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अनिता चौधरी हत्याकांड: पॉलिग्राफी टेस्ट से पता चलेगा मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन सच बोल रहा है या झूठ

जोधपुर के अनिता चौधरी हत्याकांड में पुलिस अब मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन का पॉलिग्राफी टेस्ट करवाएगी. इसके बाद ही जांच आगे बढ़ेगी.

ANITA CHAUDHARY MURDER CASE
अनिता चौधरी हत्याकांड (Photo ETV Bharat Jodhpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 2 hours ago

Updated : 50 minutes ago

जोधपुर: अनिता चौधरी हत्याकांड के मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन की सात दिन की रिमांड अवधि समाप्त होने पर पुलिस ने उसे शनिवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष में पेश किया. यहां पुलिस ने कोर्ट में गुलामुद्दीन से मामले की सच्चाई उगलवाने के लिए उसका पॉलिग्राफी टेस्ट करवाने का प्रार्थना पत्र दिया. कोर्ट ने गुलामुद्दीन के अधिवक्ता से इस नोटिस पर जवाब मांगा है. इसका जवाब 18 नवम्बर को आएगा. इसके बाद ही पॉलिग्राफी टेस्ट पर कोई निर्णय होगा. इधर, कोर्ट ने गुलामुद्दीन का रिमांड सात दिन और बढ़ा दिया गया है.

अनिता चौधरी हत्याकांड (Video ETV Bharat Jodhpur)

गुलामुद्दीन के अधिवक्ता एमए राव ने आरोप लगाया कि आरोपी को थाने में थर्ड डिग्री दी जा रही है. उसका प्रति 24 घंटे में मेडिकल नहीं हो रहा है, जबकि यह उसका अधिकार है. कोर्ट ने इसके लिए पुलिस को पांबद किया है. पॉलिग्राफी टेस्ट के नोटिस पर सोमवार को जवाब देंगे.

पढ़ें: अनिता चौधरी हत्याकांड: परिजनों ने बताया जान का खतरा, बोले -पुलिस से विश्वास उठा, सीबीआई करें जांच

इस मामले में पुलिस की ओर से पॉलिग्राफी टेस्ट की मांग से यह पता चल रहा है कि सात दिन के रिमांड में गुलामुद्दीन से पुलिस कोई विशेष जानकारियां नहीं निकलवा पाई. खास तौर से इस मामले में किसी अन्य की भूमिका को लेकर पुलिस उलझन में है. गुलामुद्दीन से हुई पूछताछ में उसने खुद ही हत्या कर शव काटकर गाड़ना कबूला है, लेकिन परिजनों के आरोपों को देखते हुए पुलिस जांच में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसके चलते वह अब पॉलिग्राफी टेस्ट करवाना चाह रही है.

क्यों करवाना चाहती है पुलिस टेस्ट: दरअसल, पुलिस सार्वजनिक रूप से तो उस तथाकथित आडियो को खारिज कर चुकी है. जिसमें अनिता की सहेली सुमन उर्फ सुनिता इस घटना के पीछे प्रोपर्टी व्यवसायी तैयब अंसारी का हाथ बता रही है, लेकिन पुलिस अभी तक पूछताछ में गुलामुद्दीन से तैयब अंसारी का कोई मजबूत लिंक नहीं ढूंढ पाई. इसके लिए तैयब अंसारी से कई दिनों तक पूछताछ की गई, जिसके बाद उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया. बाद में उसे कोर्ट से जमानत मिल गई, लेकिन उसके बाद भी पुलिस ने उसे बुलाया तो तैयब के अधिवक्ता ने पुलिस से पूछताछ की वीडियो रिकार्डिंग करने की मांग का ज्ञापन दे दिया.

यह भी पढ़ें: अनिता के शव का अंतिम संस्कार करवाने के लिए पुलिस लेकर पहुंची नोटिस, परिजन नहीं मिले तो पढ़कर सुनाया

पॉलिग्राफी से पकड़ा जाता है झूठ: पॉलिग्राफी टेस्ट के माध्यम यह पता चलता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ? मशीन से शरीर पर कई तरह के सेंसर लगाए जाते हैं. जिससे पूछताछ में व्यक्ति जब सवालों का जवाब देता है तो शरीर में होने वाले बदलाव जैसे धड़कन तेज होना, बीपी बढ़ना, पसीना आना सहित अन्य से पता चलता है कि व्यक्ति सहज नहीं है. झूठ बोल रहा है. इस टेस्ट के लिए आरोपी की सहमति लेना आवश्यक है. बिना सहमति के यह टेस्ट पुलिस नहीं करवा सकती.

