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गोविंद देवजी मंदिर में जल विहार, ठाकुर जी को चांदी के फव्वारे ने दी राहत - GOVIND DEV MANDIR

एक तरफ प्रदेश में गर्मी अपना जोर दिखा रही है, तो दूसरी ओर आम आदमी के साथ-साथ ठाकुर जी भी गर्मी से बचने के जतन कर रहे हैं. बुद्ध पूर्णिमा के मौके पर जयपुर के आराध्य गोविंद देव जी मंदिर में ठाकुर जी को जलविहार करवाया गया.

गोविंद देवजी मंदिर में जल विहार
गोविंद देवजी मंदिर में जल विहार (ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 23, 2024, 8:17 PM IST

गोविंद देवजी मंदिर में जल विहार (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. बुद्ध पूर्णिमा से ठाकुर जी को जल विहार के जरिए नौ तपा और गर्म हवाओं से राहत देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. अगले 12 दिनों तक ठाकुर जी को जलविहार करवाया जाएगा. जयपुर के आराध्य श्री गोविंद देव जी मंदिर में इस दौरान दोपहर 12:30 बजे से जल यात्रा के जरिए ठाकुर जी को राहत दी जाएगी.

जल यात्रा में रियासत कालीन चांदी से बनी कमल आकृति वाली हौदी में गोविन्द देवजी को विराजमान कराया गया है. हौदी में चांदी के 8-10 फव्वारे लगे हुए हैं, साथ ही तांबे और पीतल के भी फव्वारे लगाए गए हैं, जिससे ठाकुर जी को भीषण गर्मी के बीच शीतलता मिले.

इसे भी पढ़ें-ठाकुर जी को कराया जाएगा जलविहार, गर्भगृह में रियासत कालीन चांदी का फव्वारा देगा शीतलता - Govind Devji Jal Yatra Utsav

खास चंदन का लेप और ठंडे फलों का भोग : बुद्ध पूर्णिमा से अगले 12 दिन गोविंद देव जी मंदिर में जल विहार की झांकी होगी. इस दौरान ठाकुरजी जहां चांदी के फव्वारे का आनंद लेंगे, वहीं सूती धोती भी धारण करेंगे. इस मौके पर राधा-गोविंद देवजी का मोगरे से विशेष श्रृंगार किया जाता है. जल यात्रा के दौरान ठाकुर जी को पांच तरीके के फल तरबूज, आम, जामुन, लीची और फालसे सहित अन्य ऋतु फल अर्पित किए जा रहे हैं. वहीं, खस और गुलाब के शरबत का भी भोग लगाया जा रहा है. इस जल विहार के दौरान ठाकुरजी को दक्षिण भारत से मंगवाए खास चंदन का लेप लगाया जाता है.

गोविंद देवजी मंदिर में जल विहार (ETV Bharat Jaipur)

जयपुर. बुद्ध पूर्णिमा से ठाकुर जी को जल विहार के जरिए नौ तपा और गर्म हवाओं से राहत देने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं. अगले 12 दिनों तक ठाकुर जी को जलविहार करवाया जाएगा. जयपुर के आराध्य श्री गोविंद देव जी मंदिर में इस दौरान दोपहर 12:30 बजे से जल यात्रा के जरिए ठाकुर जी को राहत दी जाएगी.

जल यात्रा में रियासत कालीन चांदी से बनी कमल आकृति वाली हौदी में गोविन्द देवजी को विराजमान कराया गया है. हौदी में चांदी के 8-10 फव्वारे लगे हुए हैं, साथ ही तांबे और पीतल के भी फव्वारे लगाए गए हैं, जिससे ठाकुर जी को भीषण गर्मी के बीच शीतलता मिले.

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खास चंदन का लेप और ठंडे फलों का भोग : बुद्ध पूर्णिमा से अगले 12 दिन गोविंद देव जी मंदिर में जल विहार की झांकी होगी. इस दौरान ठाकुरजी जहां चांदी के फव्वारे का आनंद लेंगे, वहीं सूती धोती भी धारण करेंगे. इस मौके पर राधा-गोविंद देवजी का मोगरे से विशेष श्रृंगार किया जाता है. जल यात्रा के दौरान ठाकुर जी को पांच तरीके के फल तरबूज, आम, जामुन, लीची और फालसे सहित अन्य ऋतु फल अर्पित किए जा रहे हैं. वहीं, खस और गुलाब के शरबत का भी भोग लगाया जा रहा है. इस जल विहार के दौरान ठाकुरजी को दक्षिण भारत से मंगवाए खास चंदन का लेप लगाया जाता है.

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