देश आज आजादी का जश्न मना रहा है. राजधानी के मलिहाबाद के एक शख्स ने स्वतंत्रता दिवस को खास बनाने के लिए खास तरह की आम की पौध तैयार की है. आम की यह नई प्रजाति देश के शहीदों की याद में तैयार की गई है. इसका नाम '15 अगस्त मैंगो' रखा गया है. इसके पौधे लेने के लिए कई राज्यों से लोग पहुंच रहे हैं. खूबियों से भरपूर इस आम का स्वाद काफी अलग है. यह अगले साल 15 के अगस्त के आसपास बाजार में आ जाएगा.
मलिहाबाद के मुजासा के रहने वाले जुबैर अहमद ने शहीदों की याद में खास आम की प्रजाति तैयार की है. उनका कहना है कि उनका मुख्य उद्देश्य आने वाली पीढ़ी को आम के जरिए शहीदों के बलिदान की याद दिलाते रहने की है. जुबैर नर्सरी संचालक हैं. वह समय-समय पर आम की नई-नई किस्में तैयार करते रहते हैं. उन्होंने बताया कि 15 अगस्त मैंगो सभी आमों से अलग है. इसका वजन 800 ग्राम के आसपास होता है.
![खास प्रजाति के आम को तैयार करने में 5 साल लग गए.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15-08-2024/up-luc-02-15-august-mango-vid-photo-10166_14082024231045_1408f_1723657245_722.png)
यह आम शुरुआत में हरे रंग और पकने के प्रक्रिया शुरू होने पर सुर्ख रंग का हो जाता है. पकने के बाद यह लाल रंग का हो जाता है. इसके बाद आप कुछ और प्रतीक्षा कर आम के स्वाद का आनंद ले सकते हैं. इसका स्वाद आपको एक अलग ही जायका देगा. यह आम 15 अगस्त तक ही परिपक्व हो पाता है. यह आम खूबियों से भरपूर है. आम पकने के बाद भी टाइट रहता है. आखिरी समय तक यह ढलता नहीं है. यह अगले साल 15 अगस्त के आसपास यह बाजार में आ जाएगा.
![यह आम कई खूबियों से भरपूर है.](https://etvbharatimages.akamaized.net/etvbharat/prod-images/15-08-2024/up-luc-02-15-august-mango-vid-photo-10166_14082024231045_1408f_1723657245_71.png)
जुबैर ने बताया कि इस आम की काफी डिमांड है. इसकी वजह से इसके पौधे नहीं मिल पा रहे हैं. इससे दूसरे राज्यों से आने वाले लोगों को भी मायूस होकर लौटना पड़ रहा है. अगले महीने से कलम तैयार हो जाएगी. इसके बाद इनके पौधे आसानी से मिल सकेंगे. पांच वर्ष की कड़ी मेहनत के बाद इस आम की कलम को तैयार किया जा सका है. पिछली बार 100 पौधों की कलमें तैयार की गई थी. इस साल 1000 तैयार की गईं, लेकिन ये एक सप्ताह में ही बिक गईं.
जुबैर ने बताया कि भारी डिमांड को देखते हुए बहुत जल्द 15 अगस्त मैंगो के पौधे ऑनलाइन डिलीवरी कराने की व्यवस्था की जाएगी. ईटीवी भारत से बातचीत में जुबैर अहमद ने बताया कि शहीदों की याद में इस आम को ईजाद किया है. आने वाली पीढ़ी इस आम के स्वाद के साथ शहीदों के बलिदान को भी याद कर सके, इसलिए इसका नाम भी 15 अगस्त मैंगो रखा गया है.
बता दें कि आमों के स्वाद और नई प्रजातियों के लिए महिलाबाद पूरी दुनिया में चर्चाओं में है. यहां के आम विदेश भी जाते हैं. मलिहाबादी आम के स्वाद के लोग दीवाने हैं. यहां के आम उत्पादक नई-नई प्रजातियों को लेकर लगातार प्रयासरत रहते हैं. जुबैर भी इनमें से एक हैं. लोग उनकी इस नई प्रजाति के आम का स्वाद अगले साल से ले सकेंगे. अभी ये आम केवल उनकी नर्सरी में ही उपलब्ध हैं.
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