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दबंगों ने रोका श्मशान घाट जाने का रास्ता , ग्रामीणों ने शव रखकर किया प्रदर्शन - Demonstration for cremation ground

दौसा के मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र में एक महिला की मौत के बाद श्मशान में जाने का खेत के मालिकों ने रास्ता नहीं दिया. इस पर ग्रामीण प्रदर्शन कर प्रशासन से रास्ता देने की मांग कर रहे हैं.

Demonstration for cremation ground
श्मशान रास्ते के लिए प्रदर्शन (PHOTO : ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 26, 2024, 12:11 PM IST

दौसा. जिले के मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र में एक महिला की साइलेंट अटैक आने से मौत हो गई, लेकिन मृतक महिला को अपने अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट जाने के लिए तक रास्ता नहीं मिला. ऐसे में बारिश के बीच मृतक महिला को अंतिम संस्कार के लिए करीब 4 घंटे से संघर्ष करना पड़ रहा है, जिसके चलते मृतक महिला के परिजन महिला की अर्थी को लेकर रास्ते में बैठ गए. उनकी मांग है कि गांव के श्मशान घाट में जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. वहीं खातेदार अपनी भूमि से होकर अर्थी को जाने नहीं दे रहे है. ऐसे में प्रशासन जब तक श्मशान घाट जाने के लिए कोई रास्ता नहीं निकालता, शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. वहीं मामले की सूचना मिलने के बाद बालाजी थाने के ड्यूटी ऑफिसर हेड कांस्टेबल देवेंद्र शर्मा जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े हुए हैं.

दरअसल, पाड़ली गांव में शुक्रवार को कंचन देवी (55) पत्नी नाथ्याराम मीना की साइलेंट अटैक आने से आकस्मिक मौत हो गई थी. मृतक देवर छुट्टन लाल मीना ने बताया कि गांव के श्मशान घाट में जाने के लिए कोई सुलभ रास्ता नहीं है. ऐसे में शुरू से ही गांव के लोग मृतक के शव को इसी मार्ग से होकर लेकर जाते हैं. वहीं शुक्रवार को भी कंचन देवी की मौत के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट लेकर जा रहे थे, लेकिन खेत के मालिक भैरू मीना और जयराम ने अर्थी को रोक दिया. वहीं खेत में होकर जाने से मना कर दिया.

गाली-गलौज करने का लगाया आरोप : इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि जब भी गांव में किसी की मौत के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाते है, भैरू मीना और जयराम मीना मृतक के परिजनों से गाली-गलौज करते हैं. वहीं आज शुक्रवार को भी जब महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर जा रहे थे. ऐसे में भैरू मीना और जयराम सहित उनके परिजन लाठी-डंडे लेकर मौके पर आ गए. इस दौरान शव यात्रा में शामिल सैंकड़ों लोग मौके पर ही अर्थी को रखकर प्रदर्शन करने लगे. ग्रामीणों की मांग है कि शमशान घाट के लिए रास्ता नहीं होने के कारण अर्थी को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने में काफी परेशानियों उठानी पड़ती है. ऐसे में जब तक प्रशासन श्मशान घाट के लिए कोई सुलभ रास्ता नहीं निकालता अर्थी को नहीं उठाएंगे.

इसे भी पढ़ें : सड़क हादसे में महिला की मौत, नाराज परिजनों ने सड़क जाम कर किया प्रदर्शन - Road Accident In Dholpur

4 घंटे बाद जागे प्रशासनिक अधिकारी : वहीं इस मामले की सूचना के बाद सबसे पहले बालाजी पुलिस थाने का जाब्ता मौके पर पहुंचा, लेकिन घटना के 4 घंटे तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे. जिसके चलते आक्रोशित ग्रामीण पुलिस की समझाइश के बाद भी नहीं माने और मौके पर ही समस्या के समाधान की मांग पर अड़े रहे.

सिकराय तहसीलदार सुरेंद्र कुमार जाटव ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा शव को रखकर प्रदर्शन करने की जानकारी मिली है. अभी कुछ देर में मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों की समस्या का समाधान किया जाएगा.

