इंदौर. मामला इंदौर के रणजीत हनुमान मंदिर (Ranjeet hanuman mandir) से जुड़ा हुआ है. 2016 में इनकम टैक्स विभाग (income tax department) ने रणजीत हनुमान मंदिर को ढाई करोड़ रुपए के संबंध में एक नोटिस जारी किया था. दरअसल, नोटबंदी के दौरान मंदिर प्रबंधक द्वारा ढाई करोड़ रुपए एक मुश्त बैंक अकाउंट में जमा कराए गए थे. इसकी जानकारी जैसे ही इनकम टैक्स विभाग को लगी,तो विभाग ने मंदिर प्रबंधक को नोटिस जारी कर सवाल जवाब किए थे.
मंदिर प्रबंधन से पूछे ये सवाल
इस पूरे ही मामले में मंदिर प्रबंधन से इनकम टैक्स विभाग ने कई तरह की जानकारियां मांगी थीं. इस दौरान इनकम टैक्स विभाम ने मंदिर प्रबंधक से पूछा कि मंदिर न ही रजिस्टर्ड संस्था है और न ही किसी संस्था से जुड़ा हुआ, तो फिर किस आधार पर छूट (tax relief) दी जाए? शुरुआत में मंदिर प्रबंधन ने संबंधित जानकारी नहीं दी और मामले पर सुनवाई चलती रही.
फिर केंद्र सरकार के नियम का दिया हवाला
इस मामले पर लंबे समय तक सुनवाई जारी रही, इसी दौरान केंद्र सरकार का इनकम टैक्स को लेकर एक नोटिफिकेशन जारी हुआ, जिसकी जानकारी मंदिर प्रबंधक ने इनकम टैक्स विभाग को दी. इनकम टैक्स विभाग को यह भी जानकारी दी गई कि केंद्र सरकार के नियम के मुताबिक इंदौर के कई मंदिर, मठ, गुरुद्वारों को इनकम टैक्स विभाग द्वारा राहत दी जाती है, वैसी ही राहत का पात्र रणजीत हनुमान मंदिर भी है.
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इनकम टैक्स विभाग ने लिया ये फैसला
हनुमान मंदिर प्रबंधन द्वारा दी गई सभी जानकारी और केंद्र सरकार की उस धारा को ध्यान में रखते हुए इनकम टैक्स विभाग ने मामले को खारिज कर दिया. इनकम टैक्स विभाग के इस फैसले से मंदिर प्रबंधन को काफी राहत मिली है.