नई दिल्ली: दिल्ली विश्वविद्यालय के जाकिर हुसैन कॉलेज में सोमवार को विवेकानंद अध्ययन केंद्र का शुभारंभ किया गया. इसके उद्घाटन के लिए माउंट एवरेस्ट विजेता मीनू कालीरमन और पहलवान संग्राम सिंह को अतिथि के रूप में बुलाया गया था. इस अवसर पर 'विवेकानंद अध्ययन केन्द्र' के संयोजक डॉ. धीरज कुमार सिंह ने बाताया कि जाकिर हुसैन दिल्ली कॉलेज की तरफ से शुरू होने वाले 40 घंटे के सर्टिफिकेट कोर्स-फाउंडेशन ऑफ मशीन लर्निंग' की जल्दी ही शुरूआत की जाएगी.
धीरज कुमार ने बताया कि यह कोर्स एक मार्च से शुरू होगा. इसमें 100 सीटें होंगी. सप्ताह में एक दिन दो घंटे की ऑनलाइन क्लास होंगी. कोर्स के दो स्पीकर अमेरिका से भी जुड़ेंगे और उद्योग से जुड़े हुए लोग भी छात्रों का मार्गदर्शन करेंगे. पूरा कोर्स ऑनलाइन होगा. यह कोर्स छात्रों की कॉलेज की पढ़ाई से अलग होगा. उन्होंने बताया कि इस अध्ययन केन्द्र का लक्ष्य है युवाओं का सर्वांगीण विकास करना एवं उन्हें जीवन और समाज को देखने व समझने के सकारात्मक पक्ष की ओर ले जाना.
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धीरज कुमार ने बताया कि, आधुनिक भारत के निर्माताओं में से एक विवेकानंद हर पीढ़ी के लिए एक प्रेरणा-स्रोत हैं. उन्होंने जो अनुभव किया वही कहा. जो कहा वही लिखा. अपने कहने-करने में कभी भेद नहीं किया. समाज के सकारात्मक पक्ष को अपनाया और युवाओं को ऐसा करने की प्रेरणा दी. सही अर्थों में वह आधुनिक भारत के पहले 'यूथ आइकॉन' भी थे. वे केवल सन्त ही नहीं, एक महान देशभक्त, वक्ता, विचारक, लेखक और मानव-प्रेमी भी थे. उनका व्यक्तित्व बहुआयामी था. शायद इसीलिए गुरुदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर ने कभी कहा था कि यदि आप भारत को जानना चाहते हैं तो विवेकानन्द को पढ़िये.