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नोएडा: खुद को IAS बताकर रौब झाड़ने वाला गिरफ्तार, रॉ का फर्जी आईकार्ड भी बरामद - fake IAS officer arrested in Noida - FAKE IAS OFFICER ARRESTED IN NOIDA

Fake IAS Officer Arrested In Noida नोएडा पुलिस ने खुद को IAS अधिकारी बताकर रौब झाड़ने के आरोप में शुक्रवार को एक व्यक्ति को गिरफ्तार किया है. उसके पास अनुसंधान और विश्लेषण विंग (RAW) का एक फर्जी आईकार्ड भी बरामद किया गया है.

नोएडा पुलिस ने खुद को IAS अधिकारी बताने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया.
नोएडा पुलिस ने खुद को IAS अधिकारी बताने वाले व्यक्ति को गिरफ्तार किया. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Aug 30, 2024, 8:13 PM IST

Updated : Aug 30, 2024, 9:00 PM IST

नई दिल्ली/नोएडा: अनुसंधान और विश्लेषण विंग (रॉ) का अधिकारी बताकर लोगों पर रौब झाड़ने वाले आरोपी को सेक्टर-49 पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. सेक्टर-51 स्थित एक होटल में परिवार के साथ ठहरा आरोपी वहां के मैनेजर और कर्मचारियों को सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगी का प्रयास कर रहा था. आरोपी के कब्जे से रॉ का एक फर्जी पहचान पत्र, एक पैन कार्ड, पासपोर्ट व मोबाइल सहित अन्य सामान बरामद हुआ है.

आरोपी का इतिहास पता कर रही पुलिस: एडीसीपी मनीष कुमार मिश्रा ने बताया, "शुक्रवार सुबह सेक्टर-49 थाना क्षेत्र स्थित होटल के मैनेजर की ओर से सूचना दी गई कि उनके होटल में पश्चिम बंगाल के 24 परगना निवासी इन्द्रानील रॉय नामक व्यक्ति परिवार के साथ ठहरा है. वह होटल के कर्मचारियों को 2000 बैच का आईपीएस बताकर रौब झाड़ रहा है." आरोपी द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि वर्तमान में उसकी तैनाती रॉ में है. होटल संचालक ने जब इन्द्रानील से कमरे का पैसा मांगा तो वह खुद को अधिकारी बताकर रौब झाड़ने लगा. सूचना मिलते ही एक टीम पूछताछ के लिए होटल पहुंच गई.

यह भी पढ़ें- वेब सीरीज 'फर्जी' से इंस्पायर होकर नकली नोटों के कारोबार में जुटा गैंग, 19 लाख के नकली नोट बरामद; जानें पूरी कहानी

धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में FIR: पूछताछ के दौरान पता चला कि इन्द्रानील न तो आईपीएस है और न ही उसकी तैनाती अनुसंधान और विश्लेषण विंग में है. इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया. अब पुलिस आरोपी का आपराधिक इतिहास पता कर रही है. आशंका है कि पूर्व में भी वह फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल कर लोगों के साथ ठगी कर चुका होगा. पहचान पत्र कहां से बनवाया गया पुलिस इसकी जानकारी एकत्र कर रही है.

ट्रांसपोर्ट का काम करता था आरोपी: पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी पहले ट्रांसपोर्ट का काम करता था. कोरोना काल में उसे कारोबार में काफी घाटा हुआ और उसकी आर्थिक तौर पर कमर टूट गई. इसके बाद उसने नौकरी के लिए कई जगह आवेदन दिया पर कहीं भी उसे रोजगार नहीं मिल सका. नौकरी के सिलसिले में ही वह नोएडा आया था. उसके ऊपर इस समय कर्ज भी है. पुलिस आरोपी के परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी एकत्र कर रही है. बताया जा रहा है कि उसका एक भाई पहले बंगाल पुलिस में एसआई था. करीब एक दशक पहले भाई की मौत हो चुकी है.

यह भी पढ़ें- दिल्ली पुलिस की साइबर टीम ने चलाया 'स्पेशल साइबर ऑपरेशन', राजस्‍थान, झारखंड, महाराष्ट्र समेत 6 राज्यों से 18 गिरफ्तार

नई दिल्ली/नोएडा: अनुसंधान और विश्लेषण विंग (रॉ) का अधिकारी बताकर लोगों पर रौब झाड़ने वाले आरोपी को सेक्टर-49 पुलिस ने शुक्रवार को गिरफ्तार कर लिया. सेक्टर-51 स्थित एक होटल में परिवार के साथ ठहरा आरोपी वहां के मैनेजर और कर्मचारियों को सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा देकर ठगी का प्रयास कर रहा था. आरोपी के कब्जे से रॉ का एक फर्जी पहचान पत्र, एक पैन कार्ड, पासपोर्ट व मोबाइल सहित अन्य सामान बरामद हुआ है.

आरोपी का इतिहास पता कर रही पुलिस: एडीसीपी मनीष कुमार मिश्रा ने बताया, "शुक्रवार सुबह सेक्टर-49 थाना क्षेत्र स्थित होटल के मैनेजर की ओर से सूचना दी गई कि उनके होटल में पश्चिम बंगाल के 24 परगना निवासी इन्द्रानील रॉय नामक व्यक्ति परिवार के साथ ठहरा है. वह होटल के कर्मचारियों को 2000 बैच का आईपीएस बताकर रौब झाड़ रहा है." आरोपी द्वारा यह भी बताया जा रहा है कि वर्तमान में उसकी तैनाती रॉ में है. होटल संचालक ने जब इन्द्रानील से कमरे का पैसा मांगा तो वह खुद को अधिकारी बताकर रौब झाड़ने लगा. सूचना मिलते ही एक टीम पूछताछ के लिए होटल पहुंच गई.

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धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में FIR: पूछताछ के दौरान पता चला कि इन्द्रानील न तो आईपीएस है और न ही उसकी तैनाती अनुसंधान और विश्लेषण विंग में है. इसके बाद पुलिस ने उसके खिलाफ धोखाधड़ी सहित अन्य धाराओं में मुकदमा दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया. अब पुलिस आरोपी का आपराधिक इतिहास पता कर रही है. आशंका है कि पूर्व में भी वह फर्जी पहचान पत्र का इस्तेमाल कर लोगों के साथ ठगी कर चुका होगा. पहचान पत्र कहां से बनवाया गया पुलिस इसकी जानकारी एकत्र कर रही है.

ट्रांसपोर्ट का काम करता था आरोपी: पूछताछ में सामने आया है कि आरोपी पहले ट्रांसपोर्ट का काम करता था. कोरोना काल में उसे कारोबार में काफी घाटा हुआ और उसकी आर्थिक तौर पर कमर टूट गई. इसके बाद उसने नौकरी के लिए कई जगह आवेदन दिया पर कहीं भी उसे रोजगार नहीं मिल सका. नौकरी के सिलसिले में ही वह नोएडा आया था. उसके ऊपर इस समय कर्ज भी है. पुलिस आरोपी के परिवार के अन्य सदस्यों के बारे में भी जानकारी एकत्र कर रही है. बताया जा रहा है कि उसका एक भाई पहले बंगाल पुलिस में एसआई था. करीब एक दशक पहले भाई की मौत हो चुकी है.

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Last Updated : Aug 30, 2024, 9:00 PM IST
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