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मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी बोले- पिता की तरह गरीबों-मजलूमों के लिए लड़ेंगे - Death of Mukhtar Ansari

मुख्तार अंसारी (Death of Mukhtar Ansar) के छोटे बेटे उमर अंसारी ने अपने पिता की तरह गरीबों और मजलूमों के लिए लड़ाई लड़ने का ऐलान किया है. पिता को माफिया कहने के सवाल पर कहा कि उनकी कब्र पर पहुंची भीड़ ने ऐसे लोगों का जनाजा निकाल दिया है.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Apr 5, 2024, 2:19 PM IST

मीडिया से मुखातिब मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी.

गाजीपुर : मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद के काली बाग में मुख्तार के कब्र पर लोग लगातार पहुंच रहे हैं और मिट्टी देकर श्रद्धांजलि दे रहे हैं. इस दौरान मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने मीडिया से कई बातें साझा कीं. उमर अंसारी ने कहा कि आरोप तो खुद पिताजी ने 25 मार्च को ही लगा दिया था. हम तो उनके बाद से कहना शुरू किए हैं. कोई व्यक्ति जो बिल्कुल फिट हो और खाना खाने के बाद अचानक बीमार हो जाए और बेहोश होकर गिर जाए तो जाहिर सी बात है कि खाने में गड़बड़ी थी. 26 तारीख को जब बेहोश होकर गिर गए थे तो उनको आईसीयू में भर्ती किया गया था. कोई आईसीयू में स्वस्थ भी हो जाता है तो उसे ऑब्जरवेशन में रखा जाता है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इससे हमारे आरोप सही साबित हो जा रहे हैं.

उमर अंसारी ने कहा कि 28 मार्च को मेरी उनके (मुख्तार अंसारी) इंतकाल के तीन घंटे पहले बात हुई थी. इसका ऑडियो वायरल है. मैंने साफ तौर पर कहा है कि स्वाभाविक मौत नहीं है, बल्कि सुनियोजित हत्या है. अब्बास अंसारी को लेकर उमर ने कहा कि हमारे बड़े भाई अब्बास अंसारी विधायक हैं और सुप्रीम कोर्ट बंद होने की वजह से पैरोल नहीं मिला और वे नहीं आ सके. उमर ने कहा कि हमारे पिता (मुख्तार अंसारी) गरीबों की मदद करते थे. अब लड़ाई का वहीं रास्ता मेरे लिए छोड़ गए हैं. अब गरीबों की मदद करेंगे और उनके साथ खड़े रहेंगे.

उमर ने बताया कि पिता (मुख्तार अंसारी) के कब्र को देखने के लिए कतर, दुबई, मॉरीशस, सिंगापुर, इंग्लैंड से लोग कॉल कर रहे हैं. क्षेत्र के लोग लगातार कब्र पर आ रहे हैं. मेरे पिता को कोई कुछ भी कहे, असल में वह गरीबों के रहनुमा थे. वह ढाल बनकर खड़े रहे तो कभी तलवार बनाकर लड़े. वास्तव में जनाजे के दिन उन्हें माफिया और गुंडा कहने वालों का जनाजा निकला था. मां अफसा अंसारी को लेकर उमर ने कहा कि कानूनी रूप से हम अपनी लड़ाई को जारी रखेंगे. 40वें से पहले अब्बास को भी लाने की कोशिश करेंगे.

यह भी पढ़ें : माफिया मुख्तार अंसारी मौत मामले में बाराबंकी कोर्ट ने एफआईआर दर्ज की मांग को किया खारिज - Mukhtar Ansari Case

यह भी पढ़ें : मुख्तार अंसारी मौत मामला: मजिस्ट्रियल जांच को लेकर एडीएम ने जारी की नोटिस, 15 अप्रैल तक दे सकते हैं मौत से जुड़े सबूत या बयान - Mukhtar Ansari Death Case

मीडिया से मुखातिब मुख्तार अंसारी के बेटे उमर अंसारी.

गाजीपुर : मुख्तार अंसारी की मौत के बाद गाजीपुर जिले के मोहम्मदाबाद के काली बाग में मुख्तार के कब्र पर लोग लगातार पहुंच रहे हैं और मिट्टी देकर श्रद्धांजलि दे रहे हैं. इस दौरान मुख्तार अंसारी के छोटे बेटे उमर अंसारी ने मीडिया से कई बातें साझा कीं. उमर अंसारी ने कहा कि आरोप तो खुद पिताजी ने 25 मार्च को ही लगा दिया था. हम तो उनके बाद से कहना शुरू किए हैं. कोई व्यक्ति जो बिल्कुल फिट हो और खाना खाने के बाद अचानक बीमार हो जाए और बेहोश होकर गिर जाए तो जाहिर सी बात है कि खाने में गड़बड़ी थी. 26 तारीख को जब बेहोश होकर गिर गए थे तो उनको आईसीयू में भर्ती किया गया था. कोई आईसीयू में स्वस्थ भी हो जाता है तो उसे ऑब्जरवेशन में रखा जाता है, लेकिन ऐसा नहीं किया गया. इससे हमारे आरोप सही साबित हो जा रहे हैं.

उमर अंसारी ने कहा कि 28 मार्च को मेरी उनके (मुख्तार अंसारी) इंतकाल के तीन घंटे पहले बात हुई थी. इसका ऑडियो वायरल है. मैंने साफ तौर पर कहा है कि स्वाभाविक मौत नहीं है, बल्कि सुनियोजित हत्या है. अब्बास अंसारी को लेकर उमर ने कहा कि हमारे बड़े भाई अब्बास अंसारी विधायक हैं और सुप्रीम कोर्ट बंद होने की वजह से पैरोल नहीं मिला और वे नहीं आ सके. उमर ने कहा कि हमारे पिता (मुख्तार अंसारी) गरीबों की मदद करते थे. अब लड़ाई का वहीं रास्ता मेरे लिए छोड़ गए हैं. अब गरीबों की मदद करेंगे और उनके साथ खड़े रहेंगे.

उमर ने बताया कि पिता (मुख्तार अंसारी) के कब्र को देखने के लिए कतर, दुबई, मॉरीशस, सिंगापुर, इंग्लैंड से लोग कॉल कर रहे हैं. क्षेत्र के लोग लगातार कब्र पर आ रहे हैं. मेरे पिता को कोई कुछ भी कहे, असल में वह गरीबों के रहनुमा थे. वह ढाल बनकर खड़े रहे तो कभी तलवार बनाकर लड़े. वास्तव में जनाजे के दिन उन्हें माफिया और गुंडा कहने वालों का जनाजा निकला था. मां अफसा अंसारी को लेकर उमर ने कहा कि कानूनी रूप से हम अपनी लड़ाई को जारी रखेंगे. 40वें से पहले अब्बास को भी लाने की कोशिश करेंगे.

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