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अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव गिरा, बावजूद जनता को लाभ नहीं मिल रहा: CTI - CTI WROTE LETTERS TO PM MODI - CTI WROTE LETTERS TO PM MODI

Petrol Diesel Price: देश में पेट्रोल और डीजल की कीमतें आसमान पर है. अंतरराष्ट्रीय बाजार में क्रूड ऑयल का भाव गिरने के बावजूद जनता को लाभ नहीं मिल रहा है. इसी को लेकर सीटीआई चेयरमैन बृजेश गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा है.

CTI ने पीएम मोदी को लिखा पत्र
CTI ने पीएम मोदी को लिखा पत्र (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Sep 11, 2024, 3:58 PM IST

नई दिल्ली: चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पेट्रोल और डीजल की दरों में कमी लाने की गुहार लगाई है. बृजेश गोयल ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव गिरने के बावजूद जनता को लाभ नहीं मिल रहा है. आज कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त गिरावट आई है और कच्चा तेल 4 साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम में कमी नहीं आई है."

पेट्रोल डीजल की दरों में कटौती की मांग (ETV BHARAT)

अमेरिका में कच्चे तेल की कीमत 65 डाॅलर प्रति बैरल: CTI चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि आज अमेरिका के बाजार में कच्चे तेल की कीमत 65 डाॅलर प्रति बैरल हो गई है. जबकि, ब्रैंट क्रूड ऑयल की कीमत 69 डाॅलर प्रति बैरल हो गई है. यह 2021 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है. जून 2022 में कच्चे तेल की कीमत 116 डाॅलर प्रति बैरल थी. दिसंबर 2023 में कच्चा तेल 77.14 डॉलर प्रति बैरल था. कच्चे तेल में लगातार कमी आ रही है, फिर भी जनता को फायदा नहीं मिल रहा.

बृजेश गोयल ने बताया, "पेट्रोल-डीजल के भाव में 22 मई 2022 को बदलाव हुआ था. उस समय केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क में कमी की थी." सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और गुरमीत अरोड़ा ने बताया कि पेट्रोलियम कंपनियों ने 6 अप्रैल 2022 के बाद से कटौती नहीं की है. 116 डॉलर प्रति बैरल से कच्चा तेल 65 डॉलर तक पहुंच गया है. सीटीआई वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग और उपाध्यक्ष राहुल अदलखा ने बताया कि सरकार कहती है कि तेल कंपनियों को अधिकार है. मगर, केंद्र सरकार पेट्रोलियम कंपनियों पर दवाब तो बना सकती है.

यह भी पढ़ें- महंगाई की मार से मिलने वाली है राहत, घटने वाले हैं पेट्रोल-डीजल के दाम, जानिए लेटेस्ट रेट

एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले दिनों इंडियन ऑयल, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम व भारत पेट्रोलियम को संयुक्त तौर पर 58,198 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. सरकार पर इन कंपनियों की माली हालत को लेकर कोई दबाव नहीं है. सीटीआई ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि इन कंपनियों से पेट्रोल-डीजल के रेट घटाने का दबाव बनाए. पेट्रोल-डीजल पर कम से कम 10 रुपये लीटर कमी की जाए. डीजल का रेट कम होता है, तो महंगाई पर अंकुश लगता है. देश में माल ढुलाई सेक्टर डीजल पर निर्भर है. यदि ये सस्ती होगी, तो उपभोक्ताओं को लाभ होगा. जनता की जेब में पैसा जाएगा, तो मार्केट में दूसरी मदों में खर्चा होगा.

यह भी पढ़ें- प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने किया सेमीकॉन इंडिया 2024 का उद्घाटन, सुरक्षा के कड़े इंतजाम

नई दिल्ली: चैंबर ऑफ ट्रेड एंड इंडस्ट्री (सीटीआई) के चेयरमैन बृजेश गोयल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर पेट्रोल और डीजल की दरों में कमी लाने की गुहार लगाई है. बृजेश गोयल ने कहा, "अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का भाव गिरने के बावजूद जनता को लाभ नहीं मिल रहा है. आज कच्चे तेल की कीमतों में जबरदस्त गिरावट आई है और कच्चा तेल 4 साल में सबसे निचले स्तर पर पहुंच गया है. लेकिन पेट्रोल-डीजल के दाम में कमी नहीं आई है."

पेट्रोल डीजल की दरों में कटौती की मांग (ETV BHARAT)

अमेरिका में कच्चे तेल की कीमत 65 डाॅलर प्रति बैरल: CTI चेयरमैन बृजेश गोयल और अध्यक्ष सुभाष खंडेलवाल ने बताया कि आज अमेरिका के बाजार में कच्चे तेल की कीमत 65 डाॅलर प्रति बैरल हो गई है. जबकि, ब्रैंट क्रूड ऑयल की कीमत 69 डाॅलर प्रति बैरल हो गई है. यह 2021 के बाद सबसे बड़ी गिरावट है. जून 2022 में कच्चे तेल की कीमत 116 डाॅलर प्रति बैरल थी. दिसंबर 2023 में कच्चा तेल 77.14 डॉलर प्रति बैरल था. कच्चे तेल में लगातार कमी आ रही है, फिर भी जनता को फायदा नहीं मिल रहा.

बृजेश गोयल ने बताया, "पेट्रोल-डीजल के भाव में 22 मई 2022 को बदलाव हुआ था. उस समय केंद्र सरकार ने उत्पाद शुल्क में कमी की थी." सीटीआई महासचिव विष्णु भार्गव और गुरमीत अरोड़ा ने बताया कि पेट्रोलियम कंपनियों ने 6 अप्रैल 2022 के बाद से कटौती नहीं की है. 116 डॉलर प्रति बैरल से कच्चा तेल 65 डॉलर तक पहुंच गया है. सीटीआई वरिष्ठ उपाध्यक्ष दीपक गर्ग और उपाध्यक्ष राहुल अदलखा ने बताया कि सरकार कहती है कि तेल कंपनियों को अधिकार है. मगर, केंद्र सरकार पेट्रोलियम कंपनियों पर दवाब तो बना सकती है.

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एक रिपोर्ट्स के मुताबिक, पिछले दिनों इंडियन ऑयल, हिन्दुस्तान पेट्रोलियम व भारत पेट्रोलियम को संयुक्त तौर पर 58,198 करोड़ रुपये का शुद्ध लाभ हुआ था. सरकार पर इन कंपनियों की माली हालत को लेकर कोई दबाव नहीं है. सीटीआई ने केंद्र सरकार से गुहार लगाई है कि इन कंपनियों से पेट्रोल-डीजल के रेट घटाने का दबाव बनाए. पेट्रोल-डीजल पर कम से कम 10 रुपये लीटर कमी की जाए. डीजल का रेट कम होता है, तो महंगाई पर अंकुश लगता है. देश में माल ढुलाई सेक्टर डीजल पर निर्भर है. यदि ये सस्ती होगी, तो उपभोक्ताओं को लाभ होगा. जनता की जेब में पैसा जाएगा, तो मार्केट में दूसरी मदों में खर्चा होगा.

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