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अजमेर में बाल श्रम में लगे 6 बच्चों का रेस्क्यू, फैक्ट्री मालिक के खिलाफ दर्ज हुआ मुकदमा - Child labor in ajmer - CHILD LABOR IN AJMER

अजमेर में पुलिस की मानव तस्करी यूनिट की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए एक फैक्ट्री पर छापा मारकर छह बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है.

बाल श्रम में लगे बच्चों का रेस्क्यू
बाल श्रम में लगे बच्चों का रेस्क्यू (Photo ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : May 22, 2024, 8:38 PM IST

अजमेर में बाल श्रमिक मुक्त (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर. पुलिस की मानव तस्करी यूनिट की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बडल्या गांव में एक डिस्पोजल फैक्ट्री से छह बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है. इन बच्चों में पांच लड़कियां हैं, जबकि एक लड़का है. कार्रवाई में अजमेर की चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम भी मौजूद रही. बाल श्रमिकों को जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य रूपेश कुमार के समक्ष पेश किया गया है. फैक्ट्री मालिक के खिलाफ आदर्श नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाने की कार्रवाई समिति के आदेश से की जा रही है.

अजमेर में मानव तस्करी यूनिट के प्रभारी इंस्पेक्टर हरीश चौधरी ने बताया कि बड़लिया में स्थित एक डिस्पोजल फैक्ट्री में बच्चों से श्रम करवाने की सूचना मिली थी. सूचना की पुष्टि होने के बाद टीम बनाकर फैक्ट्री पर छापा मारा गया. मौके पर छह बच्चे बाल श्रम करते पाए गए. इन बच्चों को रेस्क्यू कर बाल श्रम से मुक्त करवाया गया है. उन्होंने बताया कि पुरानी बिजली के मीटर से कॉपर अन्य धातुओं को निकालने का काम फैक्ट्री में किया जा रहा था. बाल श्रमिकों में शामिल पांच लड़कियों को लोहागल स्थित बालिका गृह भेजा गया है, जबकि एक बालक को पंचशील स्थित बलदेव नगर में चंचल केयर होम में रखा है.

इसे भी पढ़ें-चित्तौड़गढ़ के दो ईंट भट्टों से मुक्त कराए गए 36 बाल श्रमिक, भट्टा संचालकों के खिलाफ मामला दर्ज

नहीं आए बच्चों के अभिभावक : कार्रवाई को अंजाम देने के बाद फैक्ट्री से रेस्क्यू किए बच्चों के अभिभावक नहीं आए. बाल श्रमिकों में 5 लड़कियां है, जिनकी उम्र महज 11 से 15 वर्ष तक है. एक 11 वर्षीय लड़का मध्य प्रदेश का रहने वाला है. दरअसल, उसका पिता फैक्ट्री में ही चौकीदारी का काम करता है. बच्चों से सुबह 9 से शाम 6 बजे तक काम लिया जाता था. इसकी एवज में लड़कियों को 100 से 150 रुपए और बालक को 50 रुपए दिहाड़ी मिलती थी. मामले में फैक्ट्री मालिक कपिल जैन के खिलाफ नवीन किशोर न्याय अधिनियम 1986 के तहत संबंधित आदर्श नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.

अजमेर में बाल श्रमिक मुक्त (ETV Bharat Ajmer)

अजमेर. पुलिस की मानव तस्करी यूनिट की टीम ने बड़ी कार्रवाई करते हुए बडल्या गांव में एक डिस्पोजल फैक्ट्री से छह बाल श्रमिकों को मुक्त करवाया है. इन बच्चों में पांच लड़कियां हैं, जबकि एक लड़का है. कार्रवाई में अजमेर की चाइल्ड हेल्पलाइन की टीम भी मौजूद रही. बाल श्रमिकों को जिला बाल कल्याण समिति के सदस्य रूपेश कुमार के समक्ष पेश किया गया है. फैक्ट्री मालिक के खिलाफ आदर्श नगर थाने में मुकदमा दर्ज करवाने की कार्रवाई समिति के आदेश से की जा रही है.

अजमेर में मानव तस्करी यूनिट के प्रभारी इंस्पेक्टर हरीश चौधरी ने बताया कि बड़लिया में स्थित एक डिस्पोजल फैक्ट्री में बच्चों से श्रम करवाने की सूचना मिली थी. सूचना की पुष्टि होने के बाद टीम बनाकर फैक्ट्री पर छापा मारा गया. मौके पर छह बच्चे बाल श्रम करते पाए गए. इन बच्चों को रेस्क्यू कर बाल श्रम से मुक्त करवाया गया है. उन्होंने बताया कि पुरानी बिजली के मीटर से कॉपर अन्य धातुओं को निकालने का काम फैक्ट्री में किया जा रहा था. बाल श्रमिकों में शामिल पांच लड़कियों को लोहागल स्थित बालिका गृह भेजा गया है, जबकि एक बालक को पंचशील स्थित बलदेव नगर में चंचल केयर होम में रखा है.

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नहीं आए बच्चों के अभिभावक : कार्रवाई को अंजाम देने के बाद फैक्ट्री से रेस्क्यू किए बच्चों के अभिभावक नहीं आए. बाल श्रमिकों में 5 लड़कियां है, जिनकी उम्र महज 11 से 15 वर्ष तक है. एक 11 वर्षीय लड़का मध्य प्रदेश का रहने वाला है. दरअसल, उसका पिता फैक्ट्री में ही चौकीदारी का काम करता है. बच्चों से सुबह 9 से शाम 6 बजे तक काम लिया जाता था. इसकी एवज में लड़कियों को 100 से 150 रुपए और बालक को 50 रुपए दिहाड़ी मिलती थी. मामले में फैक्ट्री मालिक कपिल जैन के खिलाफ नवीन किशोर न्याय अधिनियम 1986 के तहत संबंधित आदर्श नगर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया है.

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