अलवर. साल 2020 और 2021 का वो समय लोगों के जेहन में आज भी ताजा है, जब लोग घरों में कैद हो गए थे. अस्पतालों में ऑक्सीजन सिलेंडर न मिलने से हजारों लोगों ने अपनी जान गंवाई थी, सब स्थिर हो चुका था. मानो समय ठहर सा गया हो. एक वायरस ने पूरी दुनिया में कहर बरपाया था. ऐसे समय में अलवर के युवाओं ने एक समूह बनाकर जरूरतमंद लोगों को खाना मुहैया कराया. कोरोना काल की दूसरी लहर से शुरू हुई यह मुहिम आज तक जारी है. यहां हर दिन 1 हजार से ज्यादा लोग सुबह व शाम के समय खाना खाते हैं. इस खाने की कीमत सुन आप चौंक जाएंगे, क्योंकि संस्था इसके लिए सिर्फ एक रुपए लेती है. यह संस्था है अलवर की विजन संस्था, जो अब तक 12 लाख से ज्यादा लोगों को भोजन मुहैया करा चुकी है.
विजन संस्थान के सदस्य हिमांशु शर्मा ने बताया कि कोरोना काल के समय युवाओं ने जरूरतमंद लोगों को खाना खिलाने की सोच को अमल में लाया. उस समय हमें यह विश्वास नहीं था कि हम लगातार इस कार्य को जारी रख पाएंगे. लेकिन हमारी इस मुहिम को जन सहयोग मिला और आज यह लगातार 1053 दिन तक बिना रुके संचालित हो रही है. शुरुआती समय में हमारे यहां कम संख्या में लोगों को भोजन कराने की व्यवस्था थी. उस समय खाने की कीमत 10 रूपए रखी गई थी, लेकिन आज यह कीमत 1 रुपए है.
हिमांशु ने बताया कि हमारे यहां एक दिन में एक हजार से ज्यादा लोग खाना खाते हैं. मुहिम की शुरुआत हुई तब हमें पता लगा कि कई लोग ऐसे हैं जिन्हें एक समय का खाना भी नहीं मिल पा रहा. उस समय हमारी टीम में 138 लोग जुड़े थे. तब हमने यह डिसाइड किया कि यदि हमें यहां से जन सहयोग नहीं मिलता, तो सब अपने-अपने घर से थोड़ा-थोड़ा खाना लाकर लोगों में बाटेंगे, लेकिन शुरुआत से ही हमें जन सहयोग मिला. अब लोग अपने बच्चों को यहां पर लेकर आते हैं जिससे कि वह इस मुहीम में सेवा कर सके. हिमांशु ने बताया कि यहां किसी भी सरकारी एग्जाम में बैठने वाले अन्य जिलों के अभ्यर्थियों के लिए खाने का प्रबंध किया जाता है. तो बाहर से आने वाले पर्यटकों के लिए भी. इलेक्शन का मोर्चा संभाल रही फोर्स ने भी यहां खाना खाया है.
यह रहता है मेनू : हिमांशु शर्मा ने बताया कि पहले ही दिन से हमारी थाली में रोटी, सब्जी, चावल, दाल, एक मिठाई व एक फल लोगों को खाने के लिए मिलता है. दाल बिना मसाले व बिना तेल की बनाई जाती है, जिससे कि अस्पताल में मरीज भी इसे आसानी से खा सके.
लोग यहां मना रहे एनिवर्सरी व बर्थडे : हिमांशु शर्मा ने बताया कि अब लोग हमारे साथ जुड़कर अपने स्पेशल दिन भी मनाते हैं. लोग अपने बर्थडे, एनिवर्सरी, पुण्यतिथि के दिन यहां आकर लोगों को खाना खिलाते हैं व एक दिन के खाने का सहयोग करते हैं. साथ ही लोगों के साथ यहीं बैठकर खाना खाते हैं. हिमांशु ने बताया कि हमारी टीम लोगों के साथ हर त्योहार मनाती है. इसी के चलते लगातार हमारी यह मुहीम सफलता पूर्वक संचालित हो रही है. हमारी यह कोशिश रहती है कि जो भी व्यक्ति हमारे यहां पर आए उसे खाना जरूर मुहैया कराया जाए.
इसलिए चुनी यह जगह : हिमांशु शर्मा ने बताया कि अलवर शहर की बिजली घर सर्कल को इस मुहिम के लिए इसलिए चुना गया क्योंकि इस सर्कल के पास अलवर शहर की तीन बड़े अस्पताल संचालित हो रहे हैं. इसमे मरीज़ के साथ आने वाले अटेंडेंट भी हमारे यहां पर खाना खा सके. हमारी ओर से सुबह 9 बजे व शाम 7:30 बजे से लोगों को खाना खिलाने की शुरुआत होती है.