जोधपुर: अनिता चौधरी हत्याकांड के मुख्य आरोपी गुलामुद्दीन की सात दिन की रिमांड अवधि समाप्त होने पर पुलिस ने उसे शनिवार को न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष में पेश किया. यहां पुलिस ने कोर्ट में गुलामुद्दीन से मामले की सच्चाई उगलवाने के लिए उसका पॉलिग्राफी टेस्ट करवाने का प्रार्थना पत्र दिया. कोर्ट ने गुलामुद्दीन के अधिवक्ता से इस नोटिस पर जवाब मांगा है. इसका जवाब 18 नवम्बर को आएगा. इसके बाद ही पॉलिग्राफी टेस्ट पर कोई निर्णय होगा. इधर, कोर्ट ने गुलामुद्दीन का रिमांड सात दिन और बढ़ा दिया गया है.

अनिता चौधरी हत्याकांड (Video ETV Bharat Jodhpur)

गुलामुद्दीन के अधिवक्ता एमए राव ने आरोप लगाया कि आरोपी को थाने में थर्ड डिग्री दी जा रही है. उसका प्रति 24 घंटे में मेडिकल नहीं हो रहा है, जबकि यह उसका अधिकार है. कोर्ट ने इसके लिए पुलिस को पांबद किया है. पॉलिग्राफी टेस्ट के नोटिस पर सोमवार को जवाब देंगे.

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इस मामले में पुलिस की ओर से पॉलिग्राफी टेस्ट की मांग से यह पता चल रहा है कि सात दिन के रिमांड में गुलामुद्दीन से पुलिस कोई विशेष जानकारियां नहीं निकलवा पाई. खास तौर से इस मामले में किसी अन्य की भूमिका को लेकर पुलिस उलझन में है. गुलामुद्दीन से हुई पूछताछ में उसने खुद ही हत्या कर शव काटकर गाड़ना कबूला है, लेकिन परिजनों के आरोपों को देखते हुए पुलिस जांच में कोई कसर नहीं छोड़ना चाहती है. इसके चलते वह अब पॉलिग्राफी टेस्ट करवाना चाह रही है.

क्यों करवाना चाहती है पुलिस टेस्ट: दरअसल, पुलिस सार्वजनिक रूप से तो उस तथाकथित आडियो को खारिज कर चुकी है. जिसमें अनिता की सहेली सुमन उर्फ सुनिता इस घटना के पीछे प्रोपर्टी व्यवसायी तैयब अंसारी का हाथ बता रही है, लेकिन पुलिस अभी तक पूछताछ में गुलामुद्दीन से तैयब अंसारी का कोई मजबूत लिंक नहीं ढूंढ पाई. इसके लिए तैयब अंसारी से कई दिनों तक पूछताछ की गई, जिसके बाद उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया. बाद में उसे कोर्ट से जमानत मिल गई, लेकिन उसके बाद भी पुलिस ने उसे बुलाया तो तैयब के अधिवक्ता ने पुलिस से पूछताछ की वीडियो रिकार्डिंग करने की मांग का ज्ञापन दे दिया.

यह भी पढ़ें: अनिता के शव का अंतिम संस्कार करवाने के लिए पुलिस लेकर पहुंची नोटिस, परिजन नहीं मिले तो पढ़कर सुनाया

पॉलिग्राफी से पकड़ा जाता है झूठ: पॉलिग्राफी टेस्ट के माध्यम यह पता चलता है कि व्यक्ति सच बोल रहा है या झूठ? मशीन से शरीर पर कई तरह के सेंसर लगाए जाते हैं. जिससे पूछताछ में व्यक्ति जब सवालों का जवाब देता है तो शरीर में होने वाले बदलाव जैसे धड़कन तेज होना, बीपी बढ़ना, पसीना आना सहित अन्य से पता चलता है कि व्यक्ति सहज नहीं है. झूठ बोल रहा है. इस टेस्ट के लिए आरोपी की सहमति लेना आवश्यक है. बिना सहमति के यह टेस्ट पुलिस नहीं करवा सकती.

Last Updated : 50 minutes ago
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