लातेहारः जिले में जैविक खेती का प्रचलन अब धीरे-धीरे बढ़ता जा रहा है. कई किसान अब रासायनिक उर्वरक से तौबा करते हुए जैविक उर्वरक के सहारे खेती करने लगे हैं. किसानों को जैविक खेती की ओर अग्रसर करने में भूमि संरक्षण विभाग, कृषि विभाग आदि विभागों के अधिकारियों का मार्गदर्शन भी काफी महत्वपूर्ण साबित हो रहा है.
दरअसल लातेहार जिला खेती के मामले में काफी पिछड़ा हुआ जिला माना जाता था. जिले के अधिकांश किसान अपने खेतों में धान, मक्का या अन्य पारंपरिक खेती ही करते थे. इससे किसानों को कुछ ज्यादा फायदा नहीं हो पाता था. परंतु अब स्थिति धीरे-धीरे लातेहार जिले में भी बदलने लगी है. यहां के किसान अब पारंपरिक खेती के अलावा मौसमी खेती भी करने लगे हैं. सबसे अच्छी बात तो यह है कि यहां के किसान धीरे-धीरे जैविक खेती की ओर अग्रसर हो रहे हैं. किसानों में आए इस बदलाव का श्रेय लातेहार जिले में पदस्थापित कुछ अधिकारियों को भी जाता है. इन अधिकारियों में लातेहार जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी विवेक मिश्रा का भी नाम शामिल है. भूमि संरक्षण पदाधिकारी अपनी पदस्थापना के बाद से ही किसानों को लाभकारी फसलों के प्रति जागरूक करने लगे है. इसका परिणाम है कि आज लातेहार सदर प्रखंड के सात पंचायत के 35 गांव में किसान जैविक खेती की ओर अग्रसर हो गए हैं.
जैविक खेती से लहलहाने लगे फसलः इस संबंध में जानकारी देते हुए लातेहार जिला भूमि संरक्षण पदाधिकारी विवेक मिश्रा ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के तहत लातेहार के 7 पंचायत के 35 गांव में जैविक खेती के प्रति ग्रामीणों को जागरूक किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि वर्तमान समय में कई ऐसे किसान हैं, जिन्होंने अपने खेतों में रासायनिक उर्वरक का उपयोग करना पूरी तरह बंद कर दिया है. जैविक खेती के सहारे किसानों के खेतों में मटर, गाजर, आलू, सरसों, चुकंदर समेत अन्य प्रकार की खेती कर रहे हैं.
लोगों को मिलेगा पौष्टिक आहारः भूमि संरक्षण पदाधिकारी विवेक मिश्रा ने कहा कि जैविक खेती होने से लोगों को पौष्टिक आहार भी मिलेगा. वहीं जैविक खेती होने से खेतों की उर्वरा शक्ति भी बढ़ेगी. साथ ही साथ किसानों को खेती की लागत में भी कमी आएगी .
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