देहरादूनः उत्तराखंड कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव की तैयारियों को तेज कर दिया है. कुमारी शैलजा के उत्तराखंड कांग्रेस प्रभारी बनने और उत्तराखंड में कांग्रेस पदाधिकारियों के साथ बैठक करने के बाद न सिर्फ कांग्रेस में हलचल बढ़ी है बल्कि चुनावी रणनीतियों पर काम भी शुरू हो गया है. हालांकि, वो बात अलग है कि पिछले कुछ समय में कोटद्वार और देहरादून में कांग्रेस के पूर्व नेताओं ने पार्टी का दामन छोड़ा हो लेकिन वर्तमान समय में कांग्रेस अपनी स्थितियों को मजबूत करने के साथ ही पांचों लोकसभा सीटों के लिए मजबूत प्रत्याशी के चयन पर विशेष जोर दे रही है.
उत्तराखंड में सभी राजनीतिक दलों ने चुनावी तैयारियां तेज कर दी है. प्रदेश की दोनों मुख्य पार्टी भाजपा और कांग्रेस इस लोकसभा चुनाव में प्रदेश की पांचों सीटों को जीतने के लिए रणनीतियों पर काम कर रही है. लोकसभा चुनाव के लिए भाजपा का फोकस कुनबा बढ़ाने पर है. जबकि कांग्रेस कुनबा बढ़ाने के साथ ही चुनाव के लिए मजबूत प्रत्याशी के चयन की कवायद में जुटी हुई है. यही कारण है कि चुनावी रणनीतियों को धार देने को लेकर कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा कई बार उत्तराखंड दौरे पर आ चुकी हैं.
हाल ही में कुमारी शैलजा के देहरादून दौरे के दौरान कांग्रेस में बड़ी हलचल देखी गई. दौरे के दौरान कुमारी शैलजा ने प्रदेश के लगभग सभी वरिष्ठ नेताओं से वन-टू-वन बातचीत कर न सिर्फ उनकी राय जानी बल्कि प्रदेश की स्तिथियों को परखा और जाना भी है. मुख्य रूप से कुमारी शैलजा का हाल ही में हुआ दौरा आगामी चुनाव के लिए इसलिए भी महत्वपूर्ण रहा, क्योंकि इस दौरे के दौरान शैलजा ने नेताओं की नब्ज टटोली. ताकि लोकसभा चुनाव में मजबूत प्रत्याशी को चुनावी अखाड़े में उतारा जा सके. यही वजह है कि कांग्रेस को प्रदेश प्रभारी कुमारी शैलजा से काफी उम्मीदें हैं.
कांग्रेस के प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा दत्त जोशी ने कहा कि प्रदेश प्रभारी का दौरा काफी महत्वपूर्ण रहा है. क्योंकि इससे कार्यकर्ताओं में नई ऊर्जा का संचार हुआ है. प्रदेश प्रभारी ने बूथ कमेटियों को मजबूत करने को कहा है. साथ ही जिला अध्यक्षों से संगठन को लेकर विस्तृत रूप से चर्चा की है. प्रदेश प्रभारी का मार्गदर्शन प्राप्त हुआ है. प्रदेश उपाध्यक्ष मथुरा ने कहा कि पिछले 10 सालों में पहली बार किसी प्रदेश प्रभारी ने बहुत ही शालीनता के साथ नेताओं की बातों को सुना है.
वहीं, भाजपा के प्रदेश प्रवक्ता सुरेश जोशी ने कहा कि लोकतंत्र में विपक्ष का मजबूत होना बहुत जरूरी है. कांग्रेस की प्रदेश प्रभारी देहरादून आईं तो उन्होंने अपने कार्यकर्ताओं को जरूर तमाम मार्गदर्शन दिए होंगे. लेकिन आगामी लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को कुछ भी नहीं मिलेगा. क्योंकि कांग्रेस की खोई हुई प्रतिष्ठा को वापस लाने में कांग्रेस को कई दशक लगेंगे. इसकी मुख्य वजह है कि विपक्ष में रहकर कांग्रेस मुद्दों को उठाने की जगह विरोध की राजनीति कर रही है. ऐसे में कांग्रेस कैसे मजबूत होगी.
ये भी पढ़ेंः लोकसभा चुनाव लड़ेंगी उत्तराखंड कांग्रेस की तीन महिला नेत्रियां! स्क्रीनिंग कमेटी के सामने रखा पक्ष, ये रहे नाम