दौसा. जिले के मेहंदीपुर बालाजी थाना क्षेत्र में एक महिला की साइलेंट अटैक आने से मौत हो गई, लेकिन मृतक महिला को अपने अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट जाने के लिए तक रास्ता नहीं मिला. ऐसे में बारिश के बीच मृतक महिला को अंतिम संस्कार के लिए करीब 4 घंटे से संघर्ष करना पड़ रहा है, जिसके चलते मृतक महिला के परिजन महिला की अर्थी को लेकर रास्ते में बैठ गए. उनकी मांग है कि गांव के श्मशान घाट में जाने के लिए कोई रास्ता नहीं है. वहीं खातेदार अपनी भूमि से होकर अर्थी को जाने नहीं दे रहे है. ऐसे में प्रशासन जब तक श्मशान घाट जाने के लिए कोई रास्ता नहीं निकालता, शव का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा. वहीं मामले की सूचना मिलने के बाद बालाजी थाने के ड्यूटी ऑफिसर हेड कांस्टेबल देवेंद्र शर्मा जाब्ते के साथ मौके पर पहुंचे और ग्रामीणों से समझाइश करने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन ग्रामीण अपनी मांग पर अड़े हुए हैं.

दरअसल, पाड़ली गांव में शुक्रवार को कंचन देवी (55) पत्नी नाथ्याराम मीना की साइलेंट अटैक आने से आकस्मिक मौत हो गई थी. मृतक देवर छुट्टन लाल मीना ने बताया कि गांव के श्मशान घाट में जाने के लिए कोई सुलभ रास्ता नहीं है. ऐसे में शुरू से ही गांव के लोग मृतक के शव को इसी मार्ग से होकर लेकर जाते हैं. वहीं शुक्रवार को भी कंचन देवी की मौत के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए श्मशान घाट लेकर जा रहे थे, लेकिन खेत के मालिक भैरू मीना और जयराम ने अर्थी को रोक दिया. वहीं खेत में होकर जाने से मना कर दिया.

गाली-गलौज करने का लगाया आरोप : इस दौरान ग्रामीणों ने बताया कि जब भी गांव में किसी की मौत के बाद शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर जाते है, भैरू मीना और जयराम मीना मृतक के परिजनों से गाली-गलौज करते हैं. वहीं आज शुक्रवार को भी जब महिला के शव को अंतिम संस्कार के लिए लेकर जा रहे थे. ऐसे में भैरू मीना और जयराम सहित उनके परिजन लाठी-डंडे लेकर मौके पर आ गए. इस दौरान शव यात्रा में शामिल सैंकड़ों लोग मौके पर ही अर्थी को रखकर प्रदर्शन करने लगे. ग्रामीणों की मांग है कि शमशान घाट के लिए रास्ता नहीं होने के कारण अर्थी को अंतिम संस्कार के लिए ले जाने में काफी परेशानियों उठानी पड़ती है. ऐसे में जब तक प्रशासन श्मशान घाट के लिए कोई सुलभ रास्ता नहीं निकालता अर्थी को नहीं उठाएंगे.

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4 घंटे बाद जागे प्रशासनिक अधिकारी : वहीं इस मामले की सूचना के बाद सबसे पहले बालाजी पुलिस थाने का जाब्ता मौके पर पहुंचा, लेकिन घटना के 4 घंटे तक कोई भी प्रशासनिक अधिकारी मौके पर नहीं पहुंचे. जिसके चलते आक्रोशित ग्रामीण पुलिस की समझाइश के बाद भी नहीं माने और मौके पर ही समस्या के समाधान की मांग पर अड़े रहे.

सिकराय तहसीलदार सुरेंद्र कुमार जाटव ने बताया कि ग्रामीणों द्वारा शव को रखकर प्रदर्शन करने की जानकारी मिली है. अभी कुछ देर में मौके पर पहुंचकर ग्रामीणों की समस्या का समाधान किया जाएगा.